Indian History Congress
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15 June History: भारत के इतिहास की दुखद घटना, आज ही के दिन कांग्रेस ने अंग्रेजों के भारत के बंटवारे का प्रस्ताव स्वीकारा था
- Monday June 15, 2020
- Reported by: भाषा
देश के बंटवारे को इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में शुमार किया जाता है. यह सिर्फ दो मुल्कों का नहीं बल्कि घरों का, परिवारों का, रिश्तों का और भावनाओं का बंटवारा था. रातोरात लोगों की तकदीर बदल गई. कोई बेघर हुआ तो किसी को नफरत की तलवार ने काट डाला. किसी का भाई सीमापार चला गया तो कोई अपने परिवार को छोड़कर इस ओर चला आया. एक रात पहले तक भाइयों की तरह रहने वाले दो समुदायों के लोग हमसाए से अचानक दुश्मन बन गए और इस बंटवारे ने दोनो समुदायों के लोगों के दिलों में नफरत की ऐसी खाई खोद दी, जिसे पाटने की कोई कोशिश आज तक कामयाब नहीं हो पा रही है. बंटवारे के उस दुखद इतिहास में 15 जून का दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस ने 1947 में 14-15 जून को नयी दिल्ली में हुए अपने अधिवेशन में बंटवारे के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. आजादी की आड़ में अंग्रेज भारत को कभी न भरने वाला यह जख्म दे गए.
- ndtv.in
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आज ही के दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ध्वज को किया गया था स्वीकार, आंध्र प्रदेश के एक व्यक्ति ने किया था इसे डिजाइन
- Sunday May 31, 2020
- Reported by: भाषा
1921 में गांधीजी ने 31 मई के दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ध्वज को स्वीकृत और संशोधित किया. यह मूल रूप से आंध्र प्रदेश के एक व्यक्ति द्वारा डिजाइन किया गया था, जिसमें हिंदू और मुस्लिम समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले लाल और हरे रंग की पट्टियों को स्थान दिया गया था.
- ndtv.in
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भारतीय इतिहास कांग्रेस में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का विरोध
- Saturday December 28, 2019
- Reported by: भाषा
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को यहां आयोजित भारतीय इतिहास कांग्रेस में शनिवार को भाषण के दौरान अप्रत्याशित रूप से कुछ प्रतिनिधियों के विरोध का सामना करना पड़ा. घटना कन्नूर विश्वविद्यालय में हुई, जहां राज्यपाल भारतीय इतिहास कांग्रेस (आईएचसी) के 80वें अधिवेशन का उद्घाटन कर रहे थे. समारोह के मुख्य अतिथि खान ने जब संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के बारे में बोलना शुरू किया तब प्रेक्षागृह में आगे की पंक्ति में बैठे कुछ प्रतिनिधियों ने उनका विरोध किया.
- ndtv.in
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देशभक्ति का नतीजा ऐसा नहीं हो कि हम इतिहास के प्रति आंखें मूंदने वाला रवैया अपनाएं : राष्ट्रपति
- Thursday December 29, 2016
- Reported by: भाषा
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि देशभक्ति का नतीजा यह नहीं होना चाहिए कि हम इतिहास की व्याख्या करते वक्त तथ्यों की ओर से 'आंखें मूंदने' वाला रवैया अपनाएं या अपनी पसंद की दलील को सही ठहराने के लिए सच से कोई समझौता कर लें.
- ndtv.in
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स्थापित तथ्यों के विपरीत बयान न दें : इतिहासकारों का पीएम और नेताओं से आह्वान
- Wednesday December 31, 2014
इतिहास पुनर्लेखन के प्रयासों को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए प्रख्यात इतिहासकारों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित राजनीतिक नेताओं से कहा है कि वे स्थापित ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत बयान न दें। उन्होंने दावा किया कि हल्की एवं गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियों से भारत की छवि धूमिल होती है।
- ndtv.in
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15 June History: भारत के इतिहास की दुखद घटना, आज ही के दिन कांग्रेस ने अंग्रेजों के भारत के बंटवारे का प्रस्ताव स्वीकारा था
- Monday June 15, 2020
- Reported by: भाषा
देश के बंटवारे को इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में शुमार किया जाता है. यह सिर्फ दो मुल्कों का नहीं बल्कि घरों का, परिवारों का, रिश्तों का और भावनाओं का बंटवारा था. रातोरात लोगों की तकदीर बदल गई. कोई बेघर हुआ तो किसी को नफरत की तलवार ने काट डाला. किसी का भाई सीमापार चला गया तो कोई अपने परिवार को छोड़कर इस ओर चला आया. एक रात पहले तक भाइयों की तरह रहने वाले दो समुदायों के लोग हमसाए से अचानक दुश्मन बन गए और इस बंटवारे ने दोनो समुदायों के लोगों के दिलों में नफरत की ऐसी खाई खोद दी, जिसे पाटने की कोई कोशिश आज तक कामयाब नहीं हो पा रही है. बंटवारे के उस दुखद इतिहास में 15 जून का दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस ने 1947 में 14-15 जून को नयी दिल्ली में हुए अपने अधिवेशन में बंटवारे के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. आजादी की आड़ में अंग्रेज भारत को कभी न भरने वाला यह जख्म दे गए.
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आज ही के दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ध्वज को किया गया था स्वीकार, आंध्र प्रदेश के एक व्यक्ति ने किया था इसे डिजाइन
- Sunday May 31, 2020
- Reported by: भाषा
1921 में गांधीजी ने 31 मई के दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ध्वज को स्वीकृत और संशोधित किया. यह मूल रूप से आंध्र प्रदेश के एक व्यक्ति द्वारा डिजाइन किया गया था, जिसमें हिंदू और मुस्लिम समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले लाल और हरे रंग की पट्टियों को स्थान दिया गया था.
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भारतीय इतिहास कांग्रेस में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का विरोध
- Saturday December 28, 2019
- Reported by: भाषा
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को यहां आयोजित भारतीय इतिहास कांग्रेस में शनिवार को भाषण के दौरान अप्रत्याशित रूप से कुछ प्रतिनिधियों के विरोध का सामना करना पड़ा. घटना कन्नूर विश्वविद्यालय में हुई, जहां राज्यपाल भारतीय इतिहास कांग्रेस (आईएचसी) के 80वें अधिवेशन का उद्घाटन कर रहे थे. समारोह के मुख्य अतिथि खान ने जब संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के बारे में बोलना शुरू किया तब प्रेक्षागृह में आगे की पंक्ति में बैठे कुछ प्रतिनिधियों ने उनका विरोध किया.
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देशभक्ति का नतीजा ऐसा नहीं हो कि हम इतिहास के प्रति आंखें मूंदने वाला रवैया अपनाएं : राष्ट्रपति
- Thursday December 29, 2016
- Reported by: भाषा
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि देशभक्ति का नतीजा यह नहीं होना चाहिए कि हम इतिहास की व्याख्या करते वक्त तथ्यों की ओर से 'आंखें मूंदने' वाला रवैया अपनाएं या अपनी पसंद की दलील को सही ठहराने के लिए सच से कोई समझौता कर लें.
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स्थापित तथ्यों के विपरीत बयान न दें : इतिहासकारों का पीएम और नेताओं से आह्वान
- Wednesday December 31, 2014
इतिहास पुनर्लेखन के प्रयासों को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए प्रख्यात इतिहासकारों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित राजनीतिक नेताओं से कहा है कि वे स्थापित ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत बयान न दें। उन्होंने दावा किया कि हल्की एवं गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियों से भारत की छवि धूमिल होती है।
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