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This Article is From Aug 07, 2012

अगले ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतना चाहती हैं साइना

लंदन ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर स्वदेश लौटीं भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल का कहना है कि यह पदक उन्हें 2016 रियो डी जनेरियो ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के लिए प्रेरित करेगा।
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हैदराबाद: लंदन ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर स्वदेश लौटीं भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल का कहना है कि यह पदक उन्हें 2016 रियो डी जनेरियो ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के लिए प्रेरित करेगा।

मंगलवार को सम्मान समारोह में साइना ने कहा, "मुझे खुद पर गर्व है। मैं लंदन पदक जीतने के विश्वास से गई थी और मैं इसमें सक्षम रही। ओलिंपिक पदक के लिए मैंने नौ वर्ष की उम्र में खेलना शुरू किया था।"

साइना ओलिंपिक में बैडमिंटन प्रतियोगिता में पदक जीतने वाली देश की पहली खिलाड़ी हैं। बतौर महिला साइना ओलिंपिक में पदक जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी हैं।

साइना और चीन की जिन के बीच कांस्य पदक के लिए मुकाबला खेला जा रहा था। जिन पहला गेम जीत चुकीं थी जबकि दूसरे गेम में वह 1-0 से आगे थीं।

पहले गेम की समाप्ति के कुछ समय पहले जिन का घुटना चोटिल हो गया जिसके बाद वह मुकाबले से बाहर हो गई थीं। इस प्रकार साइना को कांस्य पदक मिल गया।

22 वर्षीया साइना ने कहा कि वह कांस्य पदक जीतने में भाग्यशाली रहीं। उनका कहना किइस वर्ष थाईलैंड और इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज जीतने के बाद वह ओलिंपिक पदक जीतने के प्रति आशावादी थीं।

विश्व की पांचवीं वरीयता प्राप्त साइना ने कहा, "उस समय जो शीर्ष खिलाड़ी रहीं थीं उन सबकों मैं हरा चुकी हूं और वह समय मेरे अनुकूल था। मैंने इंडोनेशिया ओपन में ली ज्युरूई को हराया था जिसने लंदन ओलिंपिक में वांग यिहान को हराकर स्वर्ण पर कब्जा जमाया है। इसलिए मैं ओलिंपिक में पदक जीतने के प्रति आश्वस्त थी।"

यह पूछने पर कि पोडियम पर खड़े होते वक्त आपको कैसा लगा, इस पर साइना ने कहा, "वह पल अविश्वसनीय था। मैं उस समय अपने कठिन परिश्रम को याद कर रही थी जो मैंने वर्षों प्रशिक्षण के दौरान किया था और जिसकी बदौलत मैं ओलिंपिक पदक जीतने में सफल रही। यह पदक मुझे विश्व में और रियो में बेहतर प्रदर्शन करने को प्रेरित करेगा।"

उल्लेखनीय है कि लंदन ओलिंपिक में पदक जीतकर इतिहास रचने वाली साइना का स्वदेश लौटने पर भव्य स्वागत हुआ।

साइना मंगलवार तड़के ब्रिटिश एयरवेज के विमान से दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाईअड्डा पहुंचीं। यहां उनका भव्य स्वागत हुआ। साइना के साथ उनके पिता हरवीर सिंह और राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद भी थे।

हवाईअड्डे पर सायना का एक चैम्पियन की तरह स्वागत हुआ। उनके प्रशंसक उनकी एक झलक पाने के लिए घंटों हवाईअड्डे पर उनकी इंतजार में पलकें बिछाए हुए थे।

साइना ने चेहरे पर मुस्कान के साथ अपने प्रशंसकों का अभिवादन स्वीकार किया। इसके बाद साइना हैदराबाद के लिए रवाना हो गई जहां एक खुले ट्रक में उनका विजय जूलुस निकाला गया।

साइना पहली खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलिंपिक में बैडमिंटन प्रतियोगिता में देश के लिए पदक जीता है।

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