युवा भारतीय तीरंदाज प्रतिमा बोरो के आकस्मिक निधन पर स्तब्ध भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने सैन्य खेल संस्थान (एएसआई) द्वारा इसकी जांच कराने की मांग की। मल्होत्रा, भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष भी हैं।
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नई दिल्ली:
युवा भारतीय तीरंदाज प्रतिमा बोरो के आकस्मिक निधन पर स्तब्ध भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने सैन्य खेल संस्थान (एएसआई) द्वारा इसकी जांच कराने की मांग की। मल्होत्रा, भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष भी हैं।
मल्होत्रा ने बताया कि उन्होंने प्रतिमा द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले की जांच की मांग की है।
मल्होत्रा ने कहा, "एएआई जल्द से जल्द एएसआई के सम्बंधित अधिकारियों द्वारा जांच रिपोर्ट देखना चाहेगी। मैं बहुत आश्चर्यचकित हूं कि उसने ऐसा कदम क्यों उठाया। यह बेहद दुखद है।"
कथित तौर पर प्रतिमा ने पुणे में राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रशिक्षण शिविर के दौरान आत्महत्या कर ली।
मल्होत्रा ने एक वक्तव्य में कहा कि प्रतिमा की मौत से पूरे तीरंदाजी समुदाय के लिए बहुत बड़ी क्षति हुई है। उन्होंने आगे कहा कि प्रतिमा तीरंदाजी में भारत की उभरती हुई प्रतिभा थीं।
प्रतिमा असम के कोकराझार की रहने वाली थी और उन्होंने अपना तीरंदाजी करियर जमशेदपुर में टाटा तीरंदाजी अकादमी से शुरू किया था। भारतीय रेलवे से जुड़ने से पहले प्रतिमा ने टाटा अकादमी में चार वर्ष गुजारे। प्रतिमा ने सब जूनियर, जूनियर तथा सीनियर स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।
तेहरान में 2008 में प्रतिमा ने एशियन ग्रां प्री. का एकल स्वर्ण तथा टीम के लिए रजत पदक जीता था। दक्षिण एशियाई चैम्पियनशिप 2009 में टीम के लिए स्वर्ण पदक जीतने में प्रतिमा ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
प्रतिमा ने आखिरी बार एशियन ग्रां प्री. तथा ढाका में हुए युवा एशियाई चैम्पियनशिप 2011 में हिस्सा लिया था। इस प्रतियोगिता में उन्होंने टीम की तरफ से स्वर्ण पदक हासिल किया था।
मल्होत्रा ने बताया कि उन्होंने प्रतिमा द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले की जांच की मांग की है।
मल्होत्रा ने कहा, "एएआई जल्द से जल्द एएसआई के सम्बंधित अधिकारियों द्वारा जांच रिपोर्ट देखना चाहेगी। मैं बहुत आश्चर्यचकित हूं कि उसने ऐसा कदम क्यों उठाया। यह बेहद दुखद है।"
कथित तौर पर प्रतिमा ने पुणे में राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रशिक्षण शिविर के दौरान आत्महत्या कर ली।
मल्होत्रा ने एक वक्तव्य में कहा कि प्रतिमा की मौत से पूरे तीरंदाजी समुदाय के लिए बहुत बड़ी क्षति हुई है। उन्होंने आगे कहा कि प्रतिमा तीरंदाजी में भारत की उभरती हुई प्रतिभा थीं।
प्रतिमा असम के कोकराझार की रहने वाली थी और उन्होंने अपना तीरंदाजी करियर जमशेदपुर में टाटा तीरंदाजी अकादमी से शुरू किया था। भारतीय रेलवे से जुड़ने से पहले प्रतिमा ने टाटा अकादमी में चार वर्ष गुजारे। प्रतिमा ने सब जूनियर, जूनियर तथा सीनियर स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।
तेहरान में 2008 में प्रतिमा ने एशियन ग्रां प्री. का एकल स्वर्ण तथा टीम के लिए रजत पदक जीता था। दक्षिण एशियाई चैम्पियनशिप 2009 में टीम के लिए स्वर्ण पदक जीतने में प्रतिमा ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
प्रतिमा ने आखिरी बार एशियन ग्रां प्री. तथा ढाका में हुए युवा एशियाई चैम्पियनशिप 2011 में हिस्सा लिया था। इस प्रतियोगिता में उन्होंने टीम की तरफ से स्वर्ण पदक हासिल किया था।
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