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Omicron के खिलाफ प्रभावी सुरक्षा दे सकता है Corona Vaccine का Booster Shot : नई रिसर्च
- Friday February 4, 2022
- Edited by: वर्तिका
जर्मनी ( Germany) में कोरोनावायरस( Coronavirus) पर किए गए एक शोध (Research) ने पाया गया कि टीके (Vaccine) की बूस्टर खुराक (Booster Dose) लेने वाले लोगों में भी उच्च स्तरीय और उच्च गुणवत्ता (High Quality) वाली एंटीबॉडी (Antibody) विकसित हुईं.
- ndtv.in
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ओमिक्रॉन के एंटीबॉडी डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रदान कर सकते हैं
- Thursday December 30, 2021
- Reported by: भाषा
वायरस का यह नया वैरिएंट अत्यंत संक्रामक पाया गया है और इसमें टीकाकरण से अथवा पहले हो चुके सार्स-सीओवी-2 संक्रमण से उत्पन्न एंटीबॉडी से बच निकलने की काफी क्षमता देखी गयी है.
- ndtv.in
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ओमिक्रॉन से सिर्फ एंटीबॉडी नहीं करतीं बचाव, बल्कि ये चीज़ें भी रखती हैं मायने, जानें कैसे
- Friday December 17, 2021
- Reported by: एएफपी, Edited by: पवन पांडे
ओमिक्रॉनके बढ़ते खतरे से पूरी दुनिया में दहशत है. कोरोना के इस नए वेरिएंट के खिलाफ डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है. कहा जा रहा है कि यह बहुत तेज से फैलता है और वैक्सीन के असर को कम कर सकता है.
- ndtv.in
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कोरोना से लड़ने में एस्ट्राजेनेका, फाइजर टीकों के साथ अन्य टीकों का मिश्रण काफी कारगर : अध्ययन
- Tuesday December 7, 2021
- Reported by: भाषा
अध्ययन में यह बात सामने आई कि एस्ट्राजेनेका या फाइजर टीकों की पहली खुराक के बाद दूसरी खुराक के रूप में मॉडर्ना या नोवावैक्स का टीका लगवाने से मजबूत प्रतिरोधक प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है जो कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में और मददगार हो सकती है.
- ndtv.in
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कोरोना वायरस का नया वेरिएंट चिंता का विषय, लेकिन टीके अब भी सबसे महत्वपूर्ण हथियार: विशेषज्ञ
- Tuesday November 30, 2021
- Reported by: भाषा
विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस का नया स्वरूप चिंता का विषय है, लेकिन टीके अब भी सबसे महत्वपूर्ण हथियार हैं क्योंकि ये ‘ओमीक्रोन’ के खिलाफ भी प्रभावी हो सकते हैं.
- ndtv.in
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संपर्क में आए हानिरहित कोरोना वायरस बढ़ाते हैं कोविड रोग प्रतिरोधक क्षमता : अध्ययन
- Tuesday November 23, 2021
- Reported by: भाषा, Edited by: राहुल चौहान
ज्यूरिख विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस सप्ताह एक 'क्रॉस-रिएक्टिव' प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का खुलासा किया, जिसको लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक महत्वपूर्ण कड़ी हो सकती है.
- ndtv.in
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कोविड-19 से बेहतर एंटीबॉडी के लिए चिकित्सकों ने वैक्सीन की ‘बूस्टर’ डोज का दिया सुझाव
- Tuesday November 23, 2021
- Reported by: भाषा, Edited by: राहुल चौहान
बॉम्बे अस्पताल के डॉक्टरॉ ने कहा कि जिन लोगों को छह से आठ महीने पहले टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं, उनमें एंटीबॉडी की संख्या कम हो रही है.
- ndtv.in
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कोरोना वायरस के खिलाफ मुंबई की 86 प्रतिशत से ज्यादा आबादी में एंटबॉडी विकसित: सर्वेक्षण
- Saturday September 18, 2021
- Reported by: भाषा
वहीं लैंगिक तुलना के संबंध में 88.29 प्रतिशत महिलाओं में जबकि 85.07 फीसदी पुरुषों में एंटीबॉडी मिला. सर्वेक्षण में 8,674 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 20 फीसदी नमूने स्वास्थ्य कर्मियों के थे.
- ndtv.in
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मॉडर्ना का टीका लंबे समय तक रोग प्रतिरोधी क्षमता बनाए रखता है : अध्ययन
- Wednesday September 15, 2021
- Reported by: भाषा
मॉडर्ना (Moderna) के कोविड-19 (Covid 19) रोधी टीके से पैदा हुई रोग प्रतिरोधी क्षमता (Immunity) कम से कम छह महीने तक बनी रहती है और इस बात का कोई संकेत नहीं है कि टीकाकरण करा चुके लोगों को ‘बूस्टर’ खुराक की आवश्यकता है.
- ndtv.in
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Sero Survey: अब जिले स्तर पर भी होगा सीरो सर्वे, जानें किस राज्य में कितनी आबादी आई संक्रमण की चपेट में
- Wednesday July 28, 2021
- Reported by: परिमल कुमार
कोरोना संक्रमण की सही स्थिति जानने के लिए अब जिले स्तर पर सीरो सर्वे किया जाएगा. ICMR के संपर्क में रहते हुए यह सर्वे किया जाएगा. इससे पहले ICMR ने जिले स्तर पर सीरो सर्वे को सही नहीं माना था.
- ndtv.in
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नए वेरिएंट से आ सकती है तीसरी लहर, अब जीनोम सीक्वेंसिंग पर ज़्यादा जोर : सूत्र
- Thursday July 22, 2021
- Reported by: परिमल कुमार
कोरोना की तीसरी लहर अब तक खारिज़ नहीं हुई है. बड़ी आबादी में वायरस का एक्सपोजर हुआ नहीं है तो खतरा बरकरार है. ऐसे में अब ज्यादा जोर जीनोम सीक्वेंसिंग पर है ताकि वायरस के आकार व्यवहार और प्रकार यानी उनके वेरिएंट की जानकारी ठीक ठीक हाथ लगे. यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्र ने NDTV को दी है. देश की दो तिहाई आबादी में एंटीबॉडी पाई गई है लेकिन एक तिहाई पर अब भी ख़तरा बरकरार है. दूसरी लहर के पीछे डेल्टा वेरिएंट की भूमिका थी. अब तीसरी लहर को लेकर नज़र वायरस के म्यूटेशन और उससे बनने वाले नए वेरिएंट पर है. लिहाज़ा ज्यादा ज़ोर जीनोम सीक्वेंसिंग पर है. सूत्र ने बताया कि अब 28 लैबों के बाद प्राइवेट सेक्टर के लैबों को भी जोड़ने की योजना है. अब तक 41 हजार जीनोम सीक्वेंसिंग में 17 हजार केरल से और 10 हजार महाराष्ट्र के हैं. जब मामले घट रहे होते हैं तो एक समान तरीके से देश के अलग-अलग जिलों से पॉजिटिव सैंपल्स की भी चुनौती होती है.
- ndtv.in
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क्या कोवैक्सीन दो साल के बच्चों पर काम करेगी? AIIMS प्रमुख ने कहा- दो-तीन महीने प्रतीक्षा करें
- Thursday June 24, 2021
- Reported by: विष्णु सोम, Translated by: सूर्यकांत पाठक
अब से दो-तीन महीनों में भारत के विशेषज्ञों को पता चल जाएगा कि भारत बायोटेक का कोवैक्सीन (Covaxin) दो साल की उम्र के बच्चों पर काम करती है या नहीं. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोविड के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता के परीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. डॉ गुलेरिया ने एनडीटीवी को बताया कि "भारत बायोटेक दो साल से 18 साल तक के बच्चों का टीकाकरण कर रहा है. यह पहले ही शुरू हो चुका है... कई बच्चों को पहले ही टीका लगाया जा चुका है."
- ndtv.in
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फाइजर टीके में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 5 गुना कम एंटीबॉडी हैं : लैंसेट
- Friday June 4, 2021
- Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया
द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन (Pfizer-BioNTech Vaccine) के साथ पूरी तरह से टीका लगाए गए लोगों में मूल स्ट्रेन की तुलना में भारत में पहली बार पहचाने गए डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के खिलाफ एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने का स्तर पांच गुना कम होने की संभावना है. अध्ययन से यह भी पता चलता है कि इन एंटीबॉडी का स्तर जो वायरस को पहचानने और लड़ने में सक्षम हैं, बढ़ती उम्र के साथ कम होते हैं और यह स्तर समय के साथ घटता है, कमजोर लोगों को बूस्टर खुराक देने की योजना के समर्थन में अतिरिक्त सबूत प्रदान करता है.
- ndtv.in
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कोविड-19 की वैक्सीन लगवाना क्यों है जरूरी, रिसर्च में सामने आई चौंका देने वाली जानकारी
- Tuesday June 1, 2021
- Reported by: भाषा
नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में टीकों से प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता इतनी बढ़ जाती है कि वे वायरस के सामने आते नये स्वरूपों से भी सुरक्षित रह सकते हैं. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. अमेरिका की रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने कोविड-19 रोगियों के रक्त में मौजूद एंटीबॉडी का विश्लेषण कर इनकी उत्पत्ति का पता लगाया.
- ndtv.in
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मां को दी गई थी वैक्सीन, कोरोनावायरस के एन्टीबॉडीज़ के साथ पैदा हुई दुनिया की पहली बच्ची : डॉक्टर
- Thursday March 18, 2021
- Reported by: भाषा, Edited by: विवेक रस्तोगी
स्वास्थ्य विज्ञान से संबंधित ई-प्रिंट प्रकाशित करने वाली 'मेडआर्काइव' (medRxiv) पर पोस्ट किए गए अध्ययन के अनुसार बच्ची की मां को गर्भावस्था के 36वें सप्ताह में मॉडर्ना का टीका लगा था. यह टीका लगाए जाने के तीन सप्ताह बाद महिला ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया.
- ndtv.in
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Omicron के खिलाफ प्रभावी सुरक्षा दे सकता है Corona Vaccine का Booster Shot : नई रिसर्च
- Friday February 4, 2022
- Edited by: वर्तिका
जर्मनी ( Germany) में कोरोनावायरस( Coronavirus) पर किए गए एक शोध (Research) ने पाया गया कि टीके (Vaccine) की बूस्टर खुराक (Booster Dose) लेने वाले लोगों में भी उच्च स्तरीय और उच्च गुणवत्ता (High Quality) वाली एंटीबॉडी (Antibody) विकसित हुईं.
- ndtv.in
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ओमिक्रॉन के एंटीबॉडी डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रदान कर सकते हैं
- Thursday December 30, 2021
- Reported by: भाषा
वायरस का यह नया वैरिएंट अत्यंत संक्रामक पाया गया है और इसमें टीकाकरण से अथवा पहले हो चुके सार्स-सीओवी-2 संक्रमण से उत्पन्न एंटीबॉडी से बच निकलने की काफी क्षमता देखी गयी है.
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ओमिक्रॉन से सिर्फ एंटीबॉडी नहीं करतीं बचाव, बल्कि ये चीज़ें भी रखती हैं मायने, जानें कैसे
- Friday December 17, 2021
- Reported by: एएफपी, Edited by: पवन पांडे
ओमिक्रॉनके बढ़ते खतरे से पूरी दुनिया में दहशत है. कोरोना के इस नए वेरिएंट के खिलाफ डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है. कहा जा रहा है कि यह बहुत तेज से फैलता है और वैक्सीन के असर को कम कर सकता है.
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कोरोना से लड़ने में एस्ट्राजेनेका, फाइजर टीकों के साथ अन्य टीकों का मिश्रण काफी कारगर : अध्ययन
- Tuesday December 7, 2021
- Reported by: भाषा
अध्ययन में यह बात सामने आई कि एस्ट्राजेनेका या फाइजर टीकों की पहली खुराक के बाद दूसरी खुराक के रूप में मॉडर्ना या नोवावैक्स का टीका लगवाने से मजबूत प्रतिरोधक प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है जो कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में और मददगार हो सकती है.
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कोरोना वायरस का नया वेरिएंट चिंता का विषय, लेकिन टीके अब भी सबसे महत्वपूर्ण हथियार: विशेषज्ञ
- Tuesday November 30, 2021
- Reported by: भाषा
विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस का नया स्वरूप चिंता का विषय है, लेकिन टीके अब भी सबसे महत्वपूर्ण हथियार हैं क्योंकि ये ‘ओमीक्रोन’ के खिलाफ भी प्रभावी हो सकते हैं.
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संपर्क में आए हानिरहित कोरोना वायरस बढ़ाते हैं कोविड रोग प्रतिरोधक क्षमता : अध्ययन
- Tuesday November 23, 2021
- Reported by: भाषा, Edited by: राहुल चौहान
ज्यूरिख विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस सप्ताह एक 'क्रॉस-रिएक्टिव' प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का खुलासा किया, जिसको लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक महत्वपूर्ण कड़ी हो सकती है.
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कोविड-19 से बेहतर एंटीबॉडी के लिए चिकित्सकों ने वैक्सीन की ‘बूस्टर’ डोज का दिया सुझाव
- Tuesday November 23, 2021
- Reported by: भाषा, Edited by: राहुल चौहान
बॉम्बे अस्पताल के डॉक्टरॉ ने कहा कि जिन लोगों को छह से आठ महीने पहले टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं, उनमें एंटीबॉडी की संख्या कम हो रही है.
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कोरोना वायरस के खिलाफ मुंबई की 86 प्रतिशत से ज्यादा आबादी में एंटबॉडी विकसित: सर्वेक्षण
- Saturday September 18, 2021
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वहीं लैंगिक तुलना के संबंध में 88.29 प्रतिशत महिलाओं में जबकि 85.07 फीसदी पुरुषों में एंटीबॉडी मिला. सर्वेक्षण में 8,674 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 20 फीसदी नमूने स्वास्थ्य कर्मियों के थे.
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मॉडर्ना का टीका लंबे समय तक रोग प्रतिरोधी क्षमता बनाए रखता है : अध्ययन
- Wednesday September 15, 2021
- Reported by: भाषा
मॉडर्ना (Moderna) के कोविड-19 (Covid 19) रोधी टीके से पैदा हुई रोग प्रतिरोधी क्षमता (Immunity) कम से कम छह महीने तक बनी रहती है और इस बात का कोई संकेत नहीं है कि टीकाकरण करा चुके लोगों को ‘बूस्टर’ खुराक की आवश्यकता है.
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Sero Survey: अब जिले स्तर पर भी होगा सीरो सर्वे, जानें किस राज्य में कितनी आबादी आई संक्रमण की चपेट में
- Wednesday July 28, 2021
- Reported by: परिमल कुमार
कोरोना संक्रमण की सही स्थिति जानने के लिए अब जिले स्तर पर सीरो सर्वे किया जाएगा. ICMR के संपर्क में रहते हुए यह सर्वे किया जाएगा. इससे पहले ICMR ने जिले स्तर पर सीरो सर्वे को सही नहीं माना था.
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नए वेरिएंट से आ सकती है तीसरी लहर, अब जीनोम सीक्वेंसिंग पर ज़्यादा जोर : सूत्र
- Thursday July 22, 2021
- Reported by: परिमल कुमार
कोरोना की तीसरी लहर अब तक खारिज़ नहीं हुई है. बड़ी आबादी में वायरस का एक्सपोजर हुआ नहीं है तो खतरा बरकरार है. ऐसे में अब ज्यादा जोर जीनोम सीक्वेंसिंग पर है ताकि वायरस के आकार व्यवहार और प्रकार यानी उनके वेरिएंट की जानकारी ठीक ठीक हाथ लगे. यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्र ने NDTV को दी है. देश की दो तिहाई आबादी में एंटीबॉडी पाई गई है लेकिन एक तिहाई पर अब भी ख़तरा बरकरार है. दूसरी लहर के पीछे डेल्टा वेरिएंट की भूमिका थी. अब तीसरी लहर को लेकर नज़र वायरस के म्यूटेशन और उससे बनने वाले नए वेरिएंट पर है. लिहाज़ा ज्यादा ज़ोर जीनोम सीक्वेंसिंग पर है. सूत्र ने बताया कि अब 28 लैबों के बाद प्राइवेट सेक्टर के लैबों को भी जोड़ने की योजना है. अब तक 41 हजार जीनोम सीक्वेंसिंग में 17 हजार केरल से और 10 हजार महाराष्ट्र के हैं. जब मामले घट रहे होते हैं तो एक समान तरीके से देश के अलग-अलग जिलों से पॉजिटिव सैंपल्स की भी चुनौती होती है.
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क्या कोवैक्सीन दो साल के बच्चों पर काम करेगी? AIIMS प्रमुख ने कहा- दो-तीन महीने प्रतीक्षा करें
- Thursday June 24, 2021
- Reported by: विष्णु सोम, Translated by: सूर्यकांत पाठक
अब से दो-तीन महीनों में भारत के विशेषज्ञों को पता चल जाएगा कि भारत बायोटेक का कोवैक्सीन (Covaxin) दो साल की उम्र के बच्चों पर काम करती है या नहीं. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोविड के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता के परीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. डॉ गुलेरिया ने एनडीटीवी को बताया कि "भारत बायोटेक दो साल से 18 साल तक के बच्चों का टीकाकरण कर रहा है. यह पहले ही शुरू हो चुका है... कई बच्चों को पहले ही टीका लगाया जा चुका है."
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फाइजर टीके में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 5 गुना कम एंटीबॉडी हैं : लैंसेट
- Friday June 4, 2021
- Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया
द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन (Pfizer-BioNTech Vaccine) के साथ पूरी तरह से टीका लगाए गए लोगों में मूल स्ट्रेन की तुलना में भारत में पहली बार पहचाने गए डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के खिलाफ एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने का स्तर पांच गुना कम होने की संभावना है. अध्ययन से यह भी पता चलता है कि इन एंटीबॉडी का स्तर जो वायरस को पहचानने और लड़ने में सक्षम हैं, बढ़ती उम्र के साथ कम होते हैं और यह स्तर समय के साथ घटता है, कमजोर लोगों को बूस्टर खुराक देने की योजना के समर्थन में अतिरिक्त सबूत प्रदान करता है.
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कोविड-19 की वैक्सीन लगवाना क्यों है जरूरी, रिसर्च में सामने आई चौंका देने वाली जानकारी
- Tuesday June 1, 2021
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नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में टीकों से प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता इतनी बढ़ जाती है कि वे वायरस के सामने आते नये स्वरूपों से भी सुरक्षित रह सकते हैं. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. अमेरिका की रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने कोविड-19 रोगियों के रक्त में मौजूद एंटीबॉडी का विश्लेषण कर इनकी उत्पत्ति का पता लगाया.
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मां को दी गई थी वैक्सीन, कोरोनावायरस के एन्टीबॉडीज़ के साथ पैदा हुई दुनिया की पहली बच्ची : डॉक्टर
- Thursday March 18, 2021
- Reported by: भाषा, Edited by: विवेक रस्तोगी
स्वास्थ्य विज्ञान से संबंधित ई-प्रिंट प्रकाशित करने वाली 'मेडआर्काइव' (medRxiv) पर पोस्ट किए गए अध्ययन के अनुसार बच्ची की मां को गर्भावस्था के 36वें सप्ताह में मॉडर्ना का टीका लगा था. यह टीका लगाए जाने के तीन सप्ताह बाद महिला ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया.
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