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ड्रोन, मिसाइल और हाइपरसोनिक हथियार, अपनी सेना जानिए कितनी तैयार
- Friday February 28, 2025
- Written by: राजीव रंजन, Edited by: प्रभांशु रंजन
इस समय दुनिया में हो रहे यु्द्धों में ड्रोन, मिसाइल, हाइपरसोनिक हथियारों का खूब इस्तेमाल हो रहा है. इन चुनौतियों से निपटने के लिए भारत कितनी तैयार है? इस मसले पर पुणे में भारतीय सेना ने एक सेमिनार में मंथन किया.
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क्या भारत से फ्रांस खरीदेगा खतरनाक पिनाका मिसाइल सिस्टम? पीएम मोदी ने दिया ऑफर
- Friday February 14, 2025
- Reported by: राजीव रंजन, Edited by: पीयूष जयजान
पिनाका मिसाइल सिस्टम दरअसल शिव के धनुष को कहते हैं, इस धनुष से राक्षस और पापी भय खाते थे. पिनाका एक ख़तरनाक हथियार है जो सामने वाले को संभलने का मौक़ा तक नहीं देता.
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ब्रह्मोस, जानें बिना चले यह देसी मिसाइल कैसे भारत को बड़ी जीत दिला रही
- Tuesday October 29, 2024
- Written by: चंदन वत्स
ब्रह्मोस मिसाइलों को हासिल करने के लिए बातचीत कर रहे कई देशों में से, खासकर संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जल्द ही इन्हें खरीद सकता है. वहीं वियतनाम और इंडोनेशिया भी इसी डील को लेकर चर्चा कर रहे हैं.
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VIDEO: भारत ने फिलीपींस को सौंपीं ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें, दो साल पहले हुई थी डील
- Friday April 19, 2024
- Reported by: ANI, Edited by: सूर्यकांत पाठक
भारत ने साल 2022 में फिलीपींस के साथ किए गए 375 मिलियन डॉलर के समझौते के तहत शुक्रवार को फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें सौंपीं. भारतीय वायु सेना ने फिलीपींस के मरीन कॉर्प्स को वैपन सिस्टम पहुंचाने के लिए अपने अमेरिकी सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान को भेजा. भारत ने पहली बार ब्रह्मोस मिसाइलें किसी देश को भेजी हैं.
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क्यों खास है भारत को रूस से मिला एयर डिफेंस सिस्टम S-400? दुश्मन के हर वार को हवा में कर देगा नष्ट
- Tuesday October 31, 2023
- Reported by: राजीव रंजन
भारत ने इस एयर डिफेंस सिस्टम को रूस से खरीदा है. फिलहाल भारत को तीन स्क्वाड्रन मिल चुके हैं और बाकी के दो स्क्वाड्रन एक साल के भीतर मिल जाएंगे.
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अमेरिकी राष्ट्रपति से भारत के खिलाफ CAATSA के तहत पाबंदियां नहीं लगाने की अपील
- Wednesday October 27, 2021
- Reported by: भाषा
यह कानून राष्ट्रपति को ऐसे मामलों में प्रतिबंधों को लागू करने में अतिरिक्त विवेक का इस्तेमाल करने का अधिकार देता है, जिनमें छूट देने से अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को बढ़ावा मिलता हो.'
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अमेरिका : मिसाइल प्रणाली खरीद को लेकर भारत पर प्रतिबंध नहीं लगाने का राष्ट्रपति बाइडन से आग्रह
- Wednesday October 27, 2021
- Reported by: भाषा
बाइडन को लिखे पत्र में डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर मार्क वार्नर और रिपब्लिकन पार्टी के जॉन कॉर्निन ने राष्ट्रपति बाइडन से आग्रह किया कि सीएएटीएसए के तहत राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए भारत को इसके प्रावधानों से छूट दी जानी चाहिए.
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रूस से S-400 खरीदना भारत के लिए खड़ा कर सकता है 'मुश्किल', अमेरिकी पाबंदियों की चेतावनी : रिपोर्ट
- Tuesday January 5, 2021
- Reported by: भाषा
भारत ने इस मिसाइल प्रणाली के लिए रूस को 2019 में 80 करोड डॉलर की पहली किश्त का भुगतान किया. एस-400 रूस की सबसे उन्नत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के रूप में जानी जाती है. पिछले महीने रूस ने कहा था कि अमेरिकी पाबंदियों की धमकी के बावजूद एस-400 मिसाइल प्रणाली की पहले खेप की आपूर्ति समेत वर्तमान रक्षा सौदों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है.
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रिपोर्ट : भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है अमेरिका, रूस से अरबों डॉलर के मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 के सौदे को लेकर नाराजगी
- Monday January 4, 2021
- Reported by: भाषा
S-400 रूस की सबसे उन्नत लंबी दूरी तक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के रूप में जानी जाती है. रूस ने कहा है कि अमेरिकी पाबंदियों की धमकी के बावजूद एस-400 मिसाइल प्रणाली की पहले खेप की आपूर्ति समय पर होगी.
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राफेल आने से पहले कांग्रेस ने हमर मिसाइल (HAMMER) सिस्टम पर उठाए 4 सवाल
- Monday July 27, 2020
- Written by: मानस मिश्रा
लोकसभा चुनाव में मुद्दा बन चुके राफेल विमानों की पहली खेप फ्रांस से उड़कर 27 जुलाई को अंबाला पहुंचेगी. इन विमानों की कीमतों को लेकर कांग्रेस लोकसभा चुनाव में मुद्दा बना चुकी है. वहीं इसमें लगने वाले हमर मिसाइल सिस्टम पर कांग्रेस की ओर से सवाल उठाए गए हैं. 23 जुलाई को खबर आई थी कि इन लड़ाकू में फ्रांस की हमर (HAMMER) से लैस की जाएगी. इन मिसाइलों की खास बात ये है कि 60 से 70 KM की रेंज में किसी भी टारगेट पर निशाना साध सकती हैं. यानी अगर पहाड़ो में भी दुश्मन अगर बंकर में छिपे हैं तो उनको निशाना बनाया जा सकता है.
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रूस ने कहा- 18-19 महीने में भारत में हो जायेगी S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी
- Monday September 9, 2019
- Reported by: ANI, Translated by: ऋतुराज त्रिपाठी
रूस के उप प्रधानमंत्री युरी बोरीसोव ने रविवार को कहा कि एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को तय शेड्यूल के तहत भारत पहुंचाया जाएगा. युरी ने रोसिया-1 से बात करते हुए कहा, 'एडवांस राशि मिल गई है इसलिए तय समय के मुताबिक इसकी डिलीवरी की जाएगी. इसमें 18 से 19 महीने लगेंगे.' बीते महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने समकक्ष सरगे लावरोव से द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा करने के लिए मॉस्को गए थे. बता दें कि भारत ने रूस के साथ 5.43 बिलियन यूएस डॉलर की डील की है.
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हथियार खरीदने में भारत की मदद के लिए तैयार अमेरिका, पर रखी एक खास शर्त
- Friday June 14, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
‘एस-400’ रूस का सबसे आधुनिक सतह से हवा तक लंबी दूरी वाला मिसाइल रक्षा तंत्र है. चीन 2014 में इस तंत्र की खरीद के लिए सरकार से सरकार के बीच करार करने वाला पहला देश बन गया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच पिछले वर्ष अक्टूबर में अनेक मुद्दों पर विचार विमर्श के बाद भारत और रूस के बीच पांच अरब डॉलर में ‘एस-400’ हवाई रक्षा तंत्र खरीद सौदे पर हस्ताक्षर हुए थे. विदेश मंत्रालय की विशेष अधिकारी एलिस जी वेल्स ने एशिया, प्रशांत एवं परमाणु अप्रसार के लिए विदेश मामलों में सदन की उपसमिति को बताया कि अमेरिका अब किसी अन्य देश के मुकाबले भारत के साथ सबसे अधिक सैन्य अभ्यास करता है.
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Flashback2018: बड़े रक्षा सौदे जिनसे बढ़ी भारत की ताकत
- Monday December 24, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
दुनिया में हथियार खरीदने वाले देशों में भारत का स्थान पहले नंबर पर आता है. इसमें सबसे बड़ा कारण भारत की भौगोलिक स्थिति है. भारत के पड़ोस में पाकिस्तान और चीन जैसे देश हैं. पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद के रूप में एक तरह से परोक्ष लड़ाई जारी ही रहती है तो दूसरी ओर चीन की गतिविधियां भी संदेह पैदा करती हैं. डोकलाम का मामला इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.
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‘एस-400 वायु रक्षा प्रणाली’ के लिए भारत और रूस के बीच करार - 10 खास बातें
- Friday October 5, 2018
- भाषा
अमेरिकी चेतावनी के बीच कई महीनों तक संतुलित रूप से आगे बढ़ने के बाद भारत ने रूस से एस-400 वायु रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए पांच अरब डॉलर के एक समझौते पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए. दरअसल, अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि रूस के साथ यह खास सौदा करने वाले राष्ट्रों के खिलाफ वह दंडात्मक प्रतिबंध लगाएगा. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. हालांकि, नई दिल्ली ने काफी संयमित रुख दिखाया है. शायद, अमेरिका के साथ अपने बेदाग संबंधों को कायम रखने की कोशिश के तहत इसने ऐसा किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन ने अपने - अपने संबद्ध प्रेस बयानों में एस-400 समझौते का जिक्र नहीं किया. सरकारी अधिकारियों ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर होने की सार्वजनिक घोषणा नहीं की. हालांकि, आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस पर रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी ने भारत की ओर से हस्ताक्षर किए हैं.
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ड्रोन, मिसाइल और हाइपरसोनिक हथियार, अपनी सेना जानिए कितनी तैयार
- Friday February 28, 2025
- Written by: राजीव रंजन, Edited by: प्रभांशु रंजन
इस समय दुनिया में हो रहे यु्द्धों में ड्रोन, मिसाइल, हाइपरसोनिक हथियारों का खूब इस्तेमाल हो रहा है. इन चुनौतियों से निपटने के लिए भारत कितनी तैयार है? इस मसले पर पुणे में भारतीय सेना ने एक सेमिनार में मंथन किया.
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क्या भारत से फ्रांस खरीदेगा खतरनाक पिनाका मिसाइल सिस्टम? पीएम मोदी ने दिया ऑफर
- Friday February 14, 2025
- Reported by: राजीव रंजन, Edited by: पीयूष जयजान
पिनाका मिसाइल सिस्टम दरअसल शिव के धनुष को कहते हैं, इस धनुष से राक्षस और पापी भय खाते थे. पिनाका एक ख़तरनाक हथियार है जो सामने वाले को संभलने का मौक़ा तक नहीं देता.
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ब्रह्मोस, जानें बिना चले यह देसी मिसाइल कैसे भारत को बड़ी जीत दिला रही
- Tuesday October 29, 2024
- Written by: चंदन वत्स
ब्रह्मोस मिसाइलों को हासिल करने के लिए बातचीत कर रहे कई देशों में से, खासकर संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जल्द ही इन्हें खरीद सकता है. वहीं वियतनाम और इंडोनेशिया भी इसी डील को लेकर चर्चा कर रहे हैं.
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VIDEO: भारत ने फिलीपींस को सौंपीं ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें, दो साल पहले हुई थी डील
- Friday April 19, 2024
- Reported by: ANI, Edited by: सूर्यकांत पाठक
भारत ने साल 2022 में फिलीपींस के साथ किए गए 375 मिलियन डॉलर के समझौते के तहत शुक्रवार को फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें सौंपीं. भारतीय वायु सेना ने फिलीपींस के मरीन कॉर्प्स को वैपन सिस्टम पहुंचाने के लिए अपने अमेरिकी सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान को भेजा. भारत ने पहली बार ब्रह्मोस मिसाइलें किसी देश को भेजी हैं.
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क्यों खास है भारत को रूस से मिला एयर डिफेंस सिस्टम S-400? दुश्मन के हर वार को हवा में कर देगा नष्ट
- Tuesday October 31, 2023
- Reported by: राजीव रंजन
भारत ने इस एयर डिफेंस सिस्टम को रूस से खरीदा है. फिलहाल भारत को तीन स्क्वाड्रन मिल चुके हैं और बाकी के दो स्क्वाड्रन एक साल के भीतर मिल जाएंगे.
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अमेरिकी राष्ट्रपति से भारत के खिलाफ CAATSA के तहत पाबंदियां नहीं लगाने की अपील
- Wednesday October 27, 2021
- Reported by: भाषा
यह कानून राष्ट्रपति को ऐसे मामलों में प्रतिबंधों को लागू करने में अतिरिक्त विवेक का इस्तेमाल करने का अधिकार देता है, जिनमें छूट देने से अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को बढ़ावा मिलता हो.'
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अमेरिका : मिसाइल प्रणाली खरीद को लेकर भारत पर प्रतिबंध नहीं लगाने का राष्ट्रपति बाइडन से आग्रह
- Wednesday October 27, 2021
- Reported by: भाषा
बाइडन को लिखे पत्र में डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर मार्क वार्नर और रिपब्लिकन पार्टी के जॉन कॉर्निन ने राष्ट्रपति बाइडन से आग्रह किया कि सीएएटीएसए के तहत राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए भारत को इसके प्रावधानों से छूट दी जानी चाहिए.
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रूस से S-400 खरीदना भारत के लिए खड़ा कर सकता है 'मुश्किल', अमेरिकी पाबंदियों की चेतावनी : रिपोर्ट
- Tuesday January 5, 2021
- Reported by: भाषा
भारत ने इस मिसाइल प्रणाली के लिए रूस को 2019 में 80 करोड डॉलर की पहली किश्त का भुगतान किया. एस-400 रूस की सबसे उन्नत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के रूप में जानी जाती है. पिछले महीने रूस ने कहा था कि अमेरिकी पाबंदियों की धमकी के बावजूद एस-400 मिसाइल प्रणाली की पहले खेप की आपूर्ति समेत वर्तमान रक्षा सौदों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है.
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रिपोर्ट : भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है अमेरिका, रूस से अरबों डॉलर के मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 के सौदे को लेकर नाराजगी
- Monday January 4, 2021
- Reported by: भाषा
S-400 रूस की सबसे उन्नत लंबी दूरी तक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के रूप में जानी जाती है. रूस ने कहा है कि अमेरिकी पाबंदियों की धमकी के बावजूद एस-400 मिसाइल प्रणाली की पहले खेप की आपूर्ति समय पर होगी.
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राफेल आने से पहले कांग्रेस ने हमर मिसाइल (HAMMER) सिस्टम पर उठाए 4 सवाल
- Monday July 27, 2020
- Written by: मानस मिश्रा
लोकसभा चुनाव में मुद्दा बन चुके राफेल विमानों की पहली खेप फ्रांस से उड़कर 27 जुलाई को अंबाला पहुंचेगी. इन विमानों की कीमतों को लेकर कांग्रेस लोकसभा चुनाव में मुद्दा बना चुकी है. वहीं इसमें लगने वाले हमर मिसाइल सिस्टम पर कांग्रेस की ओर से सवाल उठाए गए हैं. 23 जुलाई को खबर आई थी कि इन लड़ाकू में फ्रांस की हमर (HAMMER) से लैस की जाएगी. इन मिसाइलों की खास बात ये है कि 60 से 70 KM की रेंज में किसी भी टारगेट पर निशाना साध सकती हैं. यानी अगर पहाड़ो में भी दुश्मन अगर बंकर में छिपे हैं तो उनको निशाना बनाया जा सकता है.
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रूस ने कहा- 18-19 महीने में भारत में हो जायेगी S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी
- Monday September 9, 2019
- Reported by: ANI, Translated by: ऋतुराज त्रिपाठी
रूस के उप प्रधानमंत्री युरी बोरीसोव ने रविवार को कहा कि एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को तय शेड्यूल के तहत भारत पहुंचाया जाएगा. युरी ने रोसिया-1 से बात करते हुए कहा, 'एडवांस राशि मिल गई है इसलिए तय समय के मुताबिक इसकी डिलीवरी की जाएगी. इसमें 18 से 19 महीने लगेंगे.' बीते महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने समकक्ष सरगे लावरोव से द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा करने के लिए मॉस्को गए थे. बता दें कि भारत ने रूस के साथ 5.43 बिलियन यूएस डॉलर की डील की है.
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हथियार खरीदने में भारत की मदद के लिए तैयार अमेरिका, पर रखी एक खास शर्त
- Friday June 14, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
‘एस-400’ रूस का सबसे आधुनिक सतह से हवा तक लंबी दूरी वाला मिसाइल रक्षा तंत्र है. चीन 2014 में इस तंत्र की खरीद के लिए सरकार से सरकार के बीच करार करने वाला पहला देश बन गया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच पिछले वर्ष अक्टूबर में अनेक मुद्दों पर विचार विमर्श के बाद भारत और रूस के बीच पांच अरब डॉलर में ‘एस-400’ हवाई रक्षा तंत्र खरीद सौदे पर हस्ताक्षर हुए थे. विदेश मंत्रालय की विशेष अधिकारी एलिस जी वेल्स ने एशिया, प्रशांत एवं परमाणु अप्रसार के लिए विदेश मामलों में सदन की उपसमिति को बताया कि अमेरिका अब किसी अन्य देश के मुकाबले भारत के साथ सबसे अधिक सैन्य अभ्यास करता है.
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Flashback2018: बड़े रक्षा सौदे जिनसे बढ़ी भारत की ताकत
- Monday December 24, 2018
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दुनिया में हथियार खरीदने वाले देशों में भारत का स्थान पहले नंबर पर आता है. इसमें सबसे बड़ा कारण भारत की भौगोलिक स्थिति है. भारत के पड़ोस में पाकिस्तान और चीन जैसे देश हैं. पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद के रूप में एक तरह से परोक्ष लड़ाई जारी ही रहती है तो दूसरी ओर चीन की गतिविधियां भी संदेह पैदा करती हैं. डोकलाम का मामला इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.
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‘एस-400 वायु रक्षा प्रणाली’ के लिए भारत और रूस के बीच करार - 10 खास बातें
- Friday October 5, 2018
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अमेरिकी चेतावनी के बीच कई महीनों तक संतुलित रूप से आगे बढ़ने के बाद भारत ने रूस से एस-400 वायु रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए पांच अरब डॉलर के एक समझौते पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए. दरअसल, अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि रूस के साथ यह खास सौदा करने वाले राष्ट्रों के खिलाफ वह दंडात्मक प्रतिबंध लगाएगा. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. हालांकि, नई दिल्ली ने काफी संयमित रुख दिखाया है. शायद, अमेरिका के साथ अपने बेदाग संबंधों को कायम रखने की कोशिश के तहत इसने ऐसा किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन ने अपने - अपने संबद्ध प्रेस बयानों में एस-400 समझौते का जिक्र नहीं किया. सरकारी अधिकारियों ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर होने की सार्वजनिक घोषणा नहीं की. हालांकि, आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस पर रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी ने भारत की ओर से हस्ताक्षर किए हैं.
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