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बैंकरों का विरोध प्रदर्शन, आखिर क्यों बैंकर बेचें बीमा पॉलिसी?
- Wednesday March 21, 2018
- Ravish Kumar
पिछले दो साल से बैंक से संबंधित ख़बरों को दिलचस्पी से पढ़ता रहा हूं. चेयरमैनों के इंटरव्यू से बातें तो बड़ी बड़ी लगती थीं लेकिन बैंक के भीतर की वे समस्याएं कभी नहीं दिखीं जो बैंकर के जीवन में बहुत बड़ी हो गई हैं. बैंक सीरीज़ के दौरान सैकड़ों बैंकरों से बात करते हुए हमारी आज की ज़िंदगी को वो भयावह तस्वीर दिखी जिसे हम जानते हैं, सहते हैं मगर भूल गए हैं कि ये दर्द है. इसे एक हद के बाद सहा नहीं जाना चाहिए.
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सरकारी बैंकों में पैसा नहीं, सरकार का झूठ जमा है...
- Monday March 19, 2018
- Ravish Kumar
अनगितन बैंकरों ने अपने नैतिक संकट के बारे में लिखा है. वे अपने ज़मीर पर झूठ का यह बोझ बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. मुद्रा लोन लेने वाला नहीं है मगर बैंकर पर दबाव डाला जा रहा है कि बिना जांच पड़ताल के ही किसी को भी लोन दे दो. मैं दावा नहीं कर रहा मगर बैंकरों के ज़मीर की आवाज़ के ज़रिए जो बात बाहर आ रही है, उसे भी सुना जाना चाहिए.
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हमारे बैंकिंग सिस्टम की बदहाली कब होगी ख़त्म?
- Monday March 12, 2018
- Ravish Kumar
सैलरी तो कम है ही, बैंकरों के तनाव का कारण है कि कम स्टाफ में तरह तरह के लक्ष्यों का थोप दिया जाना. कई जगह तो इंटरनेट की स्पीड इतनी कम है कि उससे भी वे काम नहीं कर पाते हैं. कुछ बैंकों की हमने टूटी हुई कुर्सियों की तस्वीरें देखीं.
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बैंक सीरीज का 9वां भाग : महिला दिवस पर महिला बैंकरों की दास्तान
- Thursday March 8, 2018
- Ravish Kumar
बैंक सीरीज़ का यह 9 वां अक है. यह सीरीज सैलरी से शुरू हुई थी, लेकिन जब धीरे-धीरे महिला बैंकर खुलने लगीं और अपनी बात बताने लगीं तो हर दिन उनकी कोई दास्तां मुझे गुस्से और हैरानी से भर देता है कि आज के समय में क्या इतनी महिलाओं को गुलाम बनाया जा सकता है. सैंकड़ों की संख्या में महिला बैंकरों ने अपना जो हाल बनाया है वो किसी भी प्रोफेसर किसी भी फेमिनिस्ट के लिए एक ऐसा दस्तावेज़ है, जिस तक पहुंचने में उन्हें वर्षों लग जाएंगे.
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बैंकरों का विरोध प्रदर्शन, आखिर क्यों बैंकर बेचें बीमा पॉलिसी?
- Wednesday March 21, 2018
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- Monday March 19, 2018
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अनगितन बैंकरों ने अपने नैतिक संकट के बारे में लिखा है. वे अपने ज़मीर पर झूठ का यह बोझ बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. मुद्रा लोन लेने वाला नहीं है मगर बैंकर पर दबाव डाला जा रहा है कि बिना जांच पड़ताल के ही किसी को भी लोन दे दो. मैं दावा नहीं कर रहा मगर बैंकरों के ज़मीर की आवाज़ के ज़रिए जो बात बाहर आ रही है, उसे भी सुना जाना चाहिए.
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- Monday March 12, 2018
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सैलरी तो कम है ही, बैंकरों के तनाव का कारण है कि कम स्टाफ में तरह तरह के लक्ष्यों का थोप दिया जाना. कई जगह तो इंटरनेट की स्पीड इतनी कम है कि उससे भी वे काम नहीं कर पाते हैं. कुछ बैंकों की हमने टूटी हुई कुर्सियों की तस्वीरें देखीं.
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- Thursday March 8, 2018
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बैंक सीरीज़ का यह 9 वां अक है. यह सीरीज सैलरी से शुरू हुई थी, लेकिन जब धीरे-धीरे महिला बैंकर खुलने लगीं और अपनी बात बताने लगीं तो हर दिन उनकी कोई दास्तां मुझे गुस्से और हैरानी से भर देता है कि आज के समय में क्या इतनी महिलाओं को गुलाम बनाया जा सकता है. सैंकड़ों की संख्या में महिला बैंकरों ने अपना जो हाल बनाया है वो किसी भी प्रोफेसर किसी भी फेमिनिस्ट के लिए एक ऐसा दस्तावेज़ है, जिस तक पहुंचने में उन्हें वर्षों लग जाएंगे.
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