- अरुणाचल प्रदेश के रुक्सिन सैनिक स्कूल में सातवीं कक्षा के छात्र की मौत के बाद परिवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं
- मृत छात्र की बहन ने बताया कि छात्र को एक रात पहले सीनियर छात्रों द्वारा मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी गई थी
- परिवार का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने शुरू में मौत को आत्महत्या बताया, लेकिन ये रैगिंग का मामला
अरुणाचल प्रदेश में पूर्वी सियांग के रुक्सिन स्थित सैनिक स्कूल में 7वीं क्लास का एक छात्र मृत पाया गया. मृतक की बहन मिस अरुणाचल 2024, ताडू लूनिया ने एक वीडियो मैसेज जारी कर स्कूल प्रशासन पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. लूनिया का कहना है कि उसके 12 वर्षीय भाई को मौत से एक रात पहले सीनियर स्टूडेंट्स ने काफी टॉर्चर किया था. सैनिक स्कूल का कहना है कि इस छात्र ने आत्महत्या की है, लेकिन परिवार का कहना है कि काफी कुछ छिपाया जा रहा है.
सीनियर छात्रों ने किया शारीरिक शोषण?
लूनिया ने इंस्टाग्राम पर अपने भाई को इंसाफ दिलाने की गुहार लगाने हुए एक इमोशनल पोस्ट किया है. इस पोस्ट में लूनिया ने कहा कि स्कूल अधिकारियों ने शुरू में परिवार को बताया कि लड़के ने आत्महत्या कर ली है. हालांकि, उसके साथी छात्रों और होस्टल के साथियों से बात करने के बाद परिवार को कथित रैगिंग और शारीरिक शोषण के बारे में पता चला.' लूनिया के अनुसार, उसके भाई के होस्टल के साथियों ने परिवार को बताया कि 31 अक्टूबर की रात को 10वीं के 8 और कक्षा 8 के तीन छात्र कथित तौर पर रात 11 बजे के बाद 7वीं क्लास के होस्टल में घुस आए थे. तब कोई वार्डन या अधिकारी वहां मौजूद नहीं था. सीनियर छात्रों ने कथित तौर पर पीड़ित को छोड़कर सभी छात्रों को कंबल से मुंह ढकने के लिए मजबूर किया और फिर उसे अकेले 10वीं कक्षा के होस्टल में ले गए.
उस बंद दरवाज़े के पीछे क्या हुआ!
छोटे भाई को खोने का दर्द लूनिया के मैसेज में साफ झलक रहा है. वीडियो में रोते हुए लूनिया ने कहा, 'चश्मदीदों ने बताया कि मेरे भाई को सोने नहीं दिया गया और उसे घंटों मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया. कोई नहीं जानता कि उस बंद दरवाज़े के पीछे क्या हुआ.' उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के लोगों से न्याय की लड़ाई में परिवार के साथ खड़े होने का आग्रह करते हुए कहा, 'मैंने आज अपने भाई को खो दिया है- अगर हम अभी सही कदम नहीं उठाते हैं, तो यह हाल कल किसी और का भी हो सकता है.'
अब आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे गंभीर भी...
पुलिस जांच में भी स्कूल प्रशासन सवालों के घेरे में आता नजर आ रहा है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह मामला पहले भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा 194 के तहत दर्ज किया गया था, अब आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे गंभीर आरोपों को शामिल करने के लिए बढ़ा दिया गया है. आठ नाबालिग छात्रों को 4 नवंबर को पासीघाट स्थित किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के समक्ष गिरफ्तार कर पेश किया गया और एक सप्ताह के लिए स्कूल के वाइस प्रिंसिपल की हिरासत में रखा गया है. पुलिस सूत्रों ने आगे बताया कि जांच अभी भी जारी है और आगे के सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं.
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