
- कर्नाटक में दो जगहों से बच्चियों पर आवारा कुत्तों के हमले की घटनाएं सामने आई है.
- एक घटना में कुत्तों ने 3 साल की बच्ची को बुरी तरह नोंचा और उसे जमीन पर काफी देर तक घसीटते रहे.
- दोनों घटनाओं ने लोगों में डर पैदा कर दिया है. ज्यादातर लोग इन कुत्तों के पास से गुजरने से भी हिचक रहे हैं.
देश में आवारा कुत्तों के आतंक से ज्यादातर लोग परेशान है, अब भारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटक में आवारा कुत्तों से लोग सहमे हुए हैं. दरअसल यहां दो ऐसे मामले सामने आए, जिसके बारे में जान कोई भी कुत्तों से खौफ खाने लगेगा. पहला मामला हुबली शहर के शिमला नगर इलाके का है. जहां वार्ड नंबर 34 में 10 जुलाई को एक 3 वर्षीय बच्ची पर आवारा कुत्तों के झुंड ने उस समय हमला कर दिया जब वह दुकान की ओर जा रही थी.
बच्ची को बुरी तरह नोंचते हुए घसीटते रहे कुत्ते
बच्ची अकेली थी और जैसे ही वह सड़क पर पहुंची, कुत्तों ने अचानक उस पर टूट पड़े. सीसीटीवी कैमरे में साफ दिख रहा है कि बच्ची चुपचुपा राह से गुजर रही है, लेकिन कुत्ते उसे घेर कर उस पर हमला बोल देते हैं बच्ची डर के मारे चीखती चिल्लाती रहती है, जमीन पर गिरने के बाद भी कुत्ते बच्ची पर हमला जारी रखते हैं और उसे घसीटते हुए नोंचते रहते हैं. कुत्तों ने बच्ची को कंधे, पीठ, हाथ और पैरों पर काटा है. स्थानीय लोगों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर बच्ची को बचाया और उसे गंभीर हालत में KIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया. बच्ची को कई जगहों पर गहरे घाव हुए हैं और उसका इलाज चल रहा है.

चित्रदुर्ग में 9 साल की बच्ची पर कुत्तों का हमला
चित्रदुर्ग जिले के ईश्वर लेआउट इलाके में 10 जुलाई को एक 9 वर्षीय बच्ची पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया. घटना उस समय हुई जब बच्ची अपने दोस्तों के साथ खेल रही थी. अचानक कुछ स्ट्रीट डॉग्स ने उस पर टूटे, जिससे वह घायल हो गई. स्थानीय लोगों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर बच्ची को बचाया. बच्ची को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों के अनुसार, बच्ची को मामूली चोटें आई हैं और उसकी हालत स्थिर है. इस दोनों घटनाओं ने इलाके में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है.
सड़कों, गलियों और पार्कों में घूमते ये आवारा कुत्ते न सिर्फ बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा बन रहे हैं, कई बार तो इनके हमलों में लोगों की जान चली गई. देशभर में कुत्तों के हमले की खबरें आए दिन आती रहती है. छोटे बच्चों पर अचानक हमला कर देना अब आम होता जा रहा है, जैसा कि हाल ही में चित्रदुर्ग में एक बच्ची के साथ हुआ. स्थानीय प्रशासन और नगर निगमों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है, ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और इन जानवरों के लिए भी मानवीय समाधान निकाला जा सके.
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