Kisan Mukti March In Delhi
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किसानों की रैली में विपक्षी एकता का हुआ प्रदर्शन, नेताओं ने मोदी सरकार पर जमकर निकाली भड़ास
- Friday November 30, 2018
दिल्ली में किसानों की रैली में विपक्षी एकता का प्रदर्शन हुआ. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सहित कई नेता किसानों को समर्थन देने पहुंचे.
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हिमाचल से दूध के दाम का हिसाब आया है, लूट का हिसाब आया है...
- Friday November 30, 2018
- Ravish Kumar
मेरे माता-पिता ऊना ज़िले के पनगोडा गांव में रहते हैं. हम 1981 से गायें पाल रहे हैं. 2012 तक राज्य दुग्ध सहकारिता की गाड़ियां आती थीं और छोटे किसानों से दूध ले जाती थीं, जबकि दाम बहुत कम मिलता रहा. 18 रुपये प्रति लीटर. कुछ समय बाद सहकारिता की गाड़ी आनी बंद हो गई. 2016 में Verka ने दूध लेना शुरू कर दिया. आज दाम 23 रुपये प्रति लीटर है. यह दाम शुद्ध दूध का है.
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ट्रैफिक अलर्ट: दिल्ली की सड़कों पर उतरे देश के अन्नदाता, इन रास्तों से बचकर रहें दिल्लीवाले
- Friday November 30, 2018
- NDTVKhabar News Desk
बड़ी तादाद में जुटे किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने पुख़्ता इंतज़ाम किए हैं. 3500 पुलिस के जवानों की ड्यूटी लगाई गई है... इस बात की आशंका है कि रामलीला मैदान के आसपास के इलाकों में ट्रैफिक पर असर पड़ सकता है.
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Kisan March LIVE Updates: किसान रैली में पहुंचे राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल, PM मोदी पर बोला हमला
- Friday November 30, 2018
- NDTVKhabar News Desk
Kisan March in Delhi LIVE Updates: मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए एक बार फिर से देशभर के किसान संसद मार्च करेंगे. किसानों की कर्जमाफी और फसलों की लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिए जाने समेत कई मांगों को लेकर विभिन्न राज्यों के किसान (Kisan Mukti March) दिल्ली में इकट्ठा हुए हैं.
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आखिर क्यों दिल्ली की सड़कों पर उतरा देश का अन्नदाता, हजारों किसानों का आज संसद मार्च, 10 बड़ी बातें
- Friday November 30, 2018
- NDTVKhabar News Desk
किसानों को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए एक बार फिर से देशभर के किसान देश की राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जमा हुए हैं. किसानों की कर्जमाफी और फसलों की लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिए जाने समेत कई मांगों को लेकर विभिन्न राज्यों के किसान (Kisan Mukti March) दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच गए हैं. दो दिवसीय किसान मुक्ति मार्च का आज यानी शुक्रवार को दूसरा और आखिरी दिन है और किसान आज अपनी मांगों को लेकर संसद मार्च करेंगे. किसानों ने सरकार और प्रशासन को चेताया है कि अगर उन्हें संसद की ओर जाने से रोका गया तो फिर वे न्यूड प्रदर्शन करेंगे. किसान (Kisan Mukti March) इस बार सिर्फ दो मांगों को लेकर यह आंदोलन कर रहे हैं. उनकी पहली मांग है कि उन्हें कर्ज से पूरी तरह मुक्ति दी जाए और दूसरी अपनी दूसरी मांग में फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजा चाहते हैं. ऐतिहासिक रामलीला मैदान पर लाल टोपी पहने और लाल झंडा लिए किसानों ने 'अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए' जैसे नारे लगाते दिखे.
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किसान मुक्ति मार्च में महिलाएं भी शामिल, कर्ज माफी की मांग बुलंद की
- Friday November 30, 2018
- NDTVKhabar News Desk
बढ़ते बैंक कर्ज, फसल की बर्बादी, कर्ज चुकाने के तरीकों का अभाव और आश्रित बड़े परिवारों जैसे कुछ साझे मुद्दों को लेकर गुरुवार को महिला किसान सड़कों पर उतरीं. सत्ता के केंद्र तक अपनी आवाज पहुंचाने की उम्मीद लेकर देश के कोने-कोने से आए हजारों किसानों ने अपनी मांगें मनवाने के लिए दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया.
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बड़े मुद्दों के पीछे-पीछे अपनी तक़लीफों को ढोता हुआ दिल्ली आ गया है किसान...
- Friday November 30, 2018
- Ravish Kumar
देश भर में घूम-घूमकर किसानों को संगठित करने और उन्हें मार्च के लिए तैयार करने में किसान नेताओं का बड़ा रोल होता है. किसानों की नेतागीरी करना ही कौन चाहेगा. मुद्दों की लड़ाई इतनी लंबी हो जाती है कि नेता की ज़िंदगी गुज़र जाती है. किसानों के मुद्दे बदलते भी नहीं. अमूमन एक ही मुद्दे के लिए बार-बार सरकार के सामने खड़ा होना पड़ता है. कुछ समय बाद मीडिया को हर किसान नेता घिसा-पिटा लगने लगता है. उन्हें तवज्जो देना बंद कर देता है. हर चुनाव के साथ किसान नेता पुराना हो जाता है और दो क़दम पीछे की ओर धकेल दिया जाता है. सरकारों ने बड़ी चालाकी से ऐसे कितने ही किसान नेता ख़त्म कर दिए. कमाल यह है कि इसके बाद भी नए किसान नेता खड़े हो गए हैं.
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रामलीला मैदान में जुटे देश भर के हजारों किसान, कहा - 'अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए', संसद कूच आज
- Friday November 30, 2018
- NDTVKhabar News Desk
अपनी मांगों को लेकर विभिन्न राज्यों के किसान (Kisan Mukti March) दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच गए हैं. वह एक बार फिर केंद्र सरकार की घेराबंदी करेंगे. किसान (Kisan Mukti March) इस बार सिर्फ दो मांगों को लेकर यह आंदोलन कर रहे हैं. उनकी पहली मांग है कि उन्हें कर्ज से पूरी तरह मुक्ति दी जाए और दूसरी अपनी दूसरी मांग में फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजा चाहते हैं.
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किसानों की रैली में विपक्षी एकता का हुआ प्रदर्शन, नेताओं ने मोदी सरकार पर जमकर निकाली भड़ास
- Friday November 30, 2018
दिल्ली में किसानों की रैली में विपक्षी एकता का प्रदर्शन हुआ. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सहित कई नेता किसानों को समर्थन देने पहुंचे.
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हिमाचल से दूध के दाम का हिसाब आया है, लूट का हिसाब आया है...
- Friday November 30, 2018
- Ravish Kumar
मेरे माता-पिता ऊना ज़िले के पनगोडा गांव में रहते हैं. हम 1981 से गायें पाल रहे हैं. 2012 तक राज्य दुग्ध सहकारिता की गाड़ियां आती थीं और छोटे किसानों से दूध ले जाती थीं, जबकि दाम बहुत कम मिलता रहा. 18 रुपये प्रति लीटर. कुछ समय बाद सहकारिता की गाड़ी आनी बंद हो गई. 2016 में Verka ने दूध लेना शुरू कर दिया. आज दाम 23 रुपये प्रति लीटर है. यह दाम शुद्ध दूध का है.
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- Friday November 30, 2018
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बड़ी तादाद में जुटे किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने पुख़्ता इंतज़ाम किए हैं. 3500 पुलिस के जवानों की ड्यूटी लगाई गई है... इस बात की आशंका है कि रामलीला मैदान के आसपास के इलाकों में ट्रैफिक पर असर पड़ सकता है.
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- Friday November 30, 2018
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आखिर क्यों दिल्ली की सड़कों पर उतरा देश का अन्नदाता, हजारों किसानों का आज संसद मार्च, 10 बड़ी बातें
- Friday November 30, 2018
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किसानों को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए एक बार फिर से देशभर के किसान देश की राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जमा हुए हैं. किसानों की कर्जमाफी और फसलों की लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिए जाने समेत कई मांगों को लेकर विभिन्न राज्यों के किसान (Kisan Mukti March) दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच गए हैं. दो दिवसीय किसान मुक्ति मार्च का आज यानी शुक्रवार को दूसरा और आखिरी दिन है और किसान आज अपनी मांगों को लेकर संसद मार्च करेंगे. किसानों ने सरकार और प्रशासन को चेताया है कि अगर उन्हें संसद की ओर जाने से रोका गया तो फिर वे न्यूड प्रदर्शन करेंगे. किसान (Kisan Mukti March) इस बार सिर्फ दो मांगों को लेकर यह आंदोलन कर रहे हैं. उनकी पहली मांग है कि उन्हें कर्ज से पूरी तरह मुक्ति दी जाए और दूसरी अपनी दूसरी मांग में फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजा चाहते हैं. ऐतिहासिक रामलीला मैदान पर लाल टोपी पहने और लाल झंडा लिए किसानों ने 'अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए' जैसे नारे लगाते दिखे.
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किसान मुक्ति मार्च में महिलाएं भी शामिल, कर्ज माफी की मांग बुलंद की
- Friday November 30, 2018
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बढ़ते बैंक कर्ज, फसल की बर्बादी, कर्ज चुकाने के तरीकों का अभाव और आश्रित बड़े परिवारों जैसे कुछ साझे मुद्दों को लेकर गुरुवार को महिला किसान सड़कों पर उतरीं. सत्ता के केंद्र तक अपनी आवाज पहुंचाने की उम्मीद लेकर देश के कोने-कोने से आए हजारों किसानों ने अपनी मांगें मनवाने के लिए दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया.
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बड़े मुद्दों के पीछे-पीछे अपनी तक़लीफों को ढोता हुआ दिल्ली आ गया है किसान...
- Friday November 30, 2018
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देश भर में घूम-घूमकर किसानों को संगठित करने और उन्हें मार्च के लिए तैयार करने में किसान नेताओं का बड़ा रोल होता है. किसानों की नेतागीरी करना ही कौन चाहेगा. मुद्दों की लड़ाई इतनी लंबी हो जाती है कि नेता की ज़िंदगी गुज़र जाती है. किसानों के मुद्दे बदलते भी नहीं. अमूमन एक ही मुद्दे के लिए बार-बार सरकार के सामने खड़ा होना पड़ता है. कुछ समय बाद मीडिया को हर किसान नेता घिसा-पिटा लगने लगता है. उन्हें तवज्जो देना बंद कर देता है. हर चुनाव के साथ किसान नेता पुराना हो जाता है और दो क़दम पीछे की ओर धकेल दिया जाता है. सरकारों ने बड़ी चालाकी से ऐसे कितने ही किसान नेता ख़त्म कर दिए. कमाल यह है कि इसके बाद भी नए किसान नेता खड़े हो गए हैं.
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- Friday November 30, 2018
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अपनी मांगों को लेकर विभिन्न राज्यों के किसान (Kisan Mukti March) दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच गए हैं. वह एक बार फिर केंद्र सरकार की घेराबंदी करेंगे. किसान (Kisan Mukti March) इस बार सिर्फ दो मांगों को लेकर यह आंदोलन कर रहे हैं. उनकी पहली मांग है कि उन्हें कर्ज से पूरी तरह मुक्ति दी जाए और दूसरी अपनी दूसरी मांग में फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजा चाहते हैं.
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