 
                                            खेलमंत्री अजय माकन ने कहा कि इस बार सबसे अधिक खिलाड़ियों ने ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया है और उम्मीद है कि भारत की झोली में पहले के मुकाबले ज्यादा पदक आएंगे।
                                            
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        लंदन ओलिंपिक में भारत की उम्मीदों पर खेलमंत्री अजय माकन ने एनडीटीवी इंडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस बार सबसे अधिक खिलाड़ियों ने ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया है और उम्मीद है कि भारत की झोली में पहले के मुकाबले ज्यादा पदक आएंगे। टेनिस टीम को लेकर हुए विवाद पर माकन ने साफ कहा कि किसी भी खिलाड़ी को कोई भी बयान देने से पहले देश के बारे में सोचना चाहिए।
सवाल : पहली बार भारत सरकार ने सुनियोजित तरीके से ओलिंपिक खेलों की तैयारी पर पैसा खर्च किया है। मेडल जीतने की खिलाड़ियों की क्षमता का कोई आकलन किया गया है?
अजय माकन : 2008 के बीजिंग ओलिंपिक के लिए 56 खिलाड़ियों ने क्वालिफाई किया था और इस बार 81 खिलाड़ियों ने लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया है। जो भी खिलाड़ी क्वालिफाई करता है, वह अपने आप में विश्व स्तर का होता है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। खिलाड़ियों ने इस बार काफी मेहनत की है। उन पर बहुत पैसा भी खर्च किया गया है। उन्हें बेहतरीन कोच और दूसरी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। उसका नतीजा यह हुआ है कि आज तक किसी ओलिंपिक खेल के लिए इतने ज्यादा खिलाड़ियों ने क्वालिफाई नहीं किया था। मुझे उम्मीद है कि हमारा प्रदर्शन अच्छा होगा।
सवाल : बीजिंग खेलों में हमें तीन पदक मिले थे। इस बार कितने पदक की उम्मीद है?
माकन : पदकों की संख्या बढ़ाना बहुत आसान नहीं होता है, लेकिन इस बार क्वालिफाई करने वाले खिलाड़ियों की संख्या 56 से बढ़कर 81 हो गई है। जाहिर सी बात है कि हमारी परफॉरमेंस इस बार अच्छी होनी चाहिए। लेकिन यह सब इस बात पर निर्भर करेगा कि उस महत्वपूर्ण क्षण में हमारे खिलाड़ी कैसा प्रदर्शन करते हैं। मेरी नजर में हमारे शूटर, बॉक्सर, तीरंदाज, पहलवान, मेडल प्रोसपेक्ट्स हैं।
सवाल : मेरी कॉम नंबर एक बॉक्सर हैं...
माकन : हां मेरी कॉम से उम्मीद है। दीपिका कुमारी है। बैंडमिंटन की डबल्स टीम अच्छी है। साइना नेहवाल भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
सवाल : साइना नेहवाल का आपने जिक्र किया…जो खिलाड़ी लंदन ओलिंपिक जाने वाले हैं, उनके परिवारों को खेल देखने के लिए टिकट और पास नहीं दिए गए। इस वजह से बहुत सारे खिलाड़ी निराश हैं...
माकन : देखिये, सारे पास भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) के पास आते हैं। हमारा जो 10-सदस्यीय आधिकारिक दल इस बार लंदन जाएगा, उसमें सात पूर्व ओलिंपियन होंगे। इस डेलिगेशन के लिए भी टिकट हमें IOA से मांगना पड़ रहा है। IOA हमें टिकट देगी, तो हम वहां जाएंगे। ऐसा नहीं है कि सरकार को टिकट मिलती है। जो अनभिज्ञ हैं कि किस तरह ओलिंपिक का आयोजन होता है, उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि जो IOC है वह IOA को टिकट और पास देते हैं।
सवाल : जब भी क्रिकेटर बाहर जाते हैं, उनका परिवार उनके साथ होता है…परिवार साथ रहने से मनोबल बढ़ता है खिलाड़ियों का...
माकन : बिल्कुल मनोबल बढ़ता है, लेकिन लंदन में लोगों को ठहराने के लिए जो International Olympic Council के मापदंड हैं, ओलिंपिक विलेज में ठहराने की जो कैपेसिटी है, उतने ही लोगों को हम भेज पाएंगे। हमारे जितने खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया है, उसके अनुपात में ही ये कोटा तय होता है। इस बार हमारे 81 प्लेयर्स ने क्वालिफाई किया है, तो उसी के अनुपात में हम-दूसरे लोगों को उनके साथ भेज सकते हैं। हमें ये तय करना होगा कि हम खिलाड़ियों के परिवारवालों को भेजें या फिर खिलाड़ियों के कोच डॉक्टर या फिजियो को। अगर टीम के साथ खिलाड़ियों के कोच डॉक्टर या फिजियो न जाएं और सिर्फ परिवारवाले जाएं, तो खिलाडि़यों का प्रदर्शन बेहतर होगा क्या...
सवाल : जब भी किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय खेलों का आयोजन होता है, तो सरकारी डेलिगेशन में अधिकारी ज्यादा होते हैं और खिलाड़ी और कोच कम...
माकन : इस बार हमारा सबसे बड़ा खिलाड़ियों का डेलिगेशन होगा और सबसे छोटी अधिकारियों की टीम…पिछली बार बीजिंग ओलिंपिक में सरकारी डेलीगेशन में 166 लोग गए थे, जबकि इस बार सरकार के डेलीगेशन में सिर्फ 10 लोग होंगे, जिनमें 10 पूर्व ओलिंपियन शामिल हैं। इस बार हमारी 5−5 सदस्यों वाली दो सरकारी टीमें अलग−अलग समय पर लंदन जाएंगी।
सवाल : टेनिस की टीम तैयार करने को लेकर जो विवाद हुआ, बयानबाजी हुई इसकी वजह से जो माहौल बनना चाहिए वह नहीं बन पाया इस बार…
माकन : आपने सही कहा…मैंने बार−बार कहा है कि खिलाड़ियों को राष्ट्रहित में सोचकर खेलना चाहिए। आप जब भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो खिलाड़ियों को अपने देश के बारे में सोचना चाहिए। कोई भी बयानबाजी करने से पहले उन्हें इस बारे में सोचना चाहिए।
                                                                        
                                    
                                सवाल : पहली बार भारत सरकार ने सुनियोजित तरीके से ओलिंपिक खेलों की तैयारी पर पैसा खर्च किया है। मेडल जीतने की खिलाड़ियों की क्षमता का कोई आकलन किया गया है?
अजय माकन : 2008 के बीजिंग ओलिंपिक के लिए 56 खिलाड़ियों ने क्वालिफाई किया था और इस बार 81 खिलाड़ियों ने लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया है। जो भी खिलाड़ी क्वालिफाई करता है, वह अपने आप में विश्व स्तर का होता है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। खिलाड़ियों ने इस बार काफी मेहनत की है। उन पर बहुत पैसा भी खर्च किया गया है। उन्हें बेहतरीन कोच और दूसरी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। उसका नतीजा यह हुआ है कि आज तक किसी ओलिंपिक खेल के लिए इतने ज्यादा खिलाड़ियों ने क्वालिफाई नहीं किया था। मुझे उम्मीद है कि हमारा प्रदर्शन अच्छा होगा।
सवाल : बीजिंग खेलों में हमें तीन पदक मिले थे। इस बार कितने पदक की उम्मीद है?
माकन : पदकों की संख्या बढ़ाना बहुत आसान नहीं होता है, लेकिन इस बार क्वालिफाई करने वाले खिलाड़ियों की संख्या 56 से बढ़कर 81 हो गई है। जाहिर सी बात है कि हमारी परफॉरमेंस इस बार अच्छी होनी चाहिए। लेकिन यह सब इस बात पर निर्भर करेगा कि उस महत्वपूर्ण क्षण में हमारे खिलाड़ी कैसा प्रदर्शन करते हैं। मेरी नजर में हमारे शूटर, बॉक्सर, तीरंदाज, पहलवान, मेडल प्रोसपेक्ट्स हैं।
सवाल : मेरी कॉम नंबर एक बॉक्सर हैं...
माकन : हां मेरी कॉम से उम्मीद है। दीपिका कुमारी है। बैंडमिंटन की डबल्स टीम अच्छी है। साइना नेहवाल भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
सवाल : साइना नेहवाल का आपने जिक्र किया…जो खिलाड़ी लंदन ओलिंपिक जाने वाले हैं, उनके परिवारों को खेल देखने के लिए टिकट और पास नहीं दिए गए। इस वजह से बहुत सारे खिलाड़ी निराश हैं...
माकन : देखिये, सारे पास भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) के पास आते हैं। हमारा जो 10-सदस्यीय आधिकारिक दल इस बार लंदन जाएगा, उसमें सात पूर्व ओलिंपियन होंगे। इस डेलिगेशन के लिए भी टिकट हमें IOA से मांगना पड़ रहा है। IOA हमें टिकट देगी, तो हम वहां जाएंगे। ऐसा नहीं है कि सरकार को टिकट मिलती है। जो अनभिज्ञ हैं कि किस तरह ओलिंपिक का आयोजन होता है, उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि जो IOC है वह IOA को टिकट और पास देते हैं।
सवाल : जब भी क्रिकेटर बाहर जाते हैं, उनका परिवार उनके साथ होता है…परिवार साथ रहने से मनोबल बढ़ता है खिलाड़ियों का...
माकन : बिल्कुल मनोबल बढ़ता है, लेकिन लंदन में लोगों को ठहराने के लिए जो International Olympic Council के मापदंड हैं, ओलिंपिक विलेज में ठहराने की जो कैपेसिटी है, उतने ही लोगों को हम भेज पाएंगे। हमारे जितने खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया है, उसके अनुपात में ही ये कोटा तय होता है। इस बार हमारे 81 प्लेयर्स ने क्वालिफाई किया है, तो उसी के अनुपात में हम-दूसरे लोगों को उनके साथ भेज सकते हैं। हमें ये तय करना होगा कि हम खिलाड़ियों के परिवारवालों को भेजें या फिर खिलाड़ियों के कोच डॉक्टर या फिजियो को। अगर टीम के साथ खिलाड़ियों के कोच डॉक्टर या फिजियो न जाएं और सिर्फ परिवारवाले जाएं, तो खिलाडि़यों का प्रदर्शन बेहतर होगा क्या...
सवाल : जब भी किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय खेलों का आयोजन होता है, तो सरकारी डेलिगेशन में अधिकारी ज्यादा होते हैं और खिलाड़ी और कोच कम...
माकन : इस बार हमारा सबसे बड़ा खिलाड़ियों का डेलिगेशन होगा और सबसे छोटी अधिकारियों की टीम…पिछली बार बीजिंग ओलिंपिक में सरकारी डेलीगेशन में 166 लोग गए थे, जबकि इस बार सरकार के डेलीगेशन में सिर्फ 10 लोग होंगे, जिनमें 10 पूर्व ओलिंपियन शामिल हैं। इस बार हमारी 5−5 सदस्यों वाली दो सरकारी टीमें अलग−अलग समय पर लंदन जाएंगी।
सवाल : टेनिस की टीम तैयार करने को लेकर जो विवाद हुआ, बयानबाजी हुई इसकी वजह से जो माहौल बनना चाहिए वह नहीं बन पाया इस बार…
माकन : आपने सही कहा…मैंने बार−बार कहा है कि खिलाड़ियों को राष्ट्रहित में सोचकर खेलना चाहिए। आप जब भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो खिलाड़ियों को अपने देश के बारे में सोचना चाहिए। कोई भी बयानबाजी करने से पहले उन्हें इस बारे में सोचना चाहिए।
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