नई दिल्ली:
भारतीय टेबल टेनिस संघ (टीटीएफआई) के निर्वतमान अध्यक्ष अजय चौटाला ने अपने बेटे दुष्यंत को खेल के मैदान में उतार दिया।
सेवानिवृत्त आईएस अधिकारी प्रभात चंद्र चतुर्वेदी को 17 मार्च को टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष के लिए होने वाले चुनाव से पहले अजय चौटाला की जगह संघ के अध्यक्ष पद के लिए मनोनीत किया गया है।
संघ की लखनऊ में होने वाली वार्षिक बैठक में नए अधिकारियों का चुनाव औपचारिकता मात्र है क्योंकि 3 मार्च की आखिरी तारीख तक हो चुके नामांकन के आधार पर सभी का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है।
अजय चौटाला शिक्षक भर्ती घोटाले में संलिप्तता के अपराध में अपने पिता तथा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के साथ इस समय जेल में हैं। अजय चौटाला टेबल टेनिस संघ के पिछले 12 वर्षो से अध्यक्ष थे।
पिछले सप्ताह की शुरुआत में ही खेल मंत्रालय ने संघ को पत्र लिखकर चौटाला को पद से हटाने के लिए कहा था।
संघ के एक अधिकारी ने बताया, "अजय चौटाला के जेल में होने की बात छोड़ भी दी जाए फिर भी वह अब टीटीएफआई के अध्यक्ष नहीं रह सकते। हमने अपने संविधान में खेल संहिता के अनुरूप संशोधन किया जिसके अनुसार चौटाला अपना सर्वाधिक तीन कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। तो मुझे समझ में नहीं आ रहा कि हंगामा किस बात को लेकर है।"
चौटाला के हटाए जाने से संघ के वर्तमान सबसे वरिष्ठ उपाध्यक्षों में से एक चतुर्वेदी की पदोन्नति निश्चित हो गई है। इस समय वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला के नाम को प्राथमिकता दी गई है।
सेवानिवृत्त आईएस अधिकारी प्रभात चंद्र चतुर्वेदी को 17 मार्च को टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष के लिए होने वाले चुनाव से पहले अजय चौटाला की जगह संघ के अध्यक्ष पद के लिए मनोनीत किया गया है।
संघ की लखनऊ में होने वाली वार्षिक बैठक में नए अधिकारियों का चुनाव औपचारिकता मात्र है क्योंकि 3 मार्च की आखिरी तारीख तक हो चुके नामांकन के आधार पर सभी का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है।
अजय चौटाला शिक्षक भर्ती घोटाले में संलिप्तता के अपराध में अपने पिता तथा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के साथ इस समय जेल में हैं। अजय चौटाला टेबल टेनिस संघ के पिछले 12 वर्षो से अध्यक्ष थे।
पिछले सप्ताह की शुरुआत में ही खेल मंत्रालय ने संघ को पत्र लिखकर चौटाला को पद से हटाने के लिए कहा था।
संघ के एक अधिकारी ने बताया, "अजय चौटाला के जेल में होने की बात छोड़ भी दी जाए फिर भी वह अब टीटीएफआई के अध्यक्ष नहीं रह सकते। हमने अपने संविधान में खेल संहिता के अनुरूप संशोधन किया जिसके अनुसार चौटाला अपना सर्वाधिक तीन कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। तो मुझे समझ में नहीं आ रहा कि हंगामा किस बात को लेकर है।"
चौटाला के हटाए जाने से संघ के वर्तमान सबसे वरिष्ठ उपाध्यक्षों में से एक चतुर्वेदी की पदोन्नति निश्चित हो गई है। इस समय वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला के नाम को प्राथमिकता दी गई है।
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