कापू समुदाय को आरक्षण से जुड़े बिल पर विधानसभा में अपनी बात रखते मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू
अमरावती:
आंध्र प्रदेश विधानसभा ने शनिवार को सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में कापू समुदाय को पांच फीसदी आरक्षण प्रदान करने वाले कानून को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. कापू समुदाय पिछले लंबे वक्त से आरक्षण की मांग कर रहा है. सरकार ने एक अलग वर्ग 'एफ' बनाकर पिछड़े वर्गों में समुदाय को शामिल किया है. विपक्षी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस की गैर-मौजूदगी में तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधेयक पर चर्चा में भाग लिया. वाईएसआर कांग्रेस विपक्ष की अकेली पार्टी है, जिसने सत्र का बहिष्कार कर रखा है.
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पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री के. अतचान नायडू ने विधानसभा में विधेयक पेश किया. मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और अन्य सदस्यों ने विधेयक पर विचार रखे. इसे बाद में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. राज्य मंत्रिपरिषद ने मंजूनाथ समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था, जिसने कापू समुदाय के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण तय करने का सुझाव दिया था. इस कानून के बाद राज्य में आरक्षण का कुल स्तर 50 फीसदी से अधिक हो जाएगा जिसके लिए राज्य सरकार संविधान में संशोधन करने के लिए केंद्र से अनुरोध करेगी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई आरक्षण की सीमा 50 फीसदी है.
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राज्य में वर्तमान 50 फीसदी आरक्षण में 25 फीसदी पिछड़ा वर्ग को, 15 फीसदी अनुसूचित जाति को, छह फीसदी अनुसूचित जनजाति और चार फीसदी अल्पसंख्यकों के लिए तय है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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