भारतीय टीम के अनुभवी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का कहना है कि विश्व कप का खिताब जीतना उनके लिए ख्वाब को हकीकत में बदलने जैसा है।
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मुंबई:
भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का कहना है कि आईसीसी विश्व कप-2011 का खिताब जीतना उनके लिए ख्वाब को हकीकत में बदलने जैसा है। तेंदुलकर ने इस जीत का श्रेय टीम के सभी खिलाड़ियों को दिया। विश्व कप के फाइनल मुकाबले में भारत ने शनिवार को वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को छह विकेट से हराकर 28 वर्ष बाद दूसरी बार विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल किया। तेंदुलकर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "विश्व कप जीतना मेरा ख्वाब था। जीत के बाद मुझे ऐसा लगा कि मेरा ख्वाब अब हकीकत में बदल गया है। उस वक्त मैं काफी भावुक हो गया था।" तेंदुलकर ने इस विश्व कप में नौ मैचों में 482 रन बनाए थे जिसमें 120 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा था। तेंदुलकर का कहना है कि जीत में टीम के सभी खिलाड़ियों की मेहनत शामिल है। तेंदुलकर ने कहा, "हम एक-दूसरे और देश के लिए खेल रहे थे। टीम के सभी खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते थे। हमने यह सोचा था कि यदि कोई एक बल्लेबाज रन बनाने में असफल रहता है तो दूसरे खिलाड़ी को उसकी भरपाई करनी होगी और कुछ इसी तरह से हमने किया भी।" दबाव के बारे में तेंदुलकर का कहना था कि हरेक व्यक्ति पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का दबाव होता है लेकिन उन्होंने साथ ही साथ यह भी कहा कि टीम एकजुट होकर खेली और खिताब जीतने में कामयाब रही। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बारे में तेंदुलकर ने कहा कि धोनी एक सर्वश्रेष्ठ कप्तान हैं और वह टीम के सभी खिलाड़ियों को साथ लेकर चलते हैं। इसके अलावा तेंदुलकर ने कोच गैरी कर्स्टन के बारे में कहा कि टीम को कर्स्टन की कमी खलेगी।
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