
तमिलनाडु राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मैं मूल वाद दाखिल किया है. तमिलनाडु सरकार ने समग्र शिक्षा योजना के तहत भारत सरकार द्वारा लगभग 2200 करोड रुपए से अधिक की राशि को रिलीज नहीं किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की. तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार पर हिन्दी भाषा को अनिवार्य रूप से लागू करने का आरोप लगाया.
ट्राई लैंग्वेज पर विवाद
तमिलनाडु ने कहा कि केंद्र सरकार बच्चों की शिक्षा के लिए दिए जाने वाले फंड को रोककर राज्य को तीन भाषा फॉर्मूला अपनाने के लिए बलपूर्वक बाध्य नहीं कर सकती. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार पर संघवाद का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा है कि समग्र शिक्षा योजना और पीएम श्री स्कूल योजनाओं को आपस में नहीं जोड़ा जा सकता ऐसा करना संघवाद का उल्लंघन है.
तमिलनाडु ने सरकार पर लगाए ये आरोप
तमिलनाडु सरकार का आरोप है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए दिए जाने वाले फंड को रोककर, केंद्र सरकार राज्य की इच्छा के विरुद्ध NEP लागू करने के लिए बाध्य कर रही है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल वाद में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह निर्देश देने को कहा है कि केंद्र सरकार की तरफ से दिए जाने वाले धन को एक निश्चित समय के भीतर दिए जाने और जो मूल राशि है उसे पर छह प्रतिशत का ब्याज भी दिए जाने की मांग की है.
तमिलनाडु सरकार का कहना है कि 2020 की राष्ट्रीय शैक्षिक नीति और पीएम श्री स्कूल योजना तब तक प्रदेश सरकार पर लागू नहीं होती जब तक केंद्र और राज्य सरकार के बीच इसको लेकर कोई लिखित समझौता नहीं हो जाता.
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