Skin To Skin Contact
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सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने बताया भीगे बादाम को खाने से पहले ये चीज कर लें, फिर कैंसर का खतरा हो जाएगा कम
- Sunday September 8, 2024
- Edited by: अनु चौहान
अगर आपको बादाम खाने का सही तरीका नहीं पता है तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है. अगर बादाम खाने के इस तरीके को नहीं अपनाया तो कैंसर का खतरा पैदा हो सकता है. जानिए क्या है बादाम खाने का सबसे सही तरीका.
- ndtv.in
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बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के लिए 'स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट' ज़रूरी नहीं : सुप्रीम कोर्ट का बेहद अहम फैसला
- Thursday November 18, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पॉक्सो का उद्देश्य बच्चों को यौन शोषण से बचाना है. ऐसी संकीर्ण व्याख्या हानिकारक होगी. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है. मामले के आरोपी को तीन साल की सजा दी गई है.
- ndtv.in
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नाबालिग लड़की का हाथ पकड़ना, पैंट की ज़िप खोलना, पॉक्सो के तहत यौन हमला नहीं : बॉम्बे हाईकोर्ट
- Thursday January 28, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: वंदना
बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा द्वारा स्किन टू स्किन (Skin to Skin Contact) फैसले के बाद बच्चों से यौन अपराध पर बॉम्बे हाईकोर्ट का एक और फैसला आया है. कोर्ट के मुताबिक- नाबालिग लड़की का हाथ पकड़ना और पैंट की ज़िप खोलना, POCSO के तहत यौन हमला नहीं है. ये IPC की धारा 354 के तहत यौन उत्पीड़न के तहत अपराध है
- ndtv.in
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'स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट के बिना छूना यौन अपराध नहीं' वाले बॉम्बे HC के फैसले पर SC ने लगाई रोक
- Wednesday January 27, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव
पॉक्सो के एक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट से बरी किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में CJI ने कहा कि हाईकोर्ट से विस्तृत जानकारी तलब करेंगे. बता दें कि अटॉर्नी जनरल ने अदालत में इस मामले को उठाया था. इस फैसले में आरोपी को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था, जो पॉक्सो के तहत आरोपी था, सिर्फ इस आधार पर, उसका बच्चे के साथा सीधा शारीरिक संपर्क नहीं हुआ है. इस पर अटॉर्नी जनरल ने सवाल उठाते हुए इसे खतरनाक बताया था. जिसके बाद उच्चतम न्यायलय ने इस पर रोक लगाते हुए आरोपी को बरी करने पर भी रोक लगा दी है.
- ndtv.in
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'नाबालिग की ब्रेस्ट को 'स्किन टू स्किन' कॉन्टैक्ट के बिना छूना यौन अपराध नहीं' वाले फैसले को SC में चुनौती
- Wednesday January 27, 2021
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव
बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ की न्यायमूर्ति पुष्पा गनेडीवाला ने 19 जनवरी को पारित एक आदेश में कहा कि यौन हमले का कृत्य माने जाने के लिए ‘‘यौन मंशा से त्वचा से त्वचा का संपर्क (Skin to Skin Contact) होना'' जरूरी है. महज छूना भर यौन हमले की परिभाषा में नहीं आता है.
- ndtv.in
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'यौन हमले के लिए स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट जरूरी' वाले बॉम्बे HC के फैसले की निंदा, ओवैसी ने कही ये बात
- Monday January 25, 2021
- Edited by: पवन पांडे
बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने एक आदेश में कहा कि यौन हमले का कृत्य माने जाने के लिए ‘‘यौन मंशा से त्वचा से त्वचा का संपर्क (Skin to Skin Contact) होना’’ जरूरी है. ओवैसी ने महाराष्ट्र सरकार से इस फैसले के खिलाफ अपील करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो बच्चों की रक्षा के लिए किया जा रहा संघर्ष कमजोर पड़ जाएगा.
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सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने बताया भीगे बादाम को खाने से पहले ये चीज कर लें, फिर कैंसर का खतरा हो जाएगा कम
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- Edited by: अनु चौहान
अगर आपको बादाम खाने का सही तरीका नहीं पता है तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है. अगर बादाम खाने के इस तरीके को नहीं अपनाया तो कैंसर का खतरा पैदा हो सकता है. जानिए क्या है बादाम खाने का सबसे सही तरीका.
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बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के लिए 'स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट' ज़रूरी नहीं : सुप्रीम कोर्ट का बेहद अहम फैसला
- Thursday November 18, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पॉक्सो का उद्देश्य बच्चों को यौन शोषण से बचाना है. ऐसी संकीर्ण व्याख्या हानिकारक होगी. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है. मामले के आरोपी को तीन साल की सजा दी गई है.
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- Thursday January 28, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: वंदना
बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा द्वारा स्किन टू स्किन (Skin to Skin Contact) फैसले के बाद बच्चों से यौन अपराध पर बॉम्बे हाईकोर्ट का एक और फैसला आया है. कोर्ट के मुताबिक- नाबालिग लड़की का हाथ पकड़ना और पैंट की ज़िप खोलना, POCSO के तहत यौन हमला नहीं है. ये IPC की धारा 354 के तहत यौन उत्पीड़न के तहत अपराध है
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'स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट के बिना छूना यौन अपराध नहीं' वाले बॉम्बे HC के फैसले पर SC ने लगाई रोक
- Wednesday January 27, 2021
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पॉक्सो के एक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट से बरी किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में CJI ने कहा कि हाईकोर्ट से विस्तृत जानकारी तलब करेंगे. बता दें कि अटॉर्नी जनरल ने अदालत में इस मामले को उठाया था. इस फैसले में आरोपी को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था, जो पॉक्सो के तहत आरोपी था, सिर्फ इस आधार पर, उसका बच्चे के साथा सीधा शारीरिक संपर्क नहीं हुआ है. इस पर अटॉर्नी जनरल ने सवाल उठाते हुए इसे खतरनाक बताया था. जिसके बाद उच्चतम न्यायलय ने इस पर रोक लगाते हुए आरोपी को बरी करने पर भी रोक लगा दी है.
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- Wednesday January 27, 2021
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव
बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ की न्यायमूर्ति पुष्पा गनेडीवाला ने 19 जनवरी को पारित एक आदेश में कहा कि यौन हमले का कृत्य माने जाने के लिए ‘‘यौन मंशा से त्वचा से त्वचा का संपर्क (Skin to Skin Contact) होना'' जरूरी है. महज छूना भर यौन हमले की परिभाषा में नहीं आता है.
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- Edited by: पवन पांडे
बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने एक आदेश में कहा कि यौन हमले का कृत्य माने जाने के लिए ‘‘यौन मंशा से त्वचा से त्वचा का संपर्क (Skin to Skin Contact) होना’’ जरूरी है. ओवैसी ने महाराष्ट्र सरकार से इस फैसले के खिलाफ अपील करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो बच्चों की रक्षा के लिए किया जा रहा संघर्ष कमजोर पड़ जाएगा.
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