किशोर मुक्केबाज शिव थापा (56 किग्रा) ने भारतीय मुक्केबाजी के उदीयमान स्टार की अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए जॉर्डन के अम्मान में एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
                                            
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        किशोर मुक्केबाज शिव थापा (56 किग्रा) ने भारतीय मुक्केबाजी के उदीयमान स्टार की अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए जॉर्डन के अम्मान में एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। वह इस चैंपियनशिप में सोने का तमगा जीतने वाले भारत के सबसे युवा मुक्केबाज बन गए हैं।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ में प्रशासनिक गड़बड़ियों के कारण पिछले एक साल से अंतरराष्ट्रीय निलंबन झेल रहे भारत ने इस तरह से एक स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक के साथ अपने अभियान का अंत किया। भारतीय मुक्केबाजों ने इस चैंपियनशिप में अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के ध्वज तले भाग लिया था।
एल देवेंद्रों सिंह (49 किग्रा) और मनदीप जांगड़ा (69 किग्रा) ने रजत पदक जीते जबकि मनोज कुमार (64 किग्रा) ने कांस्य पदक हासिल किया। असम के 19 वर्षीय थापा ने स्थानीय मुक्केबाज ओबादा अलकाबेह को 2-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। पिछले साल लंदन ओलिंपिक में भाग लेने वाले थापा इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय मुक्केबाज हैं। उनसे पहले राजकुमार सांगवान ने 1994 और सुरंजय सिंह ने 2009 में सोने का तमगा जीता था।
राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने कहा, ‘शिव ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। उसने अपना दिमाग लगाया और तीनों दौर में दबदबा बनाए रखा। फैसले में अंक भले ही बंट गए लेकिन वह साफ तौर पर दोनों में बेहतर मुक्केबाज था।’
                                                                        
                                    
                                भारतीय मुक्केबाजी महासंघ में प्रशासनिक गड़बड़ियों के कारण पिछले एक साल से अंतरराष्ट्रीय निलंबन झेल रहे भारत ने इस तरह से एक स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक के साथ अपने अभियान का अंत किया। भारतीय मुक्केबाजों ने इस चैंपियनशिप में अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के ध्वज तले भाग लिया था।
एल देवेंद्रों सिंह (49 किग्रा) और मनदीप जांगड़ा (69 किग्रा) ने रजत पदक जीते जबकि मनोज कुमार (64 किग्रा) ने कांस्य पदक हासिल किया। असम के 19 वर्षीय थापा ने स्थानीय मुक्केबाज ओबादा अलकाबेह को 2-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। पिछले साल लंदन ओलिंपिक में भाग लेने वाले थापा इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय मुक्केबाज हैं। उनसे पहले राजकुमार सांगवान ने 1994 और सुरंजय सिंह ने 2009 में सोने का तमगा जीता था।
राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने कहा, ‘शिव ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। उसने अपना दिमाग लगाया और तीनों दौर में दबदबा बनाए रखा। फैसले में अंक भले ही बंट गए लेकिन वह साफ तौर पर दोनों में बेहतर मुक्केबाज था।’
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