बीजिंग ओलिंपिक के स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने विवादों से भरे भारतीय ओलिंपिक संघ के चुनावों से पूर्व एक-दूसरे के खिलाफ अभियान चलाकर खिलाड़ियों के हितों को नजरअंदाज करने के लिए देश के खेल प्रशासकों की आलोचना की।
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नई दिल्ली:
बीजिंग ओलिंपिक के स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने विवादों से भरे भारतीय ओलिंपिक संघ के चुनावों से पूर्व एक-दूसरे के खिलाफ अभियान चलाकर खिलाड़ियों के हितों को नजरअंदाज करने के लिए देश के खेल प्रशासकों की आलोचना की।
म्यूनिख में एक प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे बिंद्रा ने कहा कि वह उस समय स्तब्ध रह गए जब कुछ लोगों ने उन्हें बताया कि अगर आईओए चुनाव सरकार की खेल संहिता के मुताबिक हुए तो भारत की मान्यता रद्द की जा सकती है।
बीजिंग ओलिंपिक में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले इस निशानेबाज ने एनडीटीवी से कहा, मुझे अधिक नहीं पता कि भारत में क्या हो रहा है। लेकिन मैं उस समय स्तब्ध रह गया जब किसी ने मुझे बताया कि भारत की मान्यता रद्द की जा सकती है। ऐसी स्थिति में आना शर्मनाक है। उन्होंने कहा, आईओसी अगर देश को निलंबित करता है तो अधिकारियों को नहीं बल्कि खिलाड़ियों को भुगतना पड़ेगा। ऐसा लगता है कि खिलाड़ियों का हित उनके एजेंडे में अंतिम स्थान पर है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
म्यूनिख में एक प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे बिंद्रा ने कहा कि वह उस समय स्तब्ध रह गए जब कुछ लोगों ने उन्हें बताया कि अगर आईओए चुनाव सरकार की खेल संहिता के मुताबिक हुए तो भारत की मान्यता रद्द की जा सकती है।
बीजिंग ओलिंपिक में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले इस निशानेबाज ने एनडीटीवी से कहा, मुझे अधिक नहीं पता कि भारत में क्या हो रहा है। लेकिन मैं उस समय स्तब्ध रह गया जब किसी ने मुझे बताया कि भारत की मान्यता रद्द की जा सकती है। ऐसी स्थिति में आना शर्मनाक है। उन्होंने कहा, आईओसी अगर देश को निलंबित करता है तो अधिकारियों को नहीं बल्कि खिलाड़ियों को भुगतना पड़ेगा। ऐसा लगता है कि खिलाड़ियों का हित उनके एजेंडे में अंतिम स्थान पर है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
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