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This Article is From Mar 06, 2017

अमेरिकी चैनल ने काशी को कहा 'मुर्दों का शहर', तिलमिलाए भारतीय बोले, पहले रिसर्च कर लो

अमेरिकी चैनल ने काशी को कहा 'मुर्दों का शहर', तिलमिलाए भारतीय बोले, पहले रिसर्च कर लो
भारतीय सीएनएन के ट्वीट पर कमेंट कर अलग-अलग तरह से काशी की परिभाषा बताने लगे.
वाराणसी: उत्तर प्रदेश विधानसभा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के चलते वाराणसी पर दुनियाभर की नजरें हैं. पीएम मोदी के यहां दो रोड शो और रात बिताने के चलते वाराणसी खबरों के लिहाज से हॉट टॉपिक बन गया है. आस्था के शहर वाराणसी उर्फ काशी से हर भारतीय का एक अलग ही जुड़ाव है. ऐसे अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन ने जब अपने ट्विटर पेज पर काशी के लिए 'मुर्दों का शहर' शब्द प्रयोग किया तो आपत्ति जताने वालों की बाढ़ सी आ गई. भारतीय सीएनएन के इस ट्वीट पर कमेंट कर अलग-अलग तरह से काशी की परिभाषा बताने लगे. कोई काशी को रोशनी का शहर बता रहा है तो कुछ लोग धार्मिक और सबसे पुराना शहर बता रहे हैं.

दरअसल, सीएनएन ने अपने नए शो 'बिलिवर' का टीजर अपने टि्वटर अकाउंट पर पोस्ट किया था. इस टीजर में चैनल ने काशी को ‘मुर्दो का शहर’ बताते हुए इस शो के बारे में बताया था. छह हिस्सों की सीरिज को धार्मिक स्कॉलर और आध्यात्मिक जिज्ञासु रेजा असलान होस्ट करेंगे. सीएनएन के इस ट्वीट पर लोग नाराज हो गए. भारतीय या भारतीय मूल के लोग ताबड़तोड़ कमेंट कर आपत्ति जताने लगे. 
सीएनएन के टीजर पोस्ट में लिखा था, ‘यह ‘मुर्दों के शहर’ के तौर पर जाना जाता है. रेजा असलान सीएनएन की नई सीरिज में आपको इसके अंदर लेकर जाएंगे. यह शो रविवार को रात 10 बजे से शुरू होगा.’ 

वीडियो में काशी के रोजमर्रा की जिंदगी की तस्वीर दिखाई गई है. एक दृष्य में गंगा के घाटों पर अंतिम संस्कार को भी दिखाया गया है. इस पोस्ट के बाद आम लोगों के साथ नेताओं, लेखकों, इतिहासकारों आदि ने चैनल से माफी मांगने को कहा है. 

आइए कुछ ट्वीट पढ़ें-:
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उपहार में उनका स्टाल पाने वाली शिल्पी तिवारी ने ट्वीट कर गुस्सा जाहिर किया है. शिल्पी ने कहा है कि  काशी सबसे पुराना आध्यात्मिक शहर है. उन्होंन गुस्से में कहा है कि अमेरिकी को और भी ट्रंप चाहिए.
 
ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले रॉफल इयान बाबू ने ट्वीट किया है, मैंने अपने दोस्तों से कभी भी इस शहर के बारे में ऐसी बात नहीं सुनी. मैं यहां कई बार गया हूं, यह बहुत ही जीवंत शहर है.
 
अभिषेक मिश्रा ने लिखा है,  वाराणसी धार्मिक स्थल काशी विश्वनाथ और संकट मोचन के लिए जाना जाता है. ये दोनों धर्म से ऊपर है. 
 
लेखक अमिष त्रिपाठी ने लिखा है, ‘हम भारतीय काशी को कभी भी मुर्दों का शहर नहीं कहते। यह रोशनी का शहर है। आपको कुछ सही रिसर्च करना चाहिए।’
 
मालूम है कि काशी को भारत की धार्मिक नगरी है. यहां से हिंदू, मुस्लिम के अलावा कबीरपंथियों का एक अलग ही लगाव है. इस शहर की गंगा आरती दुनिया भर में प्रसिद्ध है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यहां से चुनाव लड़ने के चलते यह जगह राजनीतिक रूप से भी खबरों में रहता है.
 

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