 
                                            फाइल फोटो...
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                लखनऊ: 
                                        भारत ने आज यहां पेनल्टी शूटआउट में आस्ट्रेलिया को 4-2 से हराकर जूनियर हॉकी विश्व कप के फाइनल में प्रवेश किया. मैच में भारतीय टीम ने आक्रामक हॉकी का नायाब नमूना पेश किया. अब 18 दिसंबर यानि रविवार को फाइनल में भारत का मुकाबला बेल्जियम से होगा.
इससे पहले गुरुवार को भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल में स्पेन को 2-1 से हराकर एफआईएच जूनियर हॉकी वर्ल्डकप-2016 के सेमीफाइनल में पहुंची थी. इसके बाद भारतीय टीम ने शुक्रवार को अंतिम-4 दौर के मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 4-2 से हराया और जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप के फाइनल में प्रवेश किया.
शुक्रवार को खचाखच भरे मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पर जैसे ही भारत के लिए मनप्रीत सिंह जूनियर ने चौथे पेनल्टी को गोल में बदला, दर्शकों में मानो जोश का तूफान उमड़ पड़ा. मैदान पर चारों ओर तिरंगे लहराते दिखाई देने लगे और पूरा स्टेडियम 'चक दे इंडिया' से गुंजायमान हो गया. पिछले 11 बरस से जूनियर हॉकी में कांस्य पदक का मुकाबला हारने की टीस से जूझ रहे कोच हरेंद्र सिंह ने मैदान को प्रणाम किया और खिलाड़ी आंखों मे आंसू लेकर एक दूसरे के गले लग गए.
पेनल्टी शूटआउट में भारत के लिए कप्तान हरजीत सिंह ने 21वें मिनट में रिबाउंड पर पहला गोल किया, जबकि ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह और सुमित ने बाकी दो गोल दागे. आखिरी गोल मनप्रीत ने किया. वहीं, ऑस्ट्रेलिया के लिए ब्लैक गोवर्स और जैक वेल्श ने गोल किए, जबकि मैथ्यू बर्ड और लाशलान शार्प के निशाने चूक गए.
इससे पहले निर्धारित समय तक स्कोर 2-2 से बराबर था. भारत के लिए गुरजंत सिंह (42वां) और मनदीप सिंह (48वां मिनट) ने गोल किए, जबकि ऑस्ट्रेलिया के लिए टाम क्रेग (14वां मिनट) और शार्प (57वां) ने गोल दागे.
मैच में पहले हाफ में भारतीयों ने गोल करने के कई आसान मौके गंवाए. क्वार्टर फाइनल में 55वें मिनट तक स्पेन से एक गोल से पिछड़ने वाली भारतीय टीम ने बाद में उसी अंदाज में वापसी करते हुए दो गोल दागे. पहले हाफ में गेंद पर नियंत्रण के मामले में मेजबान का पलड़ा भारी रहा, लेकिन सर्कल के भीतर फारवर्ड पंक्ति ने चूक की. भारत को सबसे पहले गोल करने का मौका 12वें मिनट में मिला, लेकिन गुरजंत सिंह से मिले पास को परविंदर सिंह सर्कल के भीतर पकड़ नहीं सके.
दूसरी, तरफ ऑस्ट्रेलिया ने भी हमले तेज कर दिए, जिसका फायदा 13वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला. इस पर पहले शॉट में गोल नहीं हो सका और रिबाउंड पर भी निशाना चूक गया, लेकिन दूसरे रिबाउंड पर टाम क्रेग ने गेंद को गोल के भीतर डाल दिया.
भारत को पहले पेनल्टी कॉर्नर के लिए 27वें मिनट तक इंतजार करना पड़ा. एक ही मिनट में भारत को दो पेनल्टी कॉर्नर मिले और दूसरे पर हरमनप्रीत सिंह के शॉट पर गेंद ऑस्ट्रेलियाई गोलकीपर थामस एशले की स्टिक से टकराकर गोलपोस्ट के ऊपर से निकल गई.
इसके चार मिनट बाद विरोधी गोल पर पहला सीधा शॉट भी नाकाम रहा. हरमनप्रीत ने बाहर से विक्रमजीत सिंह को सर्कल के भीतर गेंद की, जिनका शॉट विरोधी गोलकीपर ने मुस्तैदी से बचाया. दो मिनट बाद सिमरनजीत सिंह ने खाली पड़े गोल के सामने आसान मौका गंवाया, जिस पर ऑस्ट्रेलियाई डिफेंडर सर्कल के बाहर थे. दूसरे हाफ में भारतीय गोलकीपर विकास दहिया की अगुवाई में डिफेंस ने मुस्तैदी दिखाते हुए ऑस्ट्रेलिया के कई हमलों को नाकाम किया. इस हाफ में ऑस्ट्रेलिया को चार पेनल्टी कार्नर मिले, लेकिन एक पर भी कामयाबी हाथ नहीं लगी. ब्रेक के बाद दूसरे ही मिनट में ऑस्ट्रेलिया को पेनल्टी कार्नर मिला, लेकिन इस पर गोल नहीं हो सका.
इस बीच भारत के लिए बराबरी का गोल 42 वें मिनट में गुरजंत ने किया. यह गोल फारवर्ड पंक्ति के शानदार टीम प्रयास का नतीजा था, जब सिमरनजीत सिंह ने दाहिने छोर से बाईं ओर गुरजंत को गेंद सौंपी और उसने शानदार गोल दागा जो टूर्नामेंट के सबसे खूबसूरत गोल में से एक था.
भारत ने छह मिनट बाद बढ़त बना ली जब नीलकांता शर्मा से मिले पास पर मनदीप सिंह ने गेंद को गोल के भीतर डाला. स्कोर 2-1 होने के बाद हालांकि भारतीय डिफेंस थोड़ा चरमरा गया और इसका फायदा उठाकर ऑस्ट्रेलिया ने 57वें मिनट में बराबरी का गोल कर दिया. ऑस्ट्रेलिया को 64वें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन दिप्सन टिर्की की अगुवाई में भारतीय डिफेंस ने इसे नाकाम कर दिया. (इनपुट भाषा से भी)
                                                                        
                                    
                                इससे पहले गुरुवार को भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल में स्पेन को 2-1 से हराकर एफआईएच जूनियर हॉकी वर्ल्डकप-2016 के सेमीफाइनल में पहुंची थी. इसके बाद भारतीय टीम ने शुक्रवार को अंतिम-4 दौर के मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 4-2 से हराया और जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप के फाइनल में प्रवेश किया.
शुक्रवार को खचाखच भरे मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पर जैसे ही भारत के लिए मनप्रीत सिंह जूनियर ने चौथे पेनल्टी को गोल में बदला, दर्शकों में मानो जोश का तूफान उमड़ पड़ा. मैदान पर चारों ओर तिरंगे लहराते दिखाई देने लगे और पूरा स्टेडियम 'चक दे इंडिया' से गुंजायमान हो गया. पिछले 11 बरस से जूनियर हॉकी में कांस्य पदक का मुकाबला हारने की टीस से जूझ रहे कोच हरेंद्र सिंह ने मैदान को प्रणाम किया और खिलाड़ी आंखों मे आंसू लेकर एक दूसरे के गले लग गए.
पेनल्टी शूटआउट में भारत के लिए कप्तान हरजीत सिंह ने 21वें मिनट में रिबाउंड पर पहला गोल किया, जबकि ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह और सुमित ने बाकी दो गोल दागे. आखिरी गोल मनप्रीत ने किया. वहीं, ऑस्ट्रेलिया के लिए ब्लैक गोवर्स और जैक वेल्श ने गोल किए, जबकि मैथ्यू बर्ड और लाशलान शार्प के निशाने चूक गए.
इससे पहले निर्धारित समय तक स्कोर 2-2 से बराबर था. भारत के लिए गुरजंत सिंह (42वां) और मनदीप सिंह (48वां मिनट) ने गोल किए, जबकि ऑस्ट्रेलिया के लिए टाम क्रेग (14वां मिनट) और शार्प (57वां) ने गोल दागे.
मैच में पहले हाफ में भारतीयों ने गोल करने के कई आसान मौके गंवाए. क्वार्टर फाइनल में 55वें मिनट तक स्पेन से एक गोल से पिछड़ने वाली भारतीय टीम ने बाद में उसी अंदाज में वापसी करते हुए दो गोल दागे. पहले हाफ में गेंद पर नियंत्रण के मामले में मेजबान का पलड़ा भारी रहा, लेकिन सर्कल के भीतर फारवर्ड पंक्ति ने चूक की. भारत को सबसे पहले गोल करने का मौका 12वें मिनट में मिला, लेकिन गुरजंत सिंह से मिले पास को परविंदर सिंह सर्कल के भीतर पकड़ नहीं सके.
दूसरी, तरफ ऑस्ट्रेलिया ने भी हमले तेज कर दिए, जिसका फायदा 13वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला. इस पर पहले शॉट में गोल नहीं हो सका और रिबाउंड पर भी निशाना चूक गया, लेकिन दूसरे रिबाउंड पर टाम क्रेग ने गेंद को गोल के भीतर डाल दिया.
भारत को पहले पेनल्टी कॉर्नर के लिए 27वें मिनट तक इंतजार करना पड़ा. एक ही मिनट में भारत को दो पेनल्टी कॉर्नर मिले और दूसरे पर हरमनप्रीत सिंह के शॉट पर गेंद ऑस्ट्रेलियाई गोलकीपर थामस एशले की स्टिक से टकराकर गोलपोस्ट के ऊपर से निकल गई.
इसके चार मिनट बाद विरोधी गोल पर पहला सीधा शॉट भी नाकाम रहा. हरमनप्रीत ने बाहर से विक्रमजीत सिंह को सर्कल के भीतर गेंद की, जिनका शॉट विरोधी गोलकीपर ने मुस्तैदी से बचाया. दो मिनट बाद सिमरनजीत सिंह ने खाली पड़े गोल के सामने आसान मौका गंवाया, जिस पर ऑस्ट्रेलियाई डिफेंडर सर्कल के बाहर थे. दूसरे हाफ में भारतीय गोलकीपर विकास दहिया की अगुवाई में डिफेंस ने मुस्तैदी दिखाते हुए ऑस्ट्रेलिया के कई हमलों को नाकाम किया. इस हाफ में ऑस्ट्रेलिया को चार पेनल्टी कार्नर मिले, लेकिन एक पर भी कामयाबी हाथ नहीं लगी. ब्रेक के बाद दूसरे ही मिनट में ऑस्ट्रेलिया को पेनल्टी कार्नर मिला, लेकिन इस पर गोल नहीं हो सका.
इस बीच भारत के लिए बराबरी का गोल 42 वें मिनट में गुरजंत ने किया. यह गोल फारवर्ड पंक्ति के शानदार टीम प्रयास का नतीजा था, जब सिमरनजीत सिंह ने दाहिने छोर से बाईं ओर गुरजंत को गेंद सौंपी और उसने शानदार गोल दागा जो टूर्नामेंट के सबसे खूबसूरत गोल में से एक था.
भारत ने छह मिनट बाद बढ़त बना ली जब नीलकांता शर्मा से मिले पास पर मनदीप सिंह ने गेंद को गोल के भीतर डाला. स्कोर 2-1 होने के बाद हालांकि भारतीय डिफेंस थोड़ा चरमरा गया और इसका फायदा उठाकर ऑस्ट्रेलिया ने 57वें मिनट में बराबरी का गोल कर दिया. ऑस्ट्रेलिया को 64वें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन दिप्सन टिर्की की अगुवाई में भारतीय डिफेंस ने इसे नाकाम कर दिया. (इनपुट भाषा से भी)
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                                        जूनियर हॉकी विश्व कप, भारतीय जूनियर हॉकी टीम, भारत, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, Junior Hockey World Cup, Indian Junior Men Hockey Team, India, Australia, Belgium
                            
                        