मीराबाई चानू ने 48 किलो वर्ग में कुल 194 किलो वजन उठाया
- रियो ओलिंपिक के खराब प्रदर्शन की टीस मिटाई
- स्नैच में 85 और क्लीन&जर्क में 109 किलो भार उठाया
- इससे पहले 1994-95 में मल्लेश्वरी ने जीता था स्वर्ण
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नई दिल्ली:
मीराबाई चानू ने विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में इतिहास रचा है. इस प्रतियोगिता में सोने का मेडल जीतकर मीराबाई पिछले दो दशक से अधिक समय में यह कमाल करने वाली पहली भारतीय हो गई हैं. उन्होंने अमेरिका में यह सफलता हासिल करते हुए रियो ओलिंपिक के खराब प्रदर्शन की टीस मिटाई. भारतीय रेलवे में कार्यरत चानू ने स्नैच में 85 किलो और क्लीन एंड जर्क में 109 किलो वजन उठाया. उन्होंने 48 किलो वर्ग में कुल 194 किलो वजन उठाकर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया.
पोडियम पर खड़े होकर तिरंगा देखकर उसके आंसू निकल गए. उनसे पहले ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी ने 1994 और 1995 में विश्व चैम्पियनशिप में पीला तमगा जीता था. चानू रियो ओलिंपिक में तीनों प्रयासों में नाकाम रही थीं और 12 भारोत्तोलकों में वह स्पर्धा पूरी नहीं कर पाने वाली दो में से एक रही थीं.
वीडियो: वर्ल्ड चैंपियनशिप से मेडल जीतकर लौटीं बैडमिंटन स्टार सिंधु
थाईलैंड की सुकचारोन तुनिया ने रजत और सेगुरा अना इरिस ने कांस्य पदक जीता. डोपिंग से जुड़े मसलों के कारण रूस, चीन, कजाखस्तान, उक्रेन और अजरबैजान जैसे भारोत्तोलन के शीर्ष देश इसमें भाग नहीं ले रहे हैं. (इनपुट: एजेंसी)
पोडियम पर खड़े होकर तिरंगा देखकर उसके आंसू निकल गए. उनसे पहले ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी ने 1994 और 1995 में विश्व चैम्पियनशिप में पीला तमगा जीता था. चानू रियो ओलिंपिक में तीनों प्रयासों में नाकाम रही थीं और 12 भारोत्तोलकों में वह स्पर्धा पूरी नहीं कर पाने वाली दो में से एक रही थीं.
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थाईलैंड की सुकचारोन तुनिया ने रजत और सेगुरा अना इरिस ने कांस्य पदक जीता. डोपिंग से जुड़े मसलों के कारण रूस, चीन, कजाखस्तान, उक्रेन और अजरबैजान जैसे भारोत्तोलन के शीर्ष देश इसमें भाग नहीं ले रहे हैं. (इनपुट: एजेंसी)
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