Blogs | प्रियदर्शन |मंगलवार अगस्त 31, 2021 09:38 PM IST इतिहास की स्मृतियों को धड़कता और सांस लेता हुआ होना चाहिए. वहां पुरानी कराहें सुनाई पड़नी चाहिए. वहां गिरे ख़ून के कतरे हमारी आत्माओं पर पड़ने चाहिए. वहां जाकर किसी को समझ में आना चाहिए कि यह इतिहास क्यों दुहराए जाने लायक नहीं है, इस इतिहास की भूलों से सबक सीखा जाना क्यों ज़रूरी है.