Farmers Organization
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एक और ईमानदार कोशिश हो : SKM ने किसानों से की केंद्र के बातचीत का ऑफर कबूलने की अपील
- Wednesday February 21, 2024
हन्नान मोल्लाह ने कहा, "एसकेएम (गैर राजनीतिक) को भी बातचीत के लिए तैयार होना चाहिए, लेकिन बातचीत स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिश को लागू करने पर होनी चाहिए."
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Bharat Bandh : "हम जल्द ही कोई समाधान निकाल लेंगे" - किसानों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा
- Friday February 16, 2024
Farmers Protest: हनुमानगढ़ में पीएम मोदी के वर्चुअल कार्यक्रम स्थल तक किसान जबरन पहुंचे. किसानों को रोकने के लिए बैरिकेट्स और भारी पुलिस बल लगाया गया था. बैरिकेट्स तोड़कर किसान ट्रैक्टरों से निकले. ऐसे में पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया. ये घटना जंक्शन के अबोहर बाईपास की है.
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"मोदी सरकार किसानों के लिए काम कर रही है": किसानों की 'गर्जना रैली' पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री
- Monday December 19, 2022
भारतीय किसान संघ का ये प्रदर्शन कई मांगों को लेकर है. जैसे कि सभी कृषि उपज को GST मुक्त किया जाए और पीएम किसान सम्मान निधि की राशि में खेती की बढ़ी हुई लागत के अनुपात में बढ़ोतरी की जाए.
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पंजाब में किसान संगठन KMSC का भगवंत मान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, टोल प्लाजा फ्री करने की दी धमकी
- Thursday December 15, 2022
पंजाब में किसानों के एक संगठन ने अपनी मांगों को नजरअंदाज करने को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ कई टोल प्लाजा पर बृहस्पतिवार को विरोध-प्रदर्शन किया.
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मध्यप्रदेश: कागजों पर हो रही जैविक खेती, किसानों को ट्रेनिंग के नाम पर 110 करोड़ की बंदरबांट
- Thursday September 22, 2022
मध्य प्रदेश में सबसे पहले नर्मदा नदी के किनारे रसायन मुक्त खेती करने का फैसला किया गया. ये सारे जिले नर्मदा किनारे ही हैं, जहां कई किसानों के मुताबिक कागजों पर ही जैविक खेती हो रही है.
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संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब में चुनाव लड़ रहे किसान संगठनों से बनाई दूरी
- Sunday January 16, 2022
पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने वाले किसान संगठन अब संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का हिस्सा नहीं होंगे. केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले एसकेएम ने शनिवार को यह जानकारी दी. उल्लेखनीय है कि ये कृषि कानून निरस्त किए जा चुके हैं. एसकेएम ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों पर सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिलने के खिलाफ 31 जनवरी को राष्ट्रव्यापी ''विश्वासघात दिवस'' मनाने का आह्वान किया है.
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संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, "संयुक्त समाज मोर्चा" नाम के दल से हमारा कोई संबंध नहीं
- Saturday December 25, 2021
पंजाब में किसानों के संगठन द्वारा "संयुक्त समाज मोर्चा" नाम का राजनीतिक दल बनाकर चुनाव लड़ने की घोषणा किए जाने पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने स्पष्टीकरण दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आज चंडीगढ़ में पंजाब के कुछ किसान संगठनों द्वारा "संयुक्त समाज मोर्चा" के नाम से पंजाब के विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की घोषणा की गई. इसका संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है. संयुक्त किसान मोर्चा की यह नीति है कि हमारे नाम और मंच का इस्तेमाल किसी राजनीतिक दल द्वारा नहीं किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा के नाम का चुनाव में इस्तेमाल करना मोर्चे के अनुशासन का उल्लंघन होगा.
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संयुक्त किसान मोर्चा नहीं लड़ेगा पंजाब विधानसभा चुनाव, जनसंघर्ष जारी रखने का ऐलान
- Saturday December 25, 2021
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने स्पष्ट किया है कि वह पंजाब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा है. यह जानकारी मोर्चा की 9 सदस्यीय समन्वय समिति के नेता जगजीत सिंह डल्लेवालव और डॉ दर्शनपाल ने दी है. उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा देश भर में 400 से अधिक विभिन्न वैचारिक संगठनों का एक मंच है. यह केवल किसानों के मुद्दों पर बना है. इसने चुनाव के बहिष्कार का कोई आह्वान नहीं किया है और न ही चुनाव लड़ने की कोई समझ बनी है. उन्होंने कहा कि इसे लोगों ने सरकार से अपना अधिकार दिलाने के लिए बनाया है. तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद संगठन ने संघर्ष स्थगित कर दिया है, लेकिन शेष मांगों पर 15 जनवरी को होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा.
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संयुक्त किसान मोर्चा नहीं लड़ेगा पंजाब विधानसभा चुनाव, जनसंघर्ष जारी रखने का ऐलान
- Saturday December 25, 2021
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने स्पष्ट किया है कि वह पंजाब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा है. यह जानकारी मोर्चा की 9 सदस्यीय समन्वय समिति के नेता जगजीत सिंह डल्लेवालव और डॉ दर्शनपाल ने दी है. उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा देश भर में 400 से अधिक विभिन्न वैचारिक संगठनों का एक मंच है. यह केवल किसानों के मुद्दों पर बना है. इसने चुनाव के बहिष्कार का कोई आह्वान नहीं किया है और न ही चुनाव लड़ने की कोई समझ बनी है. उन्होंने कहा कि इसे लोगों ने सरकार से अपना अधिकार दिलाने के लिए बनाया है. तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद संगठन ने संघर्ष स्थगित कर दिया है, लेकिन शेष मांगों पर 15 जनवरी को होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा.
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किसान संगठनों ने सरकार का नया प्रस्ताव स्वीकार किया, आज हो सकती है आंदोलन खत्म करने की घोषणा
- Thursday December 9, 2021
केंद्र सरकार (Union Government) के दूसरे प्रस्ताव पर किसान संगठनों में सहमति बन गई है. किसान संगठनों ने सरकार का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है. संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukta Kisan Morcha) आज दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन (Farmers Protest) को ख़त्म करने की घोषणा कर सकता है. सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान अलग-अलग राज्यों में हुई एफआईआर (FIR) को तुरंत प्रभाव से रद्द करने की बात मान ली है.
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मुंबई की 5 साल की बच्ची के शरीर में धड़केगा इंदौर के किसान का दिल
- Wednesday December 1, 2021
सोलंकी का लिवर और दो किडनी इंदौर के तीन जरूरतमंद मरीजों को प्रत्यारोपित की जा रही हैं. जबकि उनके दोनों फेफड़े हैदराबाद के एक अस्पताल में भर्ती मरीज में प्रतिरोपित किए जाएंगे.
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किसानों को कमेटी नहीं कमिटमेंट चाहिए
- Monday November 22, 2021
- Ravish Kumar
भारत में कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद श्रीलंका के किसानों को भी एक बड़ी जीत मिली है. पिछले साल जुलाई में वहां की सरकार ने अचानक फैसला लिया कि रसायनिक खेती नहीं होगी. श्रीलंका सौ फीसदी आर्गेनिक खेती वाला देश बनेगा. इसी के साथ रसायनिक खाद से लेकर दवा के आयात और बिक्री पर रोक लगा दी गई. नीयत के हिसाब से देखिए तो इस फैसले में अच्छाई ही अच्छाई है लेकिन कई साल से रासायनिक खेती को बढ़ावा देने वाली सरकार रातों रात अगर अच्छी नीयत अपना ले तो संदेह गहरा हो जाता है.
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लखनऊ में महापंचायत, किसान संगठनों के फिलहाल कदम पीछे खींचने के आसार नहीं
- Monday November 22, 2021
लखनऊ में हुई किसान महापंचायत में किसानों ने कहा कि खेती के काले क़ानून वापस करना ही काफ़ी नहीं है, जब तक एमएसपी गारंटी क़ानून नहीं बनता और पहले से तैयार किसान विरोधी विधेयक रद्द नहीं किए जाते तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा. लखनऊ की किसान महापंचायत में बड़ी तादाद में किसान जुटे. खेती के नए कानून वापस लेने के प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद यह किसानों की पहली महापंचायत थी.संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल तमाम संगठनों के किसान यहां पहुंचे.पंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की मांगें हैं कि काला कृषि कानून वापस हो, एमएसपी गारंटी कानून बने, बिजली संशोधन विधेयक वापस हो, बीज विधेयक का ड्राफ्ट रद्द हो, पराली जलाने को अपराध से बाहर करें और दस साल से पुराना ट्रैक्टर चलाने की छूट हो.
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संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, आंदोलनरत किसानों की छह मांगें रखीं
- Sunday November 21, 2021
विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक साल से किसानों का आंदोलन जारी है. मोदी सरकार ने शुक्रवार को इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है लेकिन किसानों का कहना है कि जब तक सरकार संसद में इन कानूनों को वापस नहीं लेती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा और वे तब तक दिल्ली की सीमाओं से नहीं हटेंगे. साथ ही किसानों ने कहा है कि उनकी केवल वही एक मांग नहीं थी. पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुए आंदोलनकारी किसानों से वापस लौट जाने की अपील भी की थी. अब किसानों ने प्रधानमंत्री को खुला खत लिखकर उनके सामने कुछ मांगें रखी हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार को तुरंत किसानों से वार्ता बहाल करनी चाहिए, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. मोर्चा ने कहा कि आपके संबोधन में किसानों की प्रमुख मांगों पर ठोस घोषणा की कमी के कारण किसान निराश हैं.
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एक और ईमानदार कोशिश हो : SKM ने किसानों से की केंद्र के बातचीत का ऑफर कबूलने की अपील
- Wednesday February 21, 2024
हन्नान मोल्लाह ने कहा, "एसकेएम (गैर राजनीतिक) को भी बातचीत के लिए तैयार होना चाहिए, लेकिन बातचीत स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिश को लागू करने पर होनी चाहिए."
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Bharat Bandh : "हम जल्द ही कोई समाधान निकाल लेंगे" - किसानों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा
- Friday February 16, 2024
Farmers Protest: हनुमानगढ़ में पीएम मोदी के वर्चुअल कार्यक्रम स्थल तक किसान जबरन पहुंचे. किसानों को रोकने के लिए बैरिकेट्स और भारी पुलिस बल लगाया गया था. बैरिकेट्स तोड़कर किसान ट्रैक्टरों से निकले. ऐसे में पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया. ये घटना जंक्शन के अबोहर बाईपास की है.
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"मोदी सरकार किसानों के लिए काम कर रही है": किसानों की 'गर्जना रैली' पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री
- Monday December 19, 2022
भारतीय किसान संघ का ये प्रदर्शन कई मांगों को लेकर है. जैसे कि सभी कृषि उपज को GST मुक्त किया जाए और पीएम किसान सम्मान निधि की राशि में खेती की बढ़ी हुई लागत के अनुपात में बढ़ोतरी की जाए.
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पंजाब में किसान संगठन KMSC का भगवंत मान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, टोल प्लाजा फ्री करने की दी धमकी
- Thursday December 15, 2022
पंजाब में किसानों के एक संगठन ने अपनी मांगों को नजरअंदाज करने को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ कई टोल प्लाजा पर बृहस्पतिवार को विरोध-प्रदर्शन किया.
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मध्यप्रदेश: कागजों पर हो रही जैविक खेती, किसानों को ट्रेनिंग के नाम पर 110 करोड़ की बंदरबांट
- Thursday September 22, 2022
मध्य प्रदेश में सबसे पहले नर्मदा नदी के किनारे रसायन मुक्त खेती करने का फैसला किया गया. ये सारे जिले नर्मदा किनारे ही हैं, जहां कई किसानों के मुताबिक कागजों पर ही जैविक खेती हो रही है.
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संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब में चुनाव लड़ रहे किसान संगठनों से बनाई दूरी
- Sunday January 16, 2022
पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने वाले किसान संगठन अब संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का हिस्सा नहीं होंगे. केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले एसकेएम ने शनिवार को यह जानकारी दी. उल्लेखनीय है कि ये कृषि कानून निरस्त किए जा चुके हैं. एसकेएम ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों पर सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिलने के खिलाफ 31 जनवरी को राष्ट्रव्यापी ''विश्वासघात दिवस'' मनाने का आह्वान किया है.
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संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, "संयुक्त समाज मोर्चा" नाम के दल से हमारा कोई संबंध नहीं
- Saturday December 25, 2021
पंजाब में किसानों के संगठन द्वारा "संयुक्त समाज मोर्चा" नाम का राजनीतिक दल बनाकर चुनाव लड़ने की घोषणा किए जाने पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने स्पष्टीकरण दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आज चंडीगढ़ में पंजाब के कुछ किसान संगठनों द्वारा "संयुक्त समाज मोर्चा" के नाम से पंजाब के विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की घोषणा की गई. इसका संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है. संयुक्त किसान मोर्चा की यह नीति है कि हमारे नाम और मंच का इस्तेमाल किसी राजनीतिक दल द्वारा नहीं किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा के नाम का चुनाव में इस्तेमाल करना मोर्चे के अनुशासन का उल्लंघन होगा.
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संयुक्त किसान मोर्चा नहीं लड़ेगा पंजाब विधानसभा चुनाव, जनसंघर्ष जारी रखने का ऐलान
- Saturday December 25, 2021
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने स्पष्ट किया है कि वह पंजाब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा है. यह जानकारी मोर्चा की 9 सदस्यीय समन्वय समिति के नेता जगजीत सिंह डल्लेवालव और डॉ दर्शनपाल ने दी है. उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा देश भर में 400 से अधिक विभिन्न वैचारिक संगठनों का एक मंच है. यह केवल किसानों के मुद्दों पर बना है. इसने चुनाव के बहिष्कार का कोई आह्वान नहीं किया है और न ही चुनाव लड़ने की कोई समझ बनी है. उन्होंने कहा कि इसे लोगों ने सरकार से अपना अधिकार दिलाने के लिए बनाया है. तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद संगठन ने संघर्ष स्थगित कर दिया है, लेकिन शेष मांगों पर 15 जनवरी को होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा.
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संयुक्त किसान मोर्चा नहीं लड़ेगा पंजाब विधानसभा चुनाव, जनसंघर्ष जारी रखने का ऐलान
- Saturday December 25, 2021
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने स्पष्ट किया है कि वह पंजाब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा है. यह जानकारी मोर्चा की 9 सदस्यीय समन्वय समिति के नेता जगजीत सिंह डल्लेवालव और डॉ दर्शनपाल ने दी है. उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा देश भर में 400 से अधिक विभिन्न वैचारिक संगठनों का एक मंच है. यह केवल किसानों के मुद्दों पर बना है. इसने चुनाव के बहिष्कार का कोई आह्वान नहीं किया है और न ही चुनाव लड़ने की कोई समझ बनी है. उन्होंने कहा कि इसे लोगों ने सरकार से अपना अधिकार दिलाने के लिए बनाया है. तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद संगठन ने संघर्ष स्थगित कर दिया है, लेकिन शेष मांगों पर 15 जनवरी को होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा.
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किसान संगठनों ने सरकार का नया प्रस्ताव स्वीकार किया, आज हो सकती है आंदोलन खत्म करने की घोषणा
- Thursday December 9, 2021
केंद्र सरकार (Union Government) के दूसरे प्रस्ताव पर किसान संगठनों में सहमति बन गई है. किसान संगठनों ने सरकार का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है. संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukta Kisan Morcha) आज दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन (Farmers Protest) को ख़त्म करने की घोषणा कर सकता है. सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान अलग-अलग राज्यों में हुई एफआईआर (FIR) को तुरंत प्रभाव से रद्द करने की बात मान ली है.
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मुंबई की 5 साल की बच्ची के शरीर में धड़केगा इंदौर के किसान का दिल
- Wednesday December 1, 2021
सोलंकी का लिवर और दो किडनी इंदौर के तीन जरूरतमंद मरीजों को प्रत्यारोपित की जा रही हैं. जबकि उनके दोनों फेफड़े हैदराबाद के एक अस्पताल में भर्ती मरीज में प्रतिरोपित किए जाएंगे.
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- Monday November 22, 2021
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भारत में कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद श्रीलंका के किसानों को भी एक बड़ी जीत मिली है. पिछले साल जुलाई में वहां की सरकार ने अचानक फैसला लिया कि रसायनिक खेती नहीं होगी. श्रीलंका सौ फीसदी आर्गेनिक खेती वाला देश बनेगा. इसी के साथ रसायनिक खाद से लेकर दवा के आयात और बिक्री पर रोक लगा दी गई. नीयत के हिसाब से देखिए तो इस फैसले में अच्छाई ही अच्छाई है लेकिन कई साल से रासायनिक खेती को बढ़ावा देने वाली सरकार रातों रात अगर अच्छी नीयत अपना ले तो संदेह गहरा हो जाता है.
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लखनऊ में महापंचायत, किसान संगठनों के फिलहाल कदम पीछे खींचने के आसार नहीं
- Monday November 22, 2021
लखनऊ में हुई किसान महापंचायत में किसानों ने कहा कि खेती के काले क़ानून वापस करना ही काफ़ी नहीं है, जब तक एमएसपी गारंटी क़ानून नहीं बनता और पहले से तैयार किसान विरोधी विधेयक रद्द नहीं किए जाते तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा. लखनऊ की किसान महापंचायत में बड़ी तादाद में किसान जुटे. खेती के नए कानून वापस लेने के प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद यह किसानों की पहली महापंचायत थी.संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल तमाम संगठनों के किसान यहां पहुंचे.पंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की मांगें हैं कि काला कृषि कानून वापस हो, एमएसपी गारंटी कानून बने, बिजली संशोधन विधेयक वापस हो, बीज विधेयक का ड्राफ्ट रद्द हो, पराली जलाने को अपराध से बाहर करें और दस साल से पुराना ट्रैक्टर चलाने की छूट हो.
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संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, आंदोलनरत किसानों की छह मांगें रखीं
- Sunday November 21, 2021
विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक साल से किसानों का आंदोलन जारी है. मोदी सरकार ने शुक्रवार को इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है लेकिन किसानों का कहना है कि जब तक सरकार संसद में इन कानूनों को वापस नहीं लेती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा और वे तब तक दिल्ली की सीमाओं से नहीं हटेंगे. साथ ही किसानों ने कहा है कि उनकी केवल वही एक मांग नहीं थी. पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुए आंदोलनकारी किसानों से वापस लौट जाने की अपील भी की थी. अब किसानों ने प्रधानमंत्री को खुला खत लिखकर उनके सामने कुछ मांगें रखी हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार को तुरंत किसानों से वार्ता बहाल करनी चाहिए, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. मोर्चा ने कहा कि आपके संबोधन में किसानों की प्रमुख मांगों पर ठोस घोषणा की कमी के कारण किसान निराश हैं.
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