एस्टेडियो मीनिएरो में फीफा विश्वकप-2014 के तहत ब्राजील और जर्मनी के बीच होने वाला मुकाबला कई मामलों में विश्वकप की पुरानी यादों को ताजा करने वाला होगा।
विश्वकप के इतिहास में बेहद सफल यह दोनों टीमें आश्चर्यजनक रूप से सिर्फ दूसरी बार विश्वकप में एक-दूसरे का सामना करेंगी, जबकि ब्राजील जहां इससे पहले 10 बार अंतिम चार तक का सफर तय करने में सफल रहा है, वहीं जर्मनी रिकॉर्ड 12 बार अंतिम चार में शुमार रहा है।
पांच बार की चैम्पियन मेजबान ब्राजील और तीन बार की चैम्पियन जर्मनी इससे पहले 2002 में खिताबी भिड़ंत कर चुके हैं, जिसमें विजय ब्राजील की हुई थी।
पिछली बार दोनों टीमों की भिड़ंत में जहां जर्मनी के स्टार खिलाड़ी बलाक को चोटिल होकर बाहर बैठना पड़ा था, वहीं इस बार ब्राजील के स्टार स्ट्राइकर नेमार क्वार्टर फाइनल मैच में चोटिल होकर बाहर हो चुके हैं।
बलाक की अनुपस्थिति में जर्मनी तो उबर नहीं सका था, तो क्या नेमार के बगैर ब्राजील भी वही इतिहास दोहरा सकता है? लेकिन ब्राजील जर्मनी के उदाहरण की बजाय अपने ही इतिहास पर नजर दौड़ाना कहीं बेहतर समझेगा।
चिली की मेजबानी में 1962 में हुए फीफा विश्वकप में तब के स्टार स्ट्राइकर पेले ग्रुप चरण के दूसरे ही मैच में चोटिल होकर बाहर हो गए थे, लेकिन ब्राजीलियाई टीम खिताब पर कब्जा करने में कामयाब रही थी। निश्चित तौर पर ब्राजील मंगलवार को उस इतिहास को दोहराना चाहेगा।
जर्मनी के खिलाफ पिछली बार ब्राजील को 2002 में चैम्पियन बनाने में लेकिन, दिग्गज खिलाड़ी रोनाल्डो ने अहम योगदान दिया था। रोनाल्डो तब टूर्नामेंट में सर्वाधिक (8) गोल करने वाले खिलाड़ी भी थे। फाइनल मैच में भी रोनाल्डो ने जर्मनी के खिलाफ दो गोल किए थे और ब्राजील 2-0 से जीतकर चैम्पियन बना था।
इस बार, लेकिन ब्राजीलियाई टीम के पास रोनाल्डो जैसा कोई करिश्माई खिलाड़ी भी नहीं है। ब्राजील इस मैच थोड़ा अधिक मुश्किल में नजर आ रहा है, क्योंकि उसके कप्तान थिएगो सिल्वा भी इस मैच में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
लेकिन, सिर्फ एक बात ब्राजील के पक्ष में जाती है। विश्वकप के इतिहास में किसी दक्षिण अमेरिकी देश की मेजबानी में अब तक कोई यूरोपीय देश चैम्पियन नहीं बन सका है। दूसरी ओर पांच बार की चैम्पियन ब्राजील को अभी भी अपनी धरती पर चैम्पियन बनने का अवसर नहीं मिल सका है।
ब्राजील की मेजबानी में इससे पहले सिर्फ एक बार 1950 में आयोजित फीफा विश्वकप में कोई फाइनल मैच हुआ ही नहीं था। राउंड रोबिन लीग के तहत शीर्ष चार टीमों के बीच हुए मुकाबलों के आधार पर उरुग्वे विजेता बना था, जबकि ब्राजील को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था।
दूसरी ओर जर्मनी की मेजबानी में 2006 में दूसरी बार हुए फीफा विश्व कप में जर्मनी फाइनल में भी नहीं पहुंच सकी थी। हालांकि इससे पहले जर्मनी 1974 में अपनी धरती पर खिताब जीतने में सफल रहा था। तब ब्राजील चौथे स्थान पर रहा था और नीदरलैंड्स उपविजेता रहा था।
गौरतलब है कि मौजूदा विश्वकप में अंतिम चार में पहुंचने वाली तीन टीमें 1974 के विश्वकप में भी अंतिम चार में पहुंची थी।
आकड़ों पर गौर किया जाए तो दोनों टीमों के बीच अब तक हुए कुल मैचों में ब्राजील का रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है। दोनों टीमें अब तक 21 बार एक-दूसरे का सामना कर चुकी हैं, जिसमें ब्राजील को 12 में जबकि जर्मनी को चार मैचों में जीत मिली है। पांच मैच ड्रॉ रहे हैं।
मौजूदा विश्वकप में हालांकि दोनों टीमों के प्रदर्शन में ज्यादा अंतर नहीं है। विश्वकप में अब तक खेले पांच मैचों में ब्राजील को तीन में जीत मिली है और दो मैच ड्रॉ रहे हैं। दूसरी ओर, इतने ही मैचों में जर्मनी चार मैच जीतने में सफल रहा है, जबकि एक मैच ड्रॉ रहा।
गोल करने के मामले में दोनों टीमें बराबरी पर हैं। दोनों ही टीमों ने विश्व कप-2014 में अब तक 10-10 गोल किए हैं दोनों ही टीमों के 70 फीसदी शॉट निशाने पर लगे हैं।
यह मैच दक्षिण अमेरिकी एवं यूरोपीय फुटबॉल की प्रतिनिधि टीमों के बीच है, इसलिए न सिर्फ इसके बेहद रोमांचक होने की उम्मीद है बल्कि यह दो खेल रणनीतियों के श्रेष्ठता की जंग भी है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं