Beyond The Lines An Autobiography
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Lal Bahadur Shastri Jayanti 2018 : लाल बहादुर शास्त्री को क्या प्रधानमंत्री बनने में एक खबर ने की थी मदद, कुलदीप नैयर की आत्मकथा में दावा
- Tuesday October 2, 2018
- Navneet Mishra
कुलदीप नैय्यर की आत्मकथा 'Beyond the Lines' में दावा- एजेंसी की एक खबर ने प्रधानमंत्री बनने में की थी लाल बहादुर शास्त्री की मदद.
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एमरजेंसी में जेल ले जा रही पुलिस जीप को कुलदीप नैयर ने खुद दिया था धक्का, पढ़ें पूरा किस्सा
- Thursday August 23, 2018
25 जून, 1975. इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में एमरजेंसी की घोषणा कर दी थी. जयप्रकाश नारायण, लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी जैसे तमाम कद्दावर और सरकार की मुख़ाल्फ़त करने वाले नेताओं की धरपकड़ हो रही थी. वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर भी उन लोगों में शुमार थे, जो सरकार की नीतियों और रवैये का पुरज़ोर विरोध कर रहे थे. ज़ाहिर है, नैयर की गिरफ्तारी भी तय थी. एमरजेंसी की घोषणा के बाद प्रेस सेंसरशिप के मुद्दे पर कुलदीप नैयर इंदिरा सरकार के खिलाफ और मुखर हो गए.
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यादों में कुलदीप नैयरः शमा हर रंग में जलती है सहर होने तक...
- Thursday August 23, 2018
- Ravish Kumar
मिर्ज़ा ग़ालिब की शमा की तरह कुलदीप नैयर हर लौ में तपे हैं, हर रंग में जले हैं. शमा के जलने में उनका यक़ीन इतना गहरा था कि 15 अगस्त से पहले की शाम वाघा बॉर्डर पर मोमबत्तियां जलाने पहुंच जाते थे.
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आत्मकथा में कुलदीप नैयर का दावा - उनकी ख़बर ने लालबहादुर शास्त्री को बनवा दिया था PM
- Thursday August 23, 2018
देश के जाने-माने पत्रकार कुलदीप नैयर का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनकी जन्मभूमि भले पाकिस्तान रही मगर कर्मभूमि हिंदुस्तान. देश की अहम राजनीतिक घटनाओं के गवाह रहे नैयर ने अपनी आत्मकथा 'बियॉन्ड द लाइंस' लिख चुके हैं.
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Lal Bahadur Shastri Jayanti 2018 : लाल बहादुर शास्त्री को क्या प्रधानमंत्री बनने में एक खबर ने की थी मदद, कुलदीप नैयर की आत्मकथा में दावा
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कुलदीप नैय्यर की आत्मकथा 'Beyond the Lines' में दावा- एजेंसी की एक खबर ने प्रधानमंत्री बनने में की थी लाल बहादुर शास्त्री की मदद.
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एमरजेंसी में जेल ले जा रही पुलिस जीप को कुलदीप नैयर ने खुद दिया था धक्का, पढ़ें पूरा किस्सा
- Thursday August 23, 2018
25 जून, 1975. इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में एमरजेंसी की घोषणा कर दी थी. जयप्रकाश नारायण, लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी जैसे तमाम कद्दावर और सरकार की मुख़ाल्फ़त करने वाले नेताओं की धरपकड़ हो रही थी. वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर भी उन लोगों में शुमार थे, जो सरकार की नीतियों और रवैये का पुरज़ोर विरोध कर रहे थे. ज़ाहिर है, नैयर की गिरफ्तारी भी तय थी. एमरजेंसी की घोषणा के बाद प्रेस सेंसरशिप के मुद्दे पर कुलदीप नैयर इंदिरा सरकार के खिलाफ और मुखर हो गए.
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- Thursday August 23, 2018
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मिर्ज़ा ग़ालिब की शमा की तरह कुलदीप नैयर हर लौ में तपे हैं, हर रंग में जले हैं. शमा के जलने में उनका यक़ीन इतना गहरा था कि 15 अगस्त से पहले की शाम वाघा बॉर्डर पर मोमबत्तियां जलाने पहुंच जाते थे.
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- Thursday August 23, 2018
देश के जाने-माने पत्रकार कुलदीप नैयर का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनकी जन्मभूमि भले पाकिस्तान रही मगर कर्मभूमि हिंदुस्तान. देश की अहम राजनीतिक घटनाओं के गवाह रहे नैयर ने अपनी आत्मकथा 'बियॉन्ड द लाइंस' लिख चुके हैं.
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