नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) ने आज दुनिया के सबसे बड़े थिएटर फेस्टिवल, भारत रंग महोत्सव (बीआरएम) के 25वें वर्ष की घोषणा की . यह कार्यक्रम 1 फरवरी से 21 फरवरी, 2024 तक होने वाला है . देश के 15 शहरों में फैले इस 21-दिवसीय थिएटर फेस्टिवल में 150 से अधिक प्रदर्शन, कार्यशालाएं, चर्चाएं और मास्टरक्लास शामिल होंगे . इस वर्ष भारत रंग महोत्सव की 25वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है.
"वसुधैव कुटुंबकम-वंदे भारंगम” है टैगलाइन
इस प्रेस वार्ता को एनएसडी सोसाइटी के अध्यक्ष परेश रावल, भारंगम के रंगदूत पंकज त्रिपाठी, एनएसडी निदेशक चितरंजन त्रिपाठी, वाणी त्रिपाठी, एनएसडी के कुल सचिव आदि ने संबोधित किया. इस वर्ष का भारंगम के लिए "वसुधैव कुटुंबकम-वंदे भारंगम” को टैग लाईन बनाया गया है . यह रंगमंच के माध्यम से वैश्विक एकता को बढ़ावा देने, सामाजिक सद्भाव को समृद्धि प्रदान करने के उद्येश्य का प्रतिरूप है .
महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस करेंगे उद्घाटन
इस वर्ष भारत रंग महोत्सव का शुभारंभ 1 फरवरी, 2024 को मुंबई में नेशनल सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) में होगा . महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, एनएसडी अध्यक्ष परेश रावल के साथ इसका आधिकारिक तौर पर उद्घाटन करेंगे . समारोह उद्घाटन के बाद आशुतोष राणा द्वारा अभिनीत भव्य नाटक "हमारे राम" का मंचन किया जाएगा .
एनएसडी के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने कहा, " हम भारत रंग महोत्सव के 25वें वर्ष की शुरुआत कर रहे हैं, यह वास्तव में एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो कलात्मक उत्कृष्टता और सांस्कृतिक विविधता के प्रति हमारी स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाता है . हम रंगमंच के जादू को बढ़ावा देने, विविध ध्वनियों और जन कथाओं को पनपने के लिए एक विशाल मंच प्रदान करने के लिए समर्पित हैं . इस वर्ष का उत्सव न केवल एक मील का पत्थर साबित होगा बल्कि प्रदर्शन कलाओं की परिवर्तनकारी शक्ति में हमारे दृढ़ विश्वास की पुष्टि भी करेगा .''
इस साल के कार्यक्रम का है विशेष महत्व
इस उत्सव का 25वां वर्ष विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह रंगमंच के जादुई उत्सव में विविध नाटकीय आवाज़ों को एक साथ लाता है. महोत्सव में दर्शक अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुतियों, लोक और पारंपरिक नाटकों, आधुनिक नाटकों, स्नातक शो-केस और कॉलेजिएट नुक्कड़ नाटकों सहित कई नाटकीय रूपों की एक मनोरम शृंखला की प्रस्तुति होने जा रही है. महोत्सव मुंबई, पुणे, भुज, विजयवाड़ा, जोधपुर, डिब्रूगढ़, भुवनेश्वर, पटना, रामनगर, श्रीनगर, वाराणसी, बेंगलूरू, गेंगटोक और अगरत्तला के साथ दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जिससे थिएटर की परिवर्तनकारी शक्ति का राष्ट्रव्यापी उत्सव सुनिश्चित होगा .
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