भारतीय मुक्केबाजों ने इतिहास रचते हुए इस वर्ष के 'इन्विटेशनल एफएक्सटीएम इंटरनेशनल लिमासोल बॉक्सिंग कप' को जीत लिया और शीर्ष स्थान के लिए अपनी दावा पक्का कर लिया।
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लिमासोल:
भारतीय मुक्केबाजों ने इतिहास रचते हुए इस वर्ष के 'इन्विटेशनल एफएक्सटीएम इंटरनेशनल लिमासोल बॉक्सिंग कप' को जीत लिया और शीर्ष स्थान के लिए अपनी दावा पक्का कर लिया।
भारतीय मुक्केबाजों ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान अपनी प्रतिभा और हौसले का प्रदर्शन किया और रविवार को हुए फाइनल मुकाबले में चौंकाते हुए कुल 10 पदक अपनी झोली में डाल लिए। भारत को चार स्वर्ण पदक, तीन रजत पदक और तीन कांस्य पदक हासिल हुए। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम को शीर्ष स्थान मिलना पक्का हो गया है। भारतीय टीम ने पहली बार किसी यूरोपियाई टूर्नामेंट में खिताबी जीत हासिल की है।
भारत का टूर्नामेंट का पहला मुकाबला मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन मदन लाल (52 किलोग्राम) ने खेला। लाल ने इस मुकाबले में बेल्जियम के आईगाह डोड्सी को हराकर फ्लाइवेट खिताब पर कब्जा कर लिया।
युवा ओलिंपिक-2009 के स्वर्ण पदक विजेता वी. दुर्गा राव (56 किलोग्राम) को जर्मनी के मुक्केबाज डाइटर डायर के खिलाफ जीत दर्ज करने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा। इस जीत के साथ राव ने सीनियर टूर्नामेंट में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक हासिल किया।
मंदीप जांगड़ा (69 किलोग्राम) ने स्पेन के विक्टर वेगा ब्लांको को एकतरफा मुकाबले में हराकर वाल्टरवेट खिताब अपने नाम कर लिया।
भारत के लिए मुक्केबाज प्रवीण कुमार (91 किलोग्राम) ने चौथा स्वर्ण पदक जीता। कुमार ने सुपर हैवीवेट वर्ग में अल्जीरिया के बेगुएर्नी हमजा को हराया।
भारत के लिए मनोज कुमार (64 किलोग्राम), दिनेश कुमार (91 किलोग्राम) और सुखदीप सिंह (75 किलोग्राम) ने रजत पदक हासिल किया।
कांस्य पदक हासिल करने वाले भारतीय मुक्केबाज हैं- अनिल कुमार (60 किलोग्राम), जगरूप सिंह (81 किलोग्राम) और एल. देवेंद्रो सिंह (49 किलोग्राम)।
मुख्य राष्ट्रीय कोट जीएस संधु भारतीय मुक्केबाजों के प्रदर्शन से काफी खुश हैं।
संधु ने कहा, "यह हमारी पहली खिताबी जीत है, इससे पहले हमने किसी यूरोपियाई टूर्नामेंट में जीत नहीं हासिल की थी। भारतीय मुक्केबाजों के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है और मैं अपने मुक्केबाजों के प्रदर्शन से बहुत खुश हूं।"
भारतीय मुक्केबाजों ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान अपनी प्रतिभा और हौसले का प्रदर्शन किया और रविवार को हुए फाइनल मुकाबले में चौंकाते हुए कुल 10 पदक अपनी झोली में डाल लिए। भारत को चार स्वर्ण पदक, तीन रजत पदक और तीन कांस्य पदक हासिल हुए। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम को शीर्ष स्थान मिलना पक्का हो गया है। भारतीय टीम ने पहली बार किसी यूरोपियाई टूर्नामेंट में खिताबी जीत हासिल की है।
भारत का टूर्नामेंट का पहला मुकाबला मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन मदन लाल (52 किलोग्राम) ने खेला। लाल ने इस मुकाबले में बेल्जियम के आईगाह डोड्सी को हराकर फ्लाइवेट खिताब पर कब्जा कर लिया।
युवा ओलिंपिक-2009 के स्वर्ण पदक विजेता वी. दुर्गा राव (56 किलोग्राम) को जर्मनी के मुक्केबाज डाइटर डायर के खिलाफ जीत दर्ज करने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा। इस जीत के साथ राव ने सीनियर टूर्नामेंट में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक हासिल किया।
मंदीप जांगड़ा (69 किलोग्राम) ने स्पेन के विक्टर वेगा ब्लांको को एकतरफा मुकाबले में हराकर वाल्टरवेट खिताब अपने नाम कर लिया।
भारत के लिए मुक्केबाज प्रवीण कुमार (91 किलोग्राम) ने चौथा स्वर्ण पदक जीता। कुमार ने सुपर हैवीवेट वर्ग में अल्जीरिया के बेगुएर्नी हमजा को हराया।
भारत के लिए मनोज कुमार (64 किलोग्राम), दिनेश कुमार (91 किलोग्राम) और सुखदीप सिंह (75 किलोग्राम) ने रजत पदक हासिल किया।
कांस्य पदक हासिल करने वाले भारतीय मुक्केबाज हैं- अनिल कुमार (60 किलोग्राम), जगरूप सिंह (81 किलोग्राम) और एल. देवेंद्रो सिंह (49 किलोग्राम)।
मुख्य राष्ट्रीय कोट जीएस संधु भारतीय मुक्केबाजों के प्रदर्शन से काफी खुश हैं।
संधु ने कहा, "यह हमारी पहली खिताबी जीत है, इससे पहले हमने किसी यूरोपियाई टूर्नामेंट में जीत नहीं हासिल की थी। भारतीय मुक्केबाजों के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है और मैं अपने मुक्केबाजों के प्रदर्शन से बहुत खुश हूं।"
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