विशेष न्यायाधीश रविन्दर कौर ने भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए। आरोपियों में आयोजन समिति के महासचिव ललित भनोट भी शामिल हैं।
                                            
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सरकारी खजाने को 90 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाने को लेकर राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के बर्खास्त अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी तथा नौ अन्य के खिलाफ सोमवार को आरोप तय किए।
इन सभी लोगों पर कथित रूप से धोखाधड़ी, साजिश तथा सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने को लेकर आरोप तय किए गए।
विशेष न्यायाधीश रविन्दर कौर ने भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए। आरोपियों में आयोजन समिति के महासचिव ललित भनोट भी शामिल हैं।
धोखाधड़ी तथा आपराधिक साजिश के अतिरिक्त आरोपियों पर जालसाजी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने , आपराधिक रूप से डराने धमकाने , सबूतों को नष्ट करने तथा लोक सेवकों द्वारा आपराधिक दुराचार जैसे अपराधों में आरोप तय किए गए।
आरोप तय करने के बाद अदालत ने मामले में सबूत दर्ज कराने के लिए 20 फरवरी की तारीख तय कर दी।
न्यायाधीश ने कहा कि सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर सबूतों को रिकॉर्ड करने की कार्यवाही रोजाना के आधार पर होगी।
सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ वर्ष 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के लिए गैरकानूनी रूप से टाइमिंग, स्कोरिंग एंड रिजल्ट सिस्टम (टीएसआर) स्थापित करने के लिए स्विस कंपनी को गैरकानूनी रूप से ठेका दिए जाने का आरोप लगाया था जिससे सरकारी खजाने को 90 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
कलमाडी और भनोट के अतिरिक्त अन्य आरोपियों में आयोजन समिति के पूर्व महानिदेशक वीके वर्मा, पूर्व महानिदेशक (खरीद) सुरजीत लाल, पूर्व संयुक्त महानिदेशक (खेल), एएसवी प्रसाद तथा पूर्व कोषाध्यक्ष एम जयचंद्रन शामिल हैं। ये लोग खेल इकाई से अब नहीं जुड़े हैं। अदालत ने 21 दिसंबर 2012 को आईपीसी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत कलमाड़ी तथा मामले के नौ अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था।
अदालत ने यह भी कहा था कि आयोजन समिति के छह पूर्व अधिकारियों के खिलाफ सरकारी पदों का दुरूपयोग करने के ठोस आरोप लगाए गए हैं। ये पूर्व में लोक सेवक थे।
इन छह लोगों के अलावा, दो विनिर्माण कंपनियों के दो प्रमोटर, फरीदाबाद स्थित जेम इंटरनेशनल केपीडी आर्या तथा एके मदान और हैदराबाद स्थित एकेआर कंस्ट्रक्शन केएके रेड्डी भी इस मामले में आरोपी हैं। इस मामले में स्विस टाइमिंग ओमेगा भी एक आरोपी है।
अदालत ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश देते हुए कहा था कि उचित तरीके से समन दिए जाने के बावजूद स्विस टाइमिंग ओमेगा अदालत में पेश नहीं हो रही है इसलिए उसके मामले की सुनवाई अलग की जाती है। आरोप है कि कंपनी को अनाप शनाप कीमतों पर गैरकानूनी रूप से ठेका दिया गया।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि कलमाड़ी तथा अन्य ने स्पेनिश कंपनी एमएसएल की कहीं अधिक कम कीमत की 62 करोड़ रुपये की निविदा को नामंजूर कर दिया था और स्विस टाइमिंग ओमैगा को ठेका दिया जिससे खजाने को 90 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
कलमाड़ी ने हालांकि अदालत में कहा था कि उसने बतौर आयोजन समिति के अध्यक्ष के सौंपे गए काम को किया और पूरी प्रक्रिया में कुछ भी गलत नहीं किया।
                                                                        
                                    
                                इन सभी लोगों पर कथित रूप से धोखाधड़ी, साजिश तथा सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने को लेकर आरोप तय किए गए।
विशेष न्यायाधीश रविन्दर कौर ने भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए। आरोपियों में आयोजन समिति के महासचिव ललित भनोट भी शामिल हैं।
धोखाधड़ी तथा आपराधिक साजिश के अतिरिक्त आरोपियों पर जालसाजी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने , आपराधिक रूप से डराने धमकाने , सबूतों को नष्ट करने तथा लोक सेवकों द्वारा आपराधिक दुराचार जैसे अपराधों में आरोप तय किए गए।
आरोप तय करने के बाद अदालत ने मामले में सबूत दर्ज कराने के लिए 20 फरवरी की तारीख तय कर दी।
न्यायाधीश ने कहा कि सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर सबूतों को रिकॉर्ड करने की कार्यवाही रोजाना के आधार पर होगी।
सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ वर्ष 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के लिए गैरकानूनी रूप से टाइमिंग, स्कोरिंग एंड रिजल्ट सिस्टम (टीएसआर) स्थापित करने के लिए स्विस कंपनी को गैरकानूनी रूप से ठेका दिए जाने का आरोप लगाया था जिससे सरकारी खजाने को 90 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
कलमाडी और भनोट के अतिरिक्त अन्य आरोपियों में आयोजन समिति के पूर्व महानिदेशक वीके वर्मा, पूर्व महानिदेशक (खरीद) सुरजीत लाल, पूर्व संयुक्त महानिदेशक (खेल), एएसवी प्रसाद तथा पूर्व कोषाध्यक्ष एम जयचंद्रन शामिल हैं। ये लोग खेल इकाई से अब नहीं जुड़े हैं। अदालत ने 21 दिसंबर 2012 को आईपीसी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत कलमाड़ी तथा मामले के नौ अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था।
अदालत ने यह भी कहा था कि आयोजन समिति के छह पूर्व अधिकारियों के खिलाफ सरकारी पदों का दुरूपयोग करने के ठोस आरोप लगाए गए हैं। ये पूर्व में लोक सेवक थे।
इन छह लोगों के अलावा, दो विनिर्माण कंपनियों के दो प्रमोटर, फरीदाबाद स्थित जेम इंटरनेशनल केपीडी आर्या तथा एके मदान और हैदराबाद स्थित एकेआर कंस्ट्रक्शन केएके रेड्डी भी इस मामले में आरोपी हैं। इस मामले में स्विस टाइमिंग ओमेगा भी एक आरोपी है।
अदालत ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश देते हुए कहा था कि उचित तरीके से समन दिए जाने के बावजूद स्विस टाइमिंग ओमेगा अदालत में पेश नहीं हो रही है इसलिए उसके मामले की सुनवाई अलग की जाती है। आरोप है कि कंपनी को अनाप शनाप कीमतों पर गैरकानूनी रूप से ठेका दिया गया।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि कलमाड़ी तथा अन्य ने स्पेनिश कंपनी एमएसएल की कहीं अधिक कम कीमत की 62 करोड़ रुपये की निविदा को नामंजूर कर दिया था और स्विस टाइमिंग ओमैगा को ठेका दिया जिससे खजाने को 90 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
कलमाड़ी ने हालांकि अदालत में कहा था कि उसने बतौर आयोजन समिति के अध्यक्ष के सौंपे गए काम को किया और पूरी प्रक्रिया में कुछ भी गलत नहीं किया।
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