माइकल नोब्स को खराब प्रदर्शन के कारण बर्खास्त करने के दो दिन बाद बुधवार को ओलिंपियन महाराज कृष्ण कौशिक को भारतीय सीनियर पुरुष टीम का कोच बनाया गया।
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नई दिल्ली:
माइकल नोब्स को खराब प्रदर्शन के कारण बर्खास्त करने के दो दिन बाद बुधवार को ओलिंपियन महाराज कृष्ण कौशिक को भारतीय सीनियर पुरुष टीम का कोच बनाया गया।
मास्को ओलिंपिक (1980) में आठवां और आखिरी स्वर्ण जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे कौशिक हाई परफार्मेंस निदेशक रोलेंट ओल्टमेंस के सहयोगी होंगे। नए मुख्य कोच की नियुक्ति तक ओल्टमेंस को पुरुष टीम का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
नोब्स को समय से पहले बर्खास्त किए जाने के दो दिन के भीतर ही कौशिक की नियुक्ति की गई है। नोब्स ने हालांकि कहा है कि उन्होंने खराब सेहत के कारण पद खुद छोड़ा है। कौशिक 16 जुलाई से बेंगलुरु में शुरू हो रहे राष्ट्रीय शिविर में टीम से जुड़ेंगे। टीम के साथ उनका पहला टूर्नामेंट 24 अगस्त से 1 सितंबर तक इपोह में होने वाला एशिया कप है, जो अगले साल होने वाला विश्वकप खेलने के लिए भारत को हर हालत में जीतना है।
कौशिक ने अपनी नियुक्ति के बारे में कहा, मैं बहुत खुश हूं। किसी भी खिलाड़ी के लिए टीम का कोच बनना गर्व की बात है। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा। उन्होंने कहा, मैं पूरे टीम प्रबंधन के साथ मिलकर समाधान तलाशने की कोशिश करूंगा, जिससे हम विश्वकप के लिये क्वालीफाई कर सकें।
कौशिक ने कहा कि एशिया कप में भारत पर भारी दबाव होगा। उन्होंने कहा, रोटरडम में दबाव कम था, लेकिन एशिया कप में काफी दबाव होगा और हमें दबाव में अच्छा खेलना होगा। कौशिक की नियुक्ति का स्वागत करते हुए हॉकी इंडिया के महासचिव नरिंदर बत्रा ने कहा, कौशिक के पास सीनियर टीम के साथ काम करने की तमाम योग्यताएं हैं। मुझे उम्मीद है कि उनके सहयोग से टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी।
हॉकी इंडिया के इन्हीं अधिकारियों ने महिला टीम की कुछ खिलाड़ियों द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद कौशिक को महिला टीम के कोच के पद से हटाया था। खेल मंत्रालय की जांच के बाद उन्हें आरोपों से बरी कर दिया गया। हरियाणा सरकार के खेल उप निदेशक के पद से रिटायर हुए कौशिक पहले सीनियर पुरुष और महिला दोनों टीमों के कोच रह चुके हैं। उनके साथ भारतीय पुरुष टीम ने 1998 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। भारतीय महिला टीम ने 2006 एशियाई खेलों में कांस्य पदक हासिल किया था।
मास्को ओलिंपिक (1980) में आठवां और आखिरी स्वर्ण जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे कौशिक हाई परफार्मेंस निदेशक रोलेंट ओल्टमेंस के सहयोगी होंगे। नए मुख्य कोच की नियुक्ति तक ओल्टमेंस को पुरुष टीम का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
नोब्स को समय से पहले बर्खास्त किए जाने के दो दिन के भीतर ही कौशिक की नियुक्ति की गई है। नोब्स ने हालांकि कहा है कि उन्होंने खराब सेहत के कारण पद खुद छोड़ा है। कौशिक 16 जुलाई से बेंगलुरु में शुरू हो रहे राष्ट्रीय शिविर में टीम से जुड़ेंगे। टीम के साथ उनका पहला टूर्नामेंट 24 अगस्त से 1 सितंबर तक इपोह में होने वाला एशिया कप है, जो अगले साल होने वाला विश्वकप खेलने के लिए भारत को हर हालत में जीतना है।
कौशिक ने अपनी नियुक्ति के बारे में कहा, मैं बहुत खुश हूं। किसी भी खिलाड़ी के लिए टीम का कोच बनना गर्व की बात है। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा। उन्होंने कहा, मैं पूरे टीम प्रबंधन के साथ मिलकर समाधान तलाशने की कोशिश करूंगा, जिससे हम विश्वकप के लिये क्वालीफाई कर सकें।
कौशिक ने कहा कि एशिया कप में भारत पर भारी दबाव होगा। उन्होंने कहा, रोटरडम में दबाव कम था, लेकिन एशिया कप में काफी दबाव होगा और हमें दबाव में अच्छा खेलना होगा। कौशिक की नियुक्ति का स्वागत करते हुए हॉकी इंडिया के महासचिव नरिंदर बत्रा ने कहा, कौशिक के पास सीनियर टीम के साथ काम करने की तमाम योग्यताएं हैं। मुझे उम्मीद है कि उनके सहयोग से टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी।
हॉकी इंडिया के इन्हीं अधिकारियों ने महिला टीम की कुछ खिलाड़ियों द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद कौशिक को महिला टीम के कोच के पद से हटाया था। खेल मंत्रालय की जांच के बाद उन्हें आरोपों से बरी कर दिया गया। हरियाणा सरकार के खेल उप निदेशक के पद से रिटायर हुए कौशिक पहले सीनियर पुरुष और महिला दोनों टीमों के कोच रह चुके हैं। उनके साथ भारतीय पुरुष टीम ने 1998 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। भारतीय महिला टीम ने 2006 एशियाई खेलों में कांस्य पदक हासिल किया था।
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