बिंद्रा ने कहा, ‘चौथा ओलिंपिक खेलकर बहुत अच्छा लग रहा है। इस साल अब तक का प्रदर्शन अच्छा रहा है। मेरी कोशिश अपने प्रति ईमानदार रहने की होती है।'
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
लंदन:
भारत के स्टार निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के लिये बीजिंग ओलिंपिक में मिला स्वर्ण पदक बीती बात हो चुकी है और उनका कहना है कि शुक्रवार से शुरू हो रहे लंदन खेलों में वह नये सिरे से शुरूआत करेंगे।
बिंद्रा ने कहा , ‘अतीत को देखने का कोई फायदा नहीं है। मैं बीजिंग के प्रदर्शन के बारे में ही सोचकर आत्ममुग्ध नहीं होना चाहता। मैने चार साल पहले दो घंटे की स्पर्धा में स्वर्ण जीता था। वह बीत चुका है और पुरानी बात है।’
उन्होंने कहा कि उन पर उस प्रदर्शन को दोहराने का कोई दबाव नहीं है, जो हुआ, वह हो चुका है। मुझे बीजिंग में पदक मिला। लेकिन फिलहाल लंदन में मेरे पास खोने के लिये कुछ नहीं है तो मैं दबाव में क्यों रहूंगा। बिंद्रा ने कहा , ‘मैं सच कह रहा हूं, आपको कोई शक है क्या। मुझे नये सिरे से शुरूआत करनी है। बीजिंग में जीता स्वर्ण पदक यहां बेमानी है।
अब तक ओलिंपिक के सफर के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘यह मेरा चौथा ओलिंपिक है। अब मेरे बाल पक रहे हैं। मैं सिडनी (2000) में काफी रोमांचित था, फिर एथेंस (2004) में पदक जीतने के करीब पहुंचा और बीजिंग (2008) में पदक जीता।
बिंद्रा पर मीडिया के प्रति दोस्ताना रवैया नहीं होने का भी आरोप लगता रहा है। इस पर उन्होंने कहा ,‘‘ मैं आपके सामने बैठा हूं । यदि मेरा रवैया दोस्ताना नहीं होता तो आप मुझे जबरदस्ती इंटरव्यू देने के लिये मजबूर नहीं कर सकते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘मैं चुप रहता हूं क्योंकि मैं यहां एक लक्ष्य के साथ आया हूं। मैं अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं क्योंकि ओलिंपिक में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं। मैं यहां वही कर रहा हूं जिसकी मुझसे अपेक्षा की जा रही है।’’
क्या वह अपनी उपलब्धियों से संतुष्ट हैं, यह पूछने पर उन्होंने कहा कि वह हमेशा अपना प्रदर्शन बेहतर करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘हर कोई बेहतर प्रदर्शन करना चाहता है। मैं विश्व चैम्पियन था और ओलिंपिक चैम्पियन भी हूं लेकिन फिर भी अपना प्रदर्शन बेहतर करना चाहूंगा।’ बिंद्रा ने कहा, ‘चौथा ओलिंपिक खेलकर बहुत अच्छा लग रहा है। इस साल अब तक का प्रदर्शन अच्छा रहा है। मेरी कोशिश अपने प्रति ईमानदार रहने की होती है। मैं पिछले प्रदर्शन के बारे में ज्यादा नहीं सोचता।
बिंद्रा ने कहा , ‘अतीत को देखने का कोई फायदा नहीं है। मैं बीजिंग के प्रदर्शन के बारे में ही सोचकर आत्ममुग्ध नहीं होना चाहता। मैने चार साल पहले दो घंटे की स्पर्धा में स्वर्ण जीता था। वह बीत चुका है और पुरानी बात है।’
उन्होंने कहा कि उन पर उस प्रदर्शन को दोहराने का कोई दबाव नहीं है, जो हुआ, वह हो चुका है। मुझे बीजिंग में पदक मिला। लेकिन फिलहाल लंदन में मेरे पास खोने के लिये कुछ नहीं है तो मैं दबाव में क्यों रहूंगा। बिंद्रा ने कहा , ‘मैं सच कह रहा हूं, आपको कोई शक है क्या। मुझे नये सिरे से शुरूआत करनी है। बीजिंग में जीता स्वर्ण पदक यहां बेमानी है।
अब तक ओलिंपिक के सफर के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘यह मेरा चौथा ओलिंपिक है। अब मेरे बाल पक रहे हैं। मैं सिडनी (2000) में काफी रोमांचित था, फिर एथेंस (2004) में पदक जीतने के करीब पहुंचा और बीजिंग (2008) में पदक जीता।
बिंद्रा पर मीडिया के प्रति दोस्ताना रवैया नहीं होने का भी आरोप लगता रहा है। इस पर उन्होंने कहा ,‘‘ मैं आपके सामने बैठा हूं । यदि मेरा रवैया दोस्ताना नहीं होता तो आप मुझे जबरदस्ती इंटरव्यू देने के लिये मजबूर नहीं कर सकते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘मैं चुप रहता हूं क्योंकि मैं यहां एक लक्ष्य के साथ आया हूं। मैं अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं क्योंकि ओलिंपिक में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं। मैं यहां वही कर रहा हूं जिसकी मुझसे अपेक्षा की जा रही है।’’
क्या वह अपनी उपलब्धियों से संतुष्ट हैं, यह पूछने पर उन्होंने कहा कि वह हमेशा अपना प्रदर्शन बेहतर करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘हर कोई बेहतर प्रदर्शन करना चाहता है। मैं विश्व चैम्पियन था और ओलिंपिक चैम्पियन भी हूं लेकिन फिर भी अपना प्रदर्शन बेहतर करना चाहूंगा।’ बिंद्रा ने कहा, ‘चौथा ओलिंपिक खेलकर बहुत अच्छा लग रहा है। इस साल अब तक का प्रदर्शन अच्छा रहा है। मेरी कोशिश अपने प्रति ईमानदार रहने की होती है। मैं पिछले प्रदर्शन के बारे में ज्यादा नहीं सोचता।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं