एनएसएफ के कामकाज पर नियत्रंण करने वाले विवादास्पद खेल बिल को कई मंत्रियों के कड़े प्रतिरोध के कारण मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी नहीं मिल सकी।
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New Delhi:
राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के कामकाज पर नियत्रंण करने वाले विवादास्पद खेल विधेयक को कई मंत्रियों के कड़े प्रतिरोध के कारण मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी नहीं मिल सकी। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक पर चर्चा की गयी और इसमें कई मंत्रियों ने इस पर ऐतराज जताया। इसलिए फैसला किया गया कि विधयेक पर पुनर्विचार से पहले खेल मंत्रालय को इस पर दोबारा काम करना चाहिए। कैबिनेट में मौजूद कम से तीन मंत्री विलासराव देशमुख, सीपी जोशी और फारूख अब्दुल्ला क्रिकेट संघों के प्रमुख हैं जबकि शरद पवार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष हैं। प्रफुल्ल पटेल अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ के प्रमुख हैं। इस खेल विधेयक से राष्ट्रीय खेल महासंघों में पारदर्शिता और जवाबदेही आने की उम्मीद है। इससे महासंघ आरटीआई के अधीन आ जायेंगे। इसके अलावा उम्र और कार्यकाल के दिशा निर्देश भी शीर्ष पदाधिकारियों पर लागू होंगे। इस विधेयक के तहत महासंघ में 70 वर्ष से अधिक उम्र का कोई व्यक्ति महासंघ या आईओए का पदाधिकारी नहीं बन सकता। इसके साथ ही महासंघों के अध्यक्ष 12 वर्ष या चार चार साल के तीन कार्यकाल से अधिक पद पर नहीं रह सकते। अन्य पदाधिकारी लगातार दो बार पद पर नहीं रह सकते लेकिन वे चार साल के ब्रेक के बाद फिर चुने जा सकते हैं।
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नेशनल स्पोर्ट्स बिल, कैबिनेट, खेल संघ