पदोन्नति के बाद सूबेदार मेजर बने विजय के इंदौर हवाई अड्डे पर पहुंचने से पहले सेना का पाइप बैंड और सैकड़ों जवान मौजूद थे।
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महू:
ओलिंपिक रजत पदक विजेता और सेना के पिस्टल शूटर विजय कुमार का सोमवार को यहां पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया।
पदोन्नति के बाद सूबेदार मेजर बने विजय के इंदौर हवाई अड्डे पर पहुंचने से पहले सेना का पाइप बैंड और सैकड़ों जवान मौजूद थे। विजय की फ्लाइट पौने चार बजे इंदौर पहुंची। इसके बाद सिख रेजिमेंट के पाइप बैंड ने जीत की धुन बजाई। सेना निशानेबाजी ईकाई (एएमयू) और इंफेंट्री स्कूल के सैनिकों ने नारे भी लगाए।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने हवाई अड्डे पर विजय की अगवानी की। सेना के वाहनों के काफिले के बीच विजय महू पहुंचे जहां काली पल्टन इलाके और एएमयू के बीच सड़क के दोनों ओर सैकड़ों सैनिक जमा थे। उन्होंने ‘विजय साहेब अमर रहें’ और ‘एएमयू अमर रहे’ के नारे भी लगाए।
बाद में पत्रकारों से बातचीत में विजय ने कहा कि एएमयू लौटकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है क्योंकि इसी ने उन्हें आला दर्जे का निशानेबाज बनाया है।
विजय ने पदक का श्रेय एएमयू में किए गए अभ्यास और कोच पावेल स्मिरनोफ को दिया। भारतीय और विदेशी निशानेबाजों के बीच अंतर के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि विदेशियों के पास तमाम अत्याधुनिक उपकरण होते हैं, लेकिन भारतीय निशानेबाजी अभी विकसित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन और जर्मनी के निशानेबाजों से सबसे ज्यादा चुनौती मिलती है।
सूबेदार मेजर के रूप में उनकी पदोन्नति पिछले साल से लंबित थी, जो अब मिली है। उन्होंने कहा कि जब उनके दर्जे के सिविलियन निशानेबाजों को आईएएस रैंक दी जा रही है, तो सेना को भी कानून में बदलाव करके उसी तरह का इंतजाम करना चाहिए।
ओलिंपिक 2016 में लक्ष्य के बारे में उन्होंने कहा कि जश्न खत्म होने पर वह अपने कोच से बात करके रणनीति तय करेंगे।
पदोन्नति के बाद सूबेदार मेजर बने विजय के इंदौर हवाई अड्डे पर पहुंचने से पहले सेना का पाइप बैंड और सैकड़ों जवान मौजूद थे। विजय की फ्लाइट पौने चार बजे इंदौर पहुंची। इसके बाद सिख रेजिमेंट के पाइप बैंड ने जीत की धुन बजाई। सेना निशानेबाजी ईकाई (एएमयू) और इंफेंट्री स्कूल के सैनिकों ने नारे भी लगाए।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने हवाई अड्डे पर विजय की अगवानी की। सेना के वाहनों के काफिले के बीच विजय महू पहुंचे जहां काली पल्टन इलाके और एएमयू के बीच सड़क के दोनों ओर सैकड़ों सैनिक जमा थे। उन्होंने ‘विजय साहेब अमर रहें’ और ‘एएमयू अमर रहे’ के नारे भी लगाए।
बाद में पत्रकारों से बातचीत में विजय ने कहा कि एएमयू लौटकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है क्योंकि इसी ने उन्हें आला दर्जे का निशानेबाज बनाया है।
विजय ने पदक का श्रेय एएमयू में किए गए अभ्यास और कोच पावेल स्मिरनोफ को दिया। भारतीय और विदेशी निशानेबाजों के बीच अंतर के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि विदेशियों के पास तमाम अत्याधुनिक उपकरण होते हैं, लेकिन भारतीय निशानेबाजी अभी विकसित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन और जर्मनी के निशानेबाजों से सबसे ज्यादा चुनौती मिलती है।
सूबेदार मेजर के रूप में उनकी पदोन्नति पिछले साल से लंबित थी, जो अब मिली है। उन्होंने कहा कि जब उनके दर्जे के सिविलियन निशानेबाजों को आईएएस रैंक दी जा रही है, तो सेना को भी कानून में बदलाव करके उसी तरह का इंतजाम करना चाहिए।
ओलिंपिक 2016 में लक्ष्य के बारे में उन्होंने कहा कि जश्न खत्म होने पर वह अपने कोच से बात करके रणनीति तय करेंगे।
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