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This Article is From Sep 10, 2017

महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सीनियर को उम्‍मीद, खोए पदकों की तलाश में मदद करेंगे नए खेल मंत्री राज्‍यवर्धन राठौड़

अपने खोये पदकों के ​लिये पिछले पांच साल से दिल्ली के चक्कर लगा रहे तिहरे ओलिंपिक पदक विजेता बलबीर सिंह सीनियर को नए खेल मंत्री राज्‍यवर्धन सिंह राठौड़ से उम्मीद जगी है.

महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सीनियर को उम्‍मीद, खोए पदकों की तलाश में मदद करेंगे नए खेल मंत्री राज्‍यवर्धन राठौड़
बलबीर सिंह ओलिंपिक खेलों में तीन बार स्‍वर्ण जीतने वाली हॉकी टीम के सदस्‍य थे (फाइल फोटो)
  • खोए पदकों के लिए 5 साल से दिल्‍ली के चक्‍कर लगा रहे बलबीर
  • जताई उम्‍मीद, ओलिंपिक पदक विजेता खेल मंत्री उनकी पीड़ा समझेंगे
  • बलबीर ने 1985 में खेल संग्रहालय के लिए साई को दी थीं ये धरोहरें
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नई दिल्ली: अपने खोये पदकों के ​लिये पिछले पांच साल से दिल्ली के चक्कर लगा रहे तिहरे ओलिंपिक पदक विजेता बलबीर सिंह सीनियर को नए खेल मंत्री राज्‍यवर्धन सिंह राठौड़ से उम्मीद जगी है. उनका मानना है कि खुद ओलिंपिक पदक विजेता होने के नाते राज्‍यवर्धन राठौड़ उनकी तकलीफ समझेंगे. तीन बार ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीत चुके पूर्व हॉकी धुरंधर बलबीर सीनियर 94 बरस के होने को हैं. पिछले पांच साल से खेल मंत्रालय से लेकर भारतीय खेल प्राधिकरण के चक्कर काट चुके हैं. उनका सपना है कि उनकी लापता धरोहरें यानी 36 पदक, 120 ऐतिहासिक तस्वीरें और 1956 मेलबर्न ओलिंपिक का उनका कप्तान का ब्लेजर वह दोबारा देख सकें. वह मेलबर्न में लगातार दूसरी बार भारतीय दल के ध्वजवाहक थे और इससे उनकी काफी यादें जुड़ी हैं. उन्होंने 1985 में भारतीय खेल प्राधिकारण (साई) को खेल संग्रहालय के लिये ये धरोहरें दी थी जिनका अब कोई अता-पता नहीं है. उन्हें उम्मीद है कि नए खेलमंत्री उनकी तकलीफ समझेंगे.

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उनकी बेटी सुशबीर ने कहा, ‘बहुत कम लोग देश के लिये पदक जीतने में लगने वाली मेहनत और महसूस होने वाले गर्व को समझ सकते हैं. कर्नल राठौड़ उनमें से एक हैं. हमें उम्मीद है कि वे ओलिंपिक पदक विजेता के नजरिये से चीजों को देखेंगे.’उन्होंने कहा, ‘पिछले पांच साल से यानी लंदन ओलिंपिक 2012 के बाद से हमने इसकी तलाश में जमीन-आसमान एक कर ​दिया. लंदन ओलिंपिक में मेरे पिता को 1896 के बाद दुनिया के 16 महान ओलिंपियनों में से चुना गया था और उनके स्मृति चिन्हों की वहां नुमाइश होनी थी. उन्होंने हमसे ओलिंपिक ब्लेजर मांगा जो किसी को नहीं पता कि कहां है.’खुशबीर ने कहा, ‘हमने आरटीआई दायर की, अपीलेट अधिकारियों के पास गए, विभिन्न खेल मंत्रियों से मिले लेकिन नतीजा सिफर रहा. तमाम आंतरिक जांचों में कुछ नहीं निकला और कितना समय चाहिए.’ उन्होंने बताया कि खेल सचिव इंजेती श्रीनिवास ने 17 मई को हुई एक मुलाकात में साई की ओर से एफआईआर करने की पेशकश की लेकिन उनके निर्देशों के बावजूद ऐसा अभी तक नहीं हुआ.

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उन्होंने कहा, ‘एनआईएस पटियाला ने मेरे पिता के लापता ओलिंपिक ब्लेजर के लिये लापता सामान रिपोर्ट चार अगस्त को दर्ज की लेकिन 36 पदकों और 120 दुर्लभ तस्वीरों का कोई जिक्र नहीं है. यह सूचना भर के लिए है मानो कोई सिम कार्ड या आई कार्ड खो गया हो. इससे पुलिस को जांच का अधिकार नहीं मिलता.’सुशबीर ने कहा कि लापता सामान की रिपोर्ट भी गलत है. उन्होंने कहा ,‘साई की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराने वाले अधिकारी ने लिखा है कि ब्लेजर 10 जुलाई 2017 से लापता है जबकि एनआईएस पटियाला ने खुद लिखित में कहा है कि उन्हें तब से इस ब्लेजर के बारे में नहीं पता जब इसे जुलाई 2012 में पहली बार खोजा गया था.’ पूर्व खेलमंत्री सर्वानंद सोनोवाल 2014 में चंडीगढ़ स्थित बलबीर सीनियर के घर भी गए थे और साई अधिकारियों ने मामले से अनभिज्ञता जताते हुए जांच का वादा किया था जो तीन साल बाद भी अधूरा ही है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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