भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने अमेरिकी ओपन के अपने खिताब को देश और नए राज्य तेलंगाना को समर्पित किया है, जहां का उन्हें ब्रांड दूत बनाए जाने पर राजनीतिक विवाद हो गया था।
सानिया ने शुक्रवार को ब्राजील के ब्रूनो सोरेस के साथ मिलकर अमेरिकी ओपन का मिश्रित युगल खिताब जीता। सानिया ने फाइनल में करीबी मुकाबले में जीत दर्ज करने के बाद न्यूयॉर्क से पीटीआई से कहा, मैं काफी खुश हूं, ब्रूनो के साथ जीत दर्ज करना शानदार रहा। पहली बार हम साथ खेल रहे थे, ये दो हफ्ते शानदार रहे। यह जीत मैं भारत में सभी को समर्पित करती हूं, अपने देश को और तेलंगाना राज्य को और तेलंगाना के सभी लोगों को।
उन्होंने कहा, मैं काफी रोमांचित हूं। यह सपना साकार होने की तरह है। उम्मीद करती हूं कि कई और खिताब जीतूंगी। सानिया ने अपना तीसरा ग्रैंडस्लैम खिताब उस घटना के लगभग एक महीने बाद जीता है, जब बीजेपी के एक नेता ने पाकिस्तान के क्रिकेटर शोएब मलिक के साथ उनके निकाह के कारण उन्हें पाकिस्तान की 'बहू' करार दिया था। तेलंगाना सरकार द्वारा सानिया को राज्य का ब्रांड दूत बनाए जाने के बाद बीजेपी नेता ने यह प्रतिक्रिया दी थी।
यह पूछने पर कि क्या यह विवाद अमेरिकी ओपन के दौरान उनके दिमाग में था, तो सानिया ने कहा कि वह आगे बढ़ने में विश्वास करती हूं और कोर्ट पर उतरने के बाद सिर्फ अपने खेल पर ध्यान देती हैं। ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला और लिएंडर पेस और महेश भूपति के बाद तीसरी भारतीय खिलाड़ी सानिया ने कहा, मुझे नहीं लगता कि हमें नकारात्मक चीजों पर ध्यान देना चाहिए।
सानिया और ब्रूनो मैच टाईब्रेक में 9-4 की बढ़त के साथ चीज की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने कई गलतियां कीं, जिससे एबिगेल स्पीयर्स और सेंटियागो गोंजालेज ने 9-9 से बराबरी हासिल कर ली। भारत और ब्राजील की शीर्ष वरीय जोड़ी ने हालांकि धैर्य बरकरार रखते हुए जीत दर्ज की।
सानिया ने इस शानदार लम्हे को याद करते हुए कहा, एक समय हम सभी काफी डर गए थे, लेकिन हमने सिर्फ सकारात्मक होने का प्रयास किया और वह किया तो हम कर सकते थे। इस स्थिति से निकलने में एक-दूसरे की मदद की और जीतने में सफल रहे।
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