युवा फारवर्ड मंदीप सिंह की शानदार हैट्रिक की बदौलत भारत ने मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में जारी हीरो हॉकी विश्व लीग फाइनल के पांचवें स्थान के प्लेऑफ मुकाबले में शुक्रवार को ओलिम्पिक चैम्पियन जर्मनी को 5-4 से हरा दिया। भारत की ओर से रुपिंदर पाल सिंह ने भी दो गोल किए।
हाल के दिनों में अपनी सबसे बड़ी जीत हासिल करने वाली भारतीय टीम पांचवें स्थान के लिए शनिवार को बेल्जियम के साथ खेलेगी, जिसने शुक्रवार को पहले प्लेऑफ मैच में अर्जेंटीना को 3-1 से हराया। मैच का फैसला पेनाल्टी शूटआउट से हुआ। निर्धारित समय तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं।
जर्मनी की टीम को अब सातवें-आठवें स्थान के लिए प्रयास करना होगा। इसके लिए उसे अर्जेंटीना से भिड़ना होगा। जर्मन टीम के लिए खतरे की बात यह है कि अर्जेंटीना ने पूल स्तर पर नीदरलैंड्स और बेल्जियम जैसी उच्च वरीय टीमों को हराया है।
पूल स्तर पर भारत से ड्रॉ खेल चुकी जर्मनी की ओर से कप्तान ओलिवर कार्न ने चौथे, थिलो स्ट्रालकोवस्की ने छठे, बेंजामिन वेस ने 27वें और मार्क हेनर ने 55वें मिनट में गोल किए। भारत की ओर से मंदीप सिंह ने शानदार हैट्रिक लगाई। मंदीप ने 18वें, 41वें और 53वें मिनट में गोल किए। चौथा गोल रुपिंदर पाल सिंह ने किया।
गोल करने की शुरुआत जर्मनी ने की थी। कार्न ने हूटर बजने के पांच मिनट के भीतर ही एक बेहतरीन फील्ड गोल की मदद से अपनी टीम को 1-0 से आगे किया। अभी दो मिनट भी नहीं गुजरे थे कि जर्मन टीम ने एक बार फिर भारतीय रक्षापंक्ति भेदा और पहले ही पेनाल्टी कार्नर पर गोल करके स्कोर अपने पक्ष में 2-0 कर दिया।
इसके बाद हालांकि भारत ने पलटवार किया और 18वें मिनट में मंदीप के उम्दा फील्ड गोल की मदद से खाता खोला लेकिन जर्मन टीम ने इसके नौ मिनट बाद ही अपनी बढ़त को मजबूत कर दिया। इस बार वेस ने एक उम्दा फील्ड किया। मध्यांतर तक मेहमान टीम 3-1 से आगे रही।
मध्यांतर के बाद का खेल भारत के नाम रहा क्योंकि 39वें मिनट में रुपिंदर ने पेनाल्टी कार्नर पर गोल करते हुए स्कोर 2-3 कर दिया और फिर 41वें मिनट में मंदीप ने फील्ड गोल के जरिये अपनी टीम को बराबरी पर ला दिया।
अब भारतीय खिलाड़ियों का मनोबल देखने लायक था। ऑस्ट्रेलिया से क्वार्टर फाइनल में 2-7 से पिटने वाली यह टीम जर्मनी के खिलाफ लगातार दूसरी बार शानदार फार्म में नजर आई और 53वें मिनट में मंदीप द्वारा किए गए गोल की मदद से 4-3 की बढ़त हासिल कर ली।
यह बढ़त हालांकि ज्यादा देर कायम नहीं रह सकी क्योंकि जर्मन टीम ने पेनाल्टी कार्नर के जरिये बराबरी का गोल करके यह संकेत दिया कि विश्व की सर्वोच्च वरीय टीम को हराना आसान नहीं।
भारतीय खिलाड़ियों को हालांकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ा और वे लगातार मैदान में दबदबा बनाए रखते हुए आक्रमण करते रहे। अगले 15 मिनट तक कोई गोल नहीं हुआ और ऐसा लगा कि मैच का फैसला पेनाल्टी शूटआउट से होगा लेकिन अंतिम मिनट में मिले पेनाल्टी कार्नर पर रुपिंदर ने गोल करते हुए अपनी टीम को 5-4 से जीत दिला दी।
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