बैंकों की दुनिया की भाषा की अपनी शब्दावली है. वे ट्रांसफर को trf कहते हैं, अटल पेंशन योजना को एपीवाई कहते हैं. टीएमटी का मतलब हुआ टाप मैनेजमेंट टॉक. ऐसे ही एक बैंक के टीएमटी में कहा गया कि एनडीटीवी न देखें. बैंकों के चेयरमैनो और रीजनल मैनेजरों को क्यों ऐसा लगता है कि वे लोगों की पसंद को भी नियंत्रित कर लेंगे. एक न एक दिन लेदर की कुर्सी और उस पर रखा सफेद तौलिया छूट जाता है. सत्यनारायण बाबा की कथा से मुक्ति नहीं मिलती है, वहां भी बाबा देखते हैं कि इनके पीछे झूठ का अंबार कितना बड़ा है. इसलिए टीएमटी कीजिए, टॉप मैनेजमेंट टाक कीजिए, एनडीटीवी भी मत देखिए लेकिन 13 लाख लोगों की ज़िंदगी जिस झूठ को जी रही थी, वो बाहर आ चुकी है. सत्य तो एक दिन बाहर आ जाता है. सत्य नहीं आएगा तो एक दिन बैंकरों के चेहरे की उदासियां बाहर जाएंगी, उनके शरीर की बीमारियों से सत्य बाहर आ जाएगा.