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This Article is From Aug 02, 2011

अपनी कप्तानी के सबसे कठिन दौर से रूबरू धोनी

धोनी को विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी में खराब फार्म के कारण आलोचना झेलनी पड़ रही है और कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने तो उनकी कप्तानी की भी निंदा की।
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नॉटिंघम: इंग्लैंड के हाथों पहले दो टेस्ट में करारी हार और बल्लेबाजी में खराब फार्म से जूझ रहे भारत के करिश्माई कप्तान महेंद्र सिंह धोनी बतौर कप्तान पहली बार गर्दिश के दौर का सामना कर रहे हैं। कुछ महीने पहले ही धोनी देशभर के नूर-ए-नजर थे जब भारत ने विश्व कप अपने नाम किया था। उनका मिडास टच हालांकि इंग्लैंड में कहीं नजर नहीं आ रहा जहां भारत को लगातार दो टेस्ट में शर्मनाक हार से दो-चार होना पड़ा। धोनी को विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी में खराब फार्म के कारण आलोचना झेलनी पड़ रही है और कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने तो उनकी कप्तानी की भी निंदा की है। अब सभी की नजरें 10 अगस्त से शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट में धोनी पर लगी होगी। धोनी ने खुद इस सप्ताह को टीम के लिए काफी अहम बताया है। अगले सात दिन भारतीय टीम नॉर्थम्प्टनशर और बर्मिंघम में दो अभ्यास मैच खेलेगी। भारतीय टीम को अगले दो टेस्ट के लिए टीम संयोजन में भी बदलाव करने होंगे। पिछले 24 घंटे में हालांकि कुछ सकारात्मक खबरें भारतीय खेमे को मिली हैं। जहीर खान ने गेंदबाजी शुरू कर दी है, वीरेंद्र सहवाग की वापसी तय है, गौतम गंभीर फिट है और सचिन तेंदुलकर ने फार्म में लौटने के संकेत दिए हैं। हो सकता है कि उस कप्तान की शख्सियत का नया पहलू सामने आए जो कैप्टन कूल है लेकिन काफी सक्रिय भी। एक ऐसा बल्लेबाज जो रक्षा कवच से निकलकर विध्वंस की पराकाष्ठा तक पहुंच सकता है।

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कप्तानी, दौर, धोनी
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