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This Article is From Feb 02, 2017

डेविस कप : लिएंडर पेस के पास डबल्स टेनिस में वर्ल्ड रिकार्ड बनाने का मौका...

डेविस कप : लिएंडर पेस के पास डबल्स टेनिस में वर्ल्ड रिकार्ड बनाने का मौका...
लिएंडर पेस 18 ग्रैंडस्लैम जीत चुके हैं (फाइल फोटो)
पुणे: जहां क्रिकेट में बाएं हाथ के तेज गेंदबाज आशीष नेहरा उम्र को मात देते हुए शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं टेनिस में भारत की ओर से लिएंडर पेस उम्र को झुठलाते हुए न केवल खेल रहे हैं बल्कि डबल्स में खिताब भी हासिल कर रहे हैं. एक बार फिर अब सभी की निगाहें लिएंडर पेस पर हैं. पेस भारत से कमजोर न्यूजीलैंड के खिलाफ शुक्रवार से यहां शुरू होने वाले एशिया ओसनिया ग्रुप डेविस कप मुकाबले में शायद अंतिम बार खेलेंगे. इसके साथ ही वह एक ऐतिहासिक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की ओर भी बढ़ रहे हैं. भारत 1978 से न्यूजीलैंड से नहीं हारा है जब ओनी पारून की अगुवाई वाली न्यूजीलैंड ने नयी दिल्ली में पूर्वी क्षेत्र के सेमीफाइनल में 4-1 से उन्हें हराया था.

लिएंडर पेस अपने 55वें डेविस कप मुकाबले के लिये तैयार हैं. पेस फिलहाल डबल्स स्पर्धा में 42 मैच जीत दर्जकर अभी इटली के निकोला पिएट्रांगेली के साथ बराबरी पर हैं. शनिवार को जीत हासिल करने पर वह डेविस कप इतिहास के सबसे सफल डबल्स खिलाड़ी बन जाएंगे. उनके नाम अठारह ग्रैंडस्लैम खिताब हैं.
हालांकि लिएंडर पेस को अंतिम समय में शामिल किए गए और उनके लंदन ओलिंपिक युगल जोड़ीदार विष्णु वर्धन के साथ खेलना होगा, क्योंकि उनके साथ खेलने वाले साकेत मायनेनी पिछले महीने चेन्नई ओपन के दौरान लगी पैर की चोट से उबरने में असफल रहे.

पेस और वर्धन की जोड़ी का सामना दूसरे दिन न्यूजीलैंड के आर्टेम सिटाक और माइकल वीनस की जोड़ी से होगा. अपने अंतिम मुकाबले में टीम की अगुवाई कर रहे आनंद अमृतराज ने जानकारी देते हुए बताया कि तीन लोगों के भारत के शीर्ष युगल खिलाड़ी रोहन बोपन्ना से बात करने के बाद वर्धन को शामिल किया गया. उन्होंने कहा, ‘तीन लोगों ने उससे बात की. मैंने नहीं की. मैं नहीं जानता कि सही में क्या हुआ.’

लिएंडर पेस ने इस बारे में कहा कि वह कल बोपन्ना से बात करना चाहते थे लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया. रियो ओलिंपिक में बोपन्ना और पेस ने जोड़ी बनाई थी, लेकिन पहले दौर में ही बाहर हो गए थे. पेस ने कहा, ‘मैंने ही रोहन को फोन करने का सुझाव दिया था लेकिन मुझे कहा गया कि मैं फोन नहीं करूं.’ उन्होंने हालांकि यह बताने से इनकार कर दिया कि किसने उन्हें ऐसा करने से रोका.

भारतीय टीम न्यूजीलैंड को हल्के में लेने की गलती नहीं कर सकती, क्योंकि जुलाई 2015 में क्राइस्टचर्च में हुए एशिया ओसनिया ग्रुप एक के सेमीफाइनल में उनकी टीम कठिन साबित हुई थी और टीम के कप्तान अमृतराज ने भी यह बात स्वीकार की थी.

अमृतराज ने याद करते हुए कहा, ‘उनकी युगल टीम मजबूत है लेकिन हम उनके एकल खिलाड़ियों को हल्के में नहीं ले सकते. जब हम पिछली बार उनसे भिड़े थे तो 1-2 से पिछड़ गये थे. लेकिन हमने वापसी करते हुए जीत दर्ज की थी.’

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