भारतीय ओलिंपिक संघ के चुनावों ने उस वक्त नाटकीय मोड़ ले लिया, जब चुनाव समिति के अध्यक्ष एसवाई कुरैशी ने पद से इस्तीफा दे दिया। एक हफ्ते बाद होने वाले इन विवादास्पद चुनावों को अब टाला जा सकता है।
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नई दिल्ली:
भारतीय ओलिंपिक संघ के चुनावों ने शनिवार को नाटकीय मोड़ ले लिया, जब चुनाव समिति के अध्यक्ष एसवाई कुरैशी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। लगभग एक हफ्ते बाद होने वाले इन विवादास्पद चुनावों को अब टाला जा सकता है।
भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कुरैशी ने यह कहते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया कि उनका जमीर उन्हें पद पर बने रहने की इजाजत नहीं देता, क्योंकि आईओए अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हट गया।
आईओए ने तीन बार स्थगित हो चुके चुनावों के निरीक्षण के लिए तीन-सदस्यीय समिति का गठन किया था, लेकिन कुरैशी के इस्तीफे के बाद देश में खेल की शीर्ष संस्था को उनका विकल्प तलाशना होगा। कुरैशी के इस्तीफे के बाद निर्वाचन अधिकारी मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) वीके बाली ने शनिवार को होने वाली नामांकन की समीक्षा प्रक्रिया को स्थगित कर दिया।
बाली ने कहा कि समीक्षा प्रकिया चुनाव आयोग के नए अध्यक्ष-सदस्य की नियुक्ति के बाद ही शुरू होगी। इसके बाद काफी अजीब स्थिति पैदा हो गई है, क्योंकि इसका असर 25 नवंबर को होने वाले चुनावों पर भी पड़ेगा। इन चुनावों के तय समय पर होने की संभावना कम ही है क्योंकि पूरी प्रक्रिया में विलंब हो गया है।
कुरैशी ने इस्तीफा देते हुए कहा, मैं इसकी सराहना करता हूं कि आईओए ने चुनावों के लिए स्वतंत्र समिति की नियुक्ति की। लेकिन मैं अपने पद पर बना नहीं रह सकता, क्योंकि आईओए ने सरकार के खेल दिशानिर्देशों को स्वीकार किया था, लेकिन अब इनका पालन नहीं करना चाहता। कुरैशी ने लिखा, खेल सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान से ही मैं सरकार के खेल दिशानिर्देशों का पालन कर रहा हूं। अब आईओए दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहा और मेरा जमीर मुझे पद पर बने रहने की स्वीकृति नहीं देता। समिति में बने रहना हितों का टकराव होगा।
सरकार के खेल दिशानिर्देश उम्मीदवारों की आयु और पदाधिकारियों के कार्यकाल को सीमित करते हैं। अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) ने शुक्रवार को साफ कर दिया था कि चुनाव ओलिंपिक चार्टर के मुताबिक होने चाहिए, सरकार की खेल संहिता के अनुसार नहीं।
आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष वीके मल्होत्रा ने पुष्टि की कि उन्हें कुरैशी का इस्तीफा मिल गया है। मल्होत्रा ने कहा कि आईओए अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटा।
भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कुरैशी ने यह कहते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया कि उनका जमीर उन्हें पद पर बने रहने की इजाजत नहीं देता, क्योंकि आईओए अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हट गया।
आईओए ने तीन बार स्थगित हो चुके चुनावों के निरीक्षण के लिए तीन-सदस्यीय समिति का गठन किया था, लेकिन कुरैशी के इस्तीफे के बाद देश में खेल की शीर्ष संस्था को उनका विकल्प तलाशना होगा। कुरैशी के इस्तीफे के बाद निर्वाचन अधिकारी मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) वीके बाली ने शनिवार को होने वाली नामांकन की समीक्षा प्रक्रिया को स्थगित कर दिया।
बाली ने कहा कि समीक्षा प्रकिया चुनाव आयोग के नए अध्यक्ष-सदस्य की नियुक्ति के बाद ही शुरू होगी। इसके बाद काफी अजीब स्थिति पैदा हो गई है, क्योंकि इसका असर 25 नवंबर को होने वाले चुनावों पर भी पड़ेगा। इन चुनावों के तय समय पर होने की संभावना कम ही है क्योंकि पूरी प्रक्रिया में विलंब हो गया है।
कुरैशी ने इस्तीफा देते हुए कहा, मैं इसकी सराहना करता हूं कि आईओए ने चुनावों के लिए स्वतंत्र समिति की नियुक्ति की। लेकिन मैं अपने पद पर बना नहीं रह सकता, क्योंकि आईओए ने सरकार के खेल दिशानिर्देशों को स्वीकार किया था, लेकिन अब इनका पालन नहीं करना चाहता। कुरैशी ने लिखा, खेल सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान से ही मैं सरकार के खेल दिशानिर्देशों का पालन कर रहा हूं। अब आईओए दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहा और मेरा जमीर मुझे पद पर बने रहने की स्वीकृति नहीं देता। समिति में बने रहना हितों का टकराव होगा।
सरकार के खेल दिशानिर्देश उम्मीदवारों की आयु और पदाधिकारियों के कार्यकाल को सीमित करते हैं। अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) ने शुक्रवार को साफ कर दिया था कि चुनाव ओलिंपिक चार्टर के मुताबिक होने चाहिए, सरकार की खेल संहिता के अनुसार नहीं।
आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष वीके मल्होत्रा ने पुष्टि की कि उन्हें कुरैशी का इस्तीफा मिल गया है। मल्होत्रा ने कहा कि आईओए अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटा।
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