भारत में हाल में खिलाड़ियों के डोपिंग में फंसने के कई मामले सामने आए हैं (फाइल फोटो)
- खिलाड़ी कई बार जानकारी न होने पर भी दवाओं का सेवन कर लेते हैं
- कहा-विज्ञापन के जरिये फैलाई जा सकती है इस बारे में जागरूकता
- समस्या से निपटने के लिए मजबूत रणनीति बनाने की जरूरत
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नई दिल्ली:
अखिल भारतीय खेल परिषद के अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने गुरुवार को डोपिंग की बढ़ती घटनाओं के बारे में चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि इस समस्या से निपटने के लिए एक मजबूत रणनीति की जरूरत है. मल्होत्रा ने कहा कि ज्यादातर डोप के मामले इसलिए सामने आते हैं क्योंकि खिलाड़ी बिना ज्यादा जानकारी के आसानी से उपलब्ध सामान्य दवाओं और भोजन / स्वास्थ्य की दवाओं का सेवन कर लेते हैं.भारत में डोपिंग के हाल के समय में कई मामले सामने आए हैं. एशियाई चैंपियन शॉटपुटर मनप्रीत कौर पिछले माह ही डोप टेस्ट में नाकाम रही थीं.
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उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को नियमित रूप से उन दवाइयों और खाने/ स्वास्थ्य की दावाओं के बारे में जानकारी देने की जरूरत से जिनमें प्रतिबंध पदार्थ शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए अखबारों में विज्ञापन, टीवी चैनल, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से खिलाड़ियों को अवगत कराया जा सकता है.
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मल्होत्रा ने कहा कि उन्होंने इस मामले पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से चर्चा की है और अनुरोध किया है कि सभी स्तरों पर पाठ्यपुस्तकों में इससे संबंधी एक अध्याय शामिल किया जाए. साथ ही स्कूल तथा कॉलेज के छात्रों के बीच इससे संबंधित बुकलेट भी वितरित की जाएं जिससे उन्हें डोपिंग के बारे में शिक्षित किया जा सके..
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उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को नियमित रूप से उन दवाइयों और खाने/ स्वास्थ्य की दावाओं के बारे में जानकारी देने की जरूरत से जिनमें प्रतिबंध पदार्थ शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए अखबारों में विज्ञापन, टीवी चैनल, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से खिलाड़ियों को अवगत कराया जा सकता है.
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मल्होत्रा ने कहा कि उन्होंने इस मामले पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से चर्चा की है और अनुरोध किया है कि सभी स्तरों पर पाठ्यपुस्तकों में इससे संबंधी एक अध्याय शामिल किया जाए. साथ ही स्कूल तथा कॉलेज के छात्रों के बीच इससे संबंधित बुकलेट भी वितरित की जाएं जिससे उन्हें डोपिंग के बारे में शिक्षित किया जा सके..
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