बीजिंग ओलिंपिक में थोड़े से अंतर से पदक चूकने की टीस के कारण चार सालों से बेचैन रहे पहलवान योगेश्वर दत्त का कहना है कि लंदन ओलिंपिक में पदक जीतने के बाद वह अब आराम की नींद सो सकते हैं।
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सोनीपत:
बीजिंग ओलिंपिक खेलों में थोड़े से अंतर से पदक चूकने की टीस के कारण पिछले चार सालों से बेचैन रहे पहलवान योगेश्वर दत्त का कहना है कि लंदन ओलिंपिक में पदक जीतने के बाद वह अब आराम की नींद सो सकते हैं।
हरियाणा के सोनीपत में गांव भैंसवाल कलां के रहने वाले 29 साल के योगेश्वर ने कहा कि बीजिंग ओलिंपिक में पदक चूकने के बाद से उन्होंने चार साल में रातें जाग जाग कर काटीं, लेकिन अब वह ओलिंपिक पदक जीतने के बाद चैन की नींद सो सकेंगे।
योगेश्वर ने कहा, पिछले चार सालों से मैं हर रोज ओलिंपिक पदक जीतने का सपना देखता था और मैं ईश्वर का धन्यवाद करता हूं कि इस बार उसने मेरे साथ इंसाफ किया और मैं अब आराम से सो सकता हूं। योगेश्वर दत्त ने लंदन ओलिंपिक खेलों की कुश्ती प्रतियोगिता में फ्रीस्टाइल के 60 किलो वर्ग के रेपेचेज प्ले ऑफ मुकाबले में उत्तर कोरिया के जांग म्यांग री को हराकर कांस्य पदक हासिल किया।
प्री-क्वार्टर फाइनल में हारने वाले योगेश्वर ने रेपचेज राउंड में एक घंटे से भी कम समय में लगातार तीन जीत हासिल करके लंदन ओलिंपिक में भारत को कुश्ती स्पर्धा का पहला और कुल पांचवां पदक दिलाया। प्री-क्वार्टर फाइनल में हारकर योगेश्वर ने रेपेचेज राउंड में प्रवेश किया था, क्योंकि उन्हें प्री-क्वार्टर फाइनल में हराने वाले रूस के बेसिक कुदुखोव फाइनल में पहुंचे थे।
हरियाणा के सोनीपत में गांव भैंसवाल कलां के रहने वाले 29 साल के योगेश्वर ने कहा कि बीजिंग ओलिंपिक में पदक चूकने के बाद से उन्होंने चार साल में रातें जाग जाग कर काटीं, लेकिन अब वह ओलिंपिक पदक जीतने के बाद चैन की नींद सो सकेंगे।
योगेश्वर ने कहा, पिछले चार सालों से मैं हर रोज ओलिंपिक पदक जीतने का सपना देखता था और मैं ईश्वर का धन्यवाद करता हूं कि इस बार उसने मेरे साथ इंसाफ किया और मैं अब आराम से सो सकता हूं। योगेश्वर दत्त ने लंदन ओलिंपिक खेलों की कुश्ती प्रतियोगिता में फ्रीस्टाइल के 60 किलो वर्ग के रेपेचेज प्ले ऑफ मुकाबले में उत्तर कोरिया के जांग म्यांग री को हराकर कांस्य पदक हासिल किया।
प्री-क्वार्टर फाइनल में हारने वाले योगेश्वर ने रेपचेज राउंड में एक घंटे से भी कम समय में लगातार तीन जीत हासिल करके लंदन ओलिंपिक में भारत को कुश्ती स्पर्धा का पहला और कुल पांचवां पदक दिलाया। प्री-क्वार्टर फाइनल में हारकर योगेश्वर ने रेपेचेज राउंड में प्रवेश किया था, क्योंकि उन्हें प्री-क्वार्टर फाइनल में हराने वाले रूस के बेसिक कुदुखोव फाइनल में पहुंचे थे।
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