Bharat Rang Mahotsav
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'लिव-इन' : बनते-टूटते रिश्तों और इससे परिवारों के बिखरने पर सवाल उठाने वाली नाट्य प्रस्तुति
- Monday February 19, 2024
बदलते समय के साथ संयुक्त परिवारों की जगह 'न्यूक्लियर फैमिली' अस्तित्व में आई और इसके बाद अब एक नए तरह के रिश्ते बनने लगे हैं- 'लिव-इन रिलेशन', जो कि परिवार की सीमाओं से बंधन मुक्त हैं. इन बनते-टूटते रिश्तों के बीच सिर्फ और सिर्फ स्त्री-पुरुष हैं.. न तो बच्चे हैं, न ही कोई जिम्मेदारी.. सिर्फ एक 'कॉन्ट्रेक्ट' है जो एक स्त्री-पुरुष के बीच है. यह अलिखित कॉन्ट्रेक्ट कभी भी तोड़ा जा सकता है और नया कॉन्ट्रेक्ट बनाया जा सकता है. पश्चिमी देशों का यह प्रचलन भारत में भी फैलता जा रहा है. स्त्री-पुरुष के बीच सिर्फ यौन संबंधों और कुछ हद तक व्यवसायिकता के लिए बनने वाले इन संबंधों के बीच परिवार नाम की संस्था कहीं पीछे छूटती दिखती है.
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1फरवरी से भारत रंग महोत्सव का होगा आयोजन, महाराष्ट्र के राज्यपाल करेंगे उद्घाटन
- Saturday January 27, 2024
इस वर्ष भारत रंग महोत्सव का शुभारंभ 1 फरवरी, 2024 को मुंबई में नेशनल सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) में होगा . महाराष्ट्र के राज्यपाल महामहिम माननीय रमेश बैस, एनएसडी अध्यक्ष परेश रावल के साथ इसका आधिकारिक तौर पर उद्घाटन करेंगे .
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नाट्य समीक्षा : भारत रंग महोत्सव में आज के हालात का स्वाद देने वाले 'सुदामा के चावल'
- Tuesday February 11, 2020
- Suryakant Pathak
भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता की पौराणिक कथा दोस्ती की मिसाल के रूप में उद्धृत की जाने वाली कहानी है. लेकिन इस सीधी सपाट कहानी में सुदामा के चरित्र का कोई प्रतिपक्ष भी हो सकता है. द्वापर युग के सुदामा के चरित्र की यदि कलयुग की परिस्थितियों में कल्पना की जाए तो उसमें आज की दूषित मानसिकता भी दिखाई दे सकती है. कहानी वही है, चरित्र भी वही हैं लेकिन इन चरित्रों का आचार-विचार वह है जो आज के आम जीवन में देखा जाता है. नाटक 'सुदामा के चावल' में इस पौराणिक कथा की प्रभावी प्रस्तुति हुई. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रतिष्ठित आयोजन 'भारत रंग महोत्सव' के तहत रविवार को दिल्ली के कमानी थिएटर में हुई इस शानदार नाट्य प्रस्तुति का प्रेक्षकों ने जमकर आनंद लिया. प्रस्तुति के दौरान हाल कई बार तालियों और ठहाकों से गूंजा.
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भारत रंग महोत्सव : अक्करमाशी, दलित शोषण के चरम को उघाड़ती नाट्य प्रस्तुति
- Friday February 17, 2017
जब भी जाति का प्रश्न आता है तो कुछ लोग इसको सिरे से नकारने के लिए खड़े हो जाते हैं. वैसे शहरों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्होंने जाति का अनुभव उस तरह से नहीं किया, लेकिन इनकी संख्या नगण्य है. जाति और इससे जुड़ी घटनाओं की सच्चाई से इनकार करना वैसा ही है जैसे घर के पीछे की तरफ नाला है तो खिड़की को ही बंद कर लेना. जबकि बजबजाता हुआ नाला बदस्तूर बहता रहता है. इस बजबजाहट की सबसे कारुणिक और रोष भरी अभिव्यक्तियां हमें उन आत्मकथाओं में मिलती हैं जिन्हें जातिगत व्यवस्था में हाशिये पर धकेल दिए गए लोगों ने इसकी भीषणता का सामना करते हुए दर्ज किया है. इसे हम दलित साहित्य के नाम से जानते हैं.
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भारत रंग महोत्सव में रामकथा का बघेली में हुआ मंचन
- Tuesday February 14, 2017
बघेली में बोलते हुए राम और हां, राम नहीं हितकारी. राम कथा भारतीय जनमानस में व्याप्त है और इस जनमानस की भोगौलिक और मानसिक स्तर पर जितनी विविधता है उतनी ही विविधता रामकथा के स्वरूप में भी है. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में चल रहे 19वें भारत रंग महोत्सव में रामकथा के विविध स्वरूप को भिन्न तरीक़ों से मंचित होते हुए देखा जा सकता है.
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एनएसडी में आने के बाद मेरी बोलती बंद हो जाती है : एक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी
- Tuesday February 7, 2017
'एनएसडी में आने के बाद मेरी बोलती बंद हो जाती है' यह कहना था एनएसडी पासआउट और अब हिंदी सिनेमा के चर्चित अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी का. जब वो एनएसडी में भारत रंग महोत्सव के दौरान एक सत्र में दर्शको, पत्रकारों और छात्रों से संवाद करने पहुंचे थे. एनएसडी में चल रहे थिएटर के सालाना जलसे 'भारत रंग महोत्सव' में दर्शकों का सूखा तब समाप्त हुआ जब नवाज़ुद्दीन एक सत्र में एनएसडी पहुंचे.
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चेखव के परिसर को 'भारत रंग महोत्सव' के लिए किया गया साकार
- Monday February 6, 2017
चेखव स्टुडियो थियेटर की प्रस्तुति ‘चेखव चायका’ के लिए रानावि परिसर में ऐसा माहौल और सेट बनाया गया जो आभास दे कि नाटक चेखव के एतिहासिक एस्टेट में हो रहा है, जहाँ चेखव रहते थे और रचनाकर्म करते थे. दरअसल चेखव स्टुडियो थियेटर रूस का नाट्य समूह है जो मूल रूप से वहां रंगकर्म करता है, जहां चेखव रहते थे और उनकी स्मृति में वहां म्युजियम बना दिया गया है.
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भारंगम 2017 : प्रस्तुतियां शानदार, कुर्सियों को दर्शकों का इंतजार
- Friday February 3, 2017
भारंगम में खाली कुर्सियां दर्शकों का इंतजार करती रहीं लेकिन दर्शक नहीं आए. जबकि चारों ही प्रस्तुतियां कावलाम नारायण पणिक्कर निर्देशित ‘मध्ययमव्यायोग’, अनुरूप राय निर्देशित ‘महाभारत’, कन्हाईलाल निर्देशित ‘पेबेट’ और वेरा बरज़ाक स्नाइडर निर्देशित प्रस्तुति ‘ ए स्ट्रेंजर गेस्ट’ चर्चित और अच्छी प्रस्तुतियां थी. संभवतः भारंगम में दर्शकों को 400 और 300 रुपये मूल्य का टिकट रास नहीं आ रहा और वे विरोध अपनी अनुपस्थिति से दर्ज कर रहे हैं, क्योंकि इसी क्लास की कुर्सियां अधिकतर खाली थीं.
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भारंगम : दिल्ली में एशिया का सबसे बड़ा रंग महोत्सव प्रारंभ, एनएसडी का आयोजन
- Thursday February 2, 2017
बसंत पंचमी के उल्लास और बजट की उत्सुकता के बीच भारत ही नहीं एशिया के सबसे बड़े नाट्य उत्सव भारत रंग महोत्सव (भारंगम) की औपचारिक शुरुआत हुई. यह उन्नीसवां भारंगम है. इस आयोजन का सिलसिला 1999 में शुरू हुआ था. कमानी सभागार में हुए उद्घाटन समारोह की मुख्य अतिथि थीं प्रसिद्ध नृत्यागना सोनल मानसिंह. नाट्य निर्देशक फिरोज अब्बास खान, संस्कृति सचिव नरेंद्र कुमार सिन्हा और इजराइल की निर्देशिका बेरजाक शिंडर के साथ वरिष्ठ रंगकर्मी रतन थियम भी मंच पर थे.
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भारंगम 2017 : 'आखिर यह रंगमंच है किसका' का जवाब तलाशने जुटेंगे दुनियाभर के कलाकार
- Saturday January 28, 2017
एक फरवरी को कावलाम नारायण पणिक्कर निर्देशित नाटक ‘उत्तररामचरित’ के मंचन के साथ उन्नीसवां भारत रंग महोत्सव (भारंगम) शुरु होकर 21 फरवरी को कलकत्ता क्वायर की प्रस्तुति से समापन होगा.
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वैलेंटाइन डे पर शरीर और दिमाग से परे इश्क में डूबा हैरत में डालने वाला डांस
- Saturday February 4, 2017
- Reported by Suryakant Pathak
मोहब्बत के पर्व वेलेंटाइन डे पर एक कलाकार मनोज मिश्रा इश्क में ऐसे डूबे कि करीब 25 मिनिट तक लगातार अपने स्थान पर घूमते रहे। सूफिया कलाम के साथ इस डांस में उनके चेहरे के भाव भी बदलते रहे। इस दौरान उनके चेहरे पर प्यार में डूबे अहसास का आनंद देखा-पढ़ा जा सकता था।
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'लिव-इन' : बनते-टूटते रिश्तों और इससे परिवारों के बिखरने पर सवाल उठाने वाली नाट्य प्रस्तुति
- Monday February 19, 2024
बदलते समय के साथ संयुक्त परिवारों की जगह 'न्यूक्लियर फैमिली' अस्तित्व में आई और इसके बाद अब एक नए तरह के रिश्ते बनने लगे हैं- 'लिव-इन रिलेशन', जो कि परिवार की सीमाओं से बंधन मुक्त हैं. इन बनते-टूटते रिश्तों के बीच सिर्फ और सिर्फ स्त्री-पुरुष हैं.. न तो बच्चे हैं, न ही कोई जिम्मेदारी.. सिर्फ एक 'कॉन्ट्रेक्ट' है जो एक स्त्री-पुरुष के बीच है. यह अलिखित कॉन्ट्रेक्ट कभी भी तोड़ा जा सकता है और नया कॉन्ट्रेक्ट बनाया जा सकता है. पश्चिमी देशों का यह प्रचलन भारत में भी फैलता जा रहा है. स्त्री-पुरुष के बीच सिर्फ यौन संबंधों और कुछ हद तक व्यवसायिकता के लिए बनने वाले इन संबंधों के बीच परिवार नाम की संस्था कहीं पीछे छूटती दिखती है.
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1फरवरी से भारत रंग महोत्सव का होगा आयोजन, महाराष्ट्र के राज्यपाल करेंगे उद्घाटन
- Saturday January 27, 2024
इस वर्ष भारत रंग महोत्सव का शुभारंभ 1 फरवरी, 2024 को मुंबई में नेशनल सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) में होगा . महाराष्ट्र के राज्यपाल महामहिम माननीय रमेश बैस, एनएसडी अध्यक्ष परेश रावल के साथ इसका आधिकारिक तौर पर उद्घाटन करेंगे .
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नाट्य समीक्षा : भारत रंग महोत्सव में आज के हालात का स्वाद देने वाले 'सुदामा के चावल'
- Tuesday February 11, 2020
- Suryakant Pathak
भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता की पौराणिक कथा दोस्ती की मिसाल के रूप में उद्धृत की जाने वाली कहानी है. लेकिन इस सीधी सपाट कहानी में सुदामा के चरित्र का कोई प्रतिपक्ष भी हो सकता है. द्वापर युग के सुदामा के चरित्र की यदि कलयुग की परिस्थितियों में कल्पना की जाए तो उसमें आज की दूषित मानसिकता भी दिखाई दे सकती है. कहानी वही है, चरित्र भी वही हैं लेकिन इन चरित्रों का आचार-विचार वह है जो आज के आम जीवन में देखा जाता है. नाटक 'सुदामा के चावल' में इस पौराणिक कथा की प्रभावी प्रस्तुति हुई. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रतिष्ठित आयोजन 'भारत रंग महोत्सव' के तहत रविवार को दिल्ली के कमानी थिएटर में हुई इस शानदार नाट्य प्रस्तुति का प्रेक्षकों ने जमकर आनंद लिया. प्रस्तुति के दौरान हाल कई बार तालियों और ठहाकों से गूंजा.
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भारत रंग महोत्सव : अक्करमाशी, दलित शोषण के चरम को उघाड़ती नाट्य प्रस्तुति
- Friday February 17, 2017
जब भी जाति का प्रश्न आता है तो कुछ लोग इसको सिरे से नकारने के लिए खड़े हो जाते हैं. वैसे शहरों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्होंने जाति का अनुभव उस तरह से नहीं किया, लेकिन इनकी संख्या नगण्य है. जाति और इससे जुड़ी घटनाओं की सच्चाई से इनकार करना वैसा ही है जैसे घर के पीछे की तरफ नाला है तो खिड़की को ही बंद कर लेना. जबकि बजबजाता हुआ नाला बदस्तूर बहता रहता है. इस बजबजाहट की सबसे कारुणिक और रोष भरी अभिव्यक्तियां हमें उन आत्मकथाओं में मिलती हैं जिन्हें जातिगत व्यवस्था में हाशिये पर धकेल दिए गए लोगों ने इसकी भीषणता का सामना करते हुए दर्ज किया है. इसे हम दलित साहित्य के नाम से जानते हैं.
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भारत रंग महोत्सव में रामकथा का बघेली में हुआ मंचन
- Tuesday February 14, 2017
बघेली में बोलते हुए राम और हां, राम नहीं हितकारी. राम कथा भारतीय जनमानस में व्याप्त है और इस जनमानस की भोगौलिक और मानसिक स्तर पर जितनी विविधता है उतनी ही विविधता रामकथा के स्वरूप में भी है. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में चल रहे 19वें भारत रंग महोत्सव में रामकथा के विविध स्वरूप को भिन्न तरीक़ों से मंचित होते हुए देखा जा सकता है.
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एनएसडी में आने के बाद मेरी बोलती बंद हो जाती है : एक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी
- Tuesday February 7, 2017
'एनएसडी में आने के बाद मेरी बोलती बंद हो जाती है' यह कहना था एनएसडी पासआउट और अब हिंदी सिनेमा के चर्चित अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी का. जब वो एनएसडी में भारत रंग महोत्सव के दौरान एक सत्र में दर्शको, पत्रकारों और छात्रों से संवाद करने पहुंचे थे. एनएसडी में चल रहे थिएटर के सालाना जलसे 'भारत रंग महोत्सव' में दर्शकों का सूखा तब समाप्त हुआ जब नवाज़ुद्दीन एक सत्र में एनएसडी पहुंचे.
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चेखव के परिसर को 'भारत रंग महोत्सव' के लिए किया गया साकार
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चेखव स्टुडियो थियेटर की प्रस्तुति ‘चेखव चायका’ के लिए रानावि परिसर में ऐसा माहौल और सेट बनाया गया जो आभास दे कि नाटक चेखव के एतिहासिक एस्टेट में हो रहा है, जहाँ चेखव रहते थे और रचनाकर्म करते थे. दरअसल चेखव स्टुडियो थियेटर रूस का नाट्य समूह है जो मूल रूप से वहां रंगकर्म करता है, जहां चेखव रहते थे और उनकी स्मृति में वहां म्युजियम बना दिया गया है.
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भारंगम 2017 : प्रस्तुतियां शानदार, कुर्सियों को दर्शकों का इंतजार
- Friday February 3, 2017
भारंगम में खाली कुर्सियां दर्शकों का इंतजार करती रहीं लेकिन दर्शक नहीं आए. जबकि चारों ही प्रस्तुतियां कावलाम नारायण पणिक्कर निर्देशित ‘मध्ययमव्यायोग’, अनुरूप राय निर्देशित ‘महाभारत’, कन्हाईलाल निर्देशित ‘पेबेट’ और वेरा बरज़ाक स्नाइडर निर्देशित प्रस्तुति ‘ ए स्ट्रेंजर गेस्ट’ चर्चित और अच्छी प्रस्तुतियां थी. संभवतः भारंगम में दर्शकों को 400 और 300 रुपये मूल्य का टिकट रास नहीं आ रहा और वे विरोध अपनी अनुपस्थिति से दर्ज कर रहे हैं, क्योंकि इसी क्लास की कुर्सियां अधिकतर खाली थीं.
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भारंगम : दिल्ली में एशिया का सबसे बड़ा रंग महोत्सव प्रारंभ, एनएसडी का आयोजन
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बसंत पंचमी के उल्लास और बजट की उत्सुकता के बीच भारत ही नहीं एशिया के सबसे बड़े नाट्य उत्सव भारत रंग महोत्सव (भारंगम) की औपचारिक शुरुआत हुई. यह उन्नीसवां भारंगम है. इस आयोजन का सिलसिला 1999 में शुरू हुआ था. कमानी सभागार में हुए उद्घाटन समारोह की मुख्य अतिथि थीं प्रसिद्ध नृत्यागना सोनल मानसिंह. नाट्य निर्देशक फिरोज अब्बास खान, संस्कृति सचिव नरेंद्र कुमार सिन्हा और इजराइल की निर्देशिका बेरजाक शिंडर के साथ वरिष्ठ रंगकर्मी रतन थियम भी मंच पर थे.
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भारंगम 2017 : 'आखिर यह रंगमंच है किसका' का जवाब तलाशने जुटेंगे दुनियाभर के कलाकार
- Saturday January 28, 2017
एक फरवरी को कावलाम नारायण पणिक्कर निर्देशित नाटक ‘उत्तररामचरित’ के मंचन के साथ उन्नीसवां भारत रंग महोत्सव (भारंगम) शुरु होकर 21 फरवरी को कलकत्ता क्वायर की प्रस्तुति से समापन होगा.
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वैलेंटाइन डे पर शरीर और दिमाग से परे इश्क में डूबा हैरत में डालने वाला डांस
- Saturday February 4, 2017
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मोहब्बत के पर्व वेलेंटाइन डे पर एक कलाकार मनोज मिश्रा इश्क में ऐसे डूबे कि करीब 25 मिनिट तक लगातार अपने स्थान पर घूमते रहे। सूफिया कलाम के साथ इस डांस में उनके चेहरे के भाव भी बदलते रहे। इस दौरान उनके चेहरे पर प्यार में डूबे अहसास का आनंद देखा-पढ़ा जा सकता था।
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