राज्यसभा में ई अहमद के निधन की परिस्थितियों की जांच की मांग (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद के निधन की परिस्थितियों की व्यापक जांच की मांग करते हुए राज्यसभा में आज माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि ऐसे आरोप लगाए गए हैं कि अहमद का अस्पताल ले जाते समय ही निधन हो गया था, लेकिन उनके देहांत का ऐलान बहुत बाद में किया गया.
माकपा महासचिव येचुरी ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि अहमद के निधन को लेकर अलग-अलग तरह की खबरें आई हैं. कुछ डॉक्टरों ने कहा कि जब उन्हें अस्पताल लाया गया था तब उनका निधन हो चुका था और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था. कुछ डॉक्टरों का कहना है कि अहमद ने आईसीयू में अंतिम सांस ली. ऐसा भी कहा जाता है कि उन्हें बेहतर सुविधाओं के लिए ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया.
येचुरी ने कहा कि वह उन परिस्थितियों की गहन जांच चाहते हैं जिन परिस्थितियों में पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद के निधन को लेकर अलग अलग तरह की बातें कही गईं तथा उनके निधन की खबर कथित तौर पर दबाई गई.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता अहमद :78 वर्ष: की तबीयत 31 जनवरी को संसद भवन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान खराब हुई थी, जिसके बाद उन्हें राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें कृत्रिम जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था.
माकपा नेता ने यह भी कहा कि अहमद के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए अस्पताल गए वरिष्ठ नेताओं को और तो और पूर्व केंद्रीय मंत्री के बच्चों तक को शुरू में उन्हें देखने की अनुमति नहीं दी गई. येचुरी ने कहा कि जब तक करीबी संबंधी की अनुमति न हो तब तक मरीज को जीवन रक्षक प्रणाली पर नहीं रखा जा सकता. उन्होंने यह भी जानना चाहा कि अहमद के निधन की खबर का ऐलान करने में क्यों और कैसे विलंब हुआ. कुछ अन्य सदस्यों ने भी येचुरी की बात का समर्थन किया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
माकपा महासचिव येचुरी ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि अहमद के निधन को लेकर अलग-अलग तरह की खबरें आई हैं. कुछ डॉक्टरों ने कहा कि जब उन्हें अस्पताल लाया गया था तब उनका निधन हो चुका था और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था. कुछ डॉक्टरों का कहना है कि अहमद ने आईसीयू में अंतिम सांस ली. ऐसा भी कहा जाता है कि उन्हें बेहतर सुविधाओं के लिए ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया.
येचुरी ने कहा कि वह उन परिस्थितियों की गहन जांच चाहते हैं जिन परिस्थितियों में पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद के निधन को लेकर अलग अलग तरह की बातें कही गईं तथा उनके निधन की खबर कथित तौर पर दबाई गई.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता अहमद :78 वर्ष: की तबीयत 31 जनवरी को संसद भवन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान खराब हुई थी, जिसके बाद उन्हें राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें कृत्रिम जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था.
माकपा नेता ने यह भी कहा कि अहमद के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए अस्पताल गए वरिष्ठ नेताओं को और तो और पूर्व केंद्रीय मंत्री के बच्चों तक को शुरू में उन्हें देखने की अनुमति नहीं दी गई. येचुरी ने कहा कि जब तक करीबी संबंधी की अनुमति न हो तब तक मरीज को जीवन रक्षक प्रणाली पर नहीं रखा जा सकता. उन्होंने यह भी जानना चाहा कि अहमद के निधन की खबर का ऐलान करने में क्यों और कैसे विलंब हुआ. कुछ अन्य सदस्यों ने भी येचुरी की बात का समर्थन किया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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