आस्कर पिस्टोरिस का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
'ब्लेड रनर' के नाम से मशहूर एथलीट ऑस्कर पिस्टोरियस को दक्षिण अफ़्रीकी अदालत ने ज़मानत दे दी है। इसका मतलब है कि 18 अप्रैल 2016 को होने वाली अगली सुनवाई तक वो जेल से बाहर रहेंगे। हालांकि इस दौरान उन पर इलेक्ट्रानिक निगरानी रखी जाएगी। वे अपने घर से 20 किलोमीटर के दायरे से बाहर नहीं सकते।
कोर्ट ने ठहराया है हत्या का दोषी
पिस्टोरियस अपनी गर्लफ़्रेंड के मर्डर के दोषी पाए गए हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि उन्होंने जानबूझ कर अपनी गर्लफ़्रेंड रीवा स्टीनकैंप की हत्या नहीं की। मगर हाल ही में ब्लोमफोंटेन में दक्षिण अफ़्रीका के सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ अपील में ये फ़ैसला सुनाया गया कि उन्होंने 14 फ़रवरी 2013 को रीवा स्टीनकैंप पर गोलियां चलाईं तो ये तय था कि जिसे गोलियां लगेंगी उसकी जान चली जाएगी। इसलिए इसे ग़ैर इरादतन हत्या का मामला नहीं कहा जा सकता। कोर्ट के मुताबिक इससे फ़र्क नहीं पड़ता कि पिस्टोरियस ये पता था या नहीं कि गोलियां किस पर चलाई गईं।
पहले सुनाई गई थी पांच साल की सजा
पैरालिम्पिक खेलों में 6 स्वर्ण पदक विजेता पिस्टोरियस को पहले 5 साल की सज़ा हुई है जिसमें से वे एक साल की सज़ा काट चुके हैं। कहा जा रहा है कि पिस्टोरियस को कम से कम 15 साल जेल की सज़ा हो सकती है। ज़मानत की सुनवाई के दौरान ये भी पता चला कि पिस्टोरियस लंदन स्कूल ऑफ़ इकॉनमिक्स में कानून की डिग्री के साथ बीएससी बिज़नेस के लिए दाखिला ले चुके हैं।
18 अप्रैल को अगली सुनवाई से पहले 29 वर्षीय पिस्टोरियस क्रिसमस और नए साल का त्योहार मना सकते हैं लेकिन उन्हें अपने बचाव में ठोस दलील पेश करने की ज़रूरत होगी। वरना फ़िलहाल उन पर तलवार लटकती नज़र आ रही है।
कोर्ट ने ठहराया है हत्या का दोषी
पिस्टोरियस अपनी गर्लफ़्रेंड के मर्डर के दोषी पाए गए हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि उन्होंने जानबूझ कर अपनी गर्लफ़्रेंड रीवा स्टीनकैंप की हत्या नहीं की। मगर हाल ही में ब्लोमफोंटेन में दक्षिण अफ़्रीका के सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ अपील में ये फ़ैसला सुनाया गया कि उन्होंने 14 फ़रवरी 2013 को रीवा स्टीनकैंप पर गोलियां चलाईं तो ये तय था कि जिसे गोलियां लगेंगी उसकी जान चली जाएगी। इसलिए इसे ग़ैर इरादतन हत्या का मामला नहीं कहा जा सकता। कोर्ट के मुताबिक इससे फ़र्क नहीं पड़ता कि पिस्टोरियस ये पता था या नहीं कि गोलियां किस पर चलाई गईं।
पहले सुनाई गई थी पांच साल की सजा
पैरालिम्पिक खेलों में 6 स्वर्ण पदक विजेता पिस्टोरियस को पहले 5 साल की सज़ा हुई है जिसमें से वे एक साल की सज़ा काट चुके हैं। कहा जा रहा है कि पिस्टोरियस को कम से कम 15 साल जेल की सज़ा हो सकती है। ज़मानत की सुनवाई के दौरान ये भी पता चला कि पिस्टोरियस लंदन स्कूल ऑफ़ इकॉनमिक्स में कानून की डिग्री के साथ बीएससी बिज़नेस के लिए दाखिला ले चुके हैं।
18 अप्रैल को अगली सुनवाई से पहले 29 वर्षीय पिस्टोरियस क्रिसमस और नए साल का त्योहार मना सकते हैं लेकिन उन्हें अपने बचाव में ठोस दलील पेश करने की ज़रूरत होगी। वरना फ़िलहाल उन पर तलवार लटकती नज़र आ रही है।
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