शरद यादव बिहार की मधेपुरा सीट से चार बार सांसद रहे
नई दिल्ली :
देश के कद्दावर समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय शरद यादव का गुरुवार शाम को 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उन्हें फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
शरद यादव से जुड़ी खास बातें..
शरद यादव का जन्म 1 जुलाई 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के अखमाउ गांव में हुआ था. उनका जन्म भले ही मध्य प्रदेश में हुआ लेकिन राजनेता के तौर पर वे बिहार की सियासत से ज्यादा जुड़े रहे.
छात्र जीवन से ही सियासत को लेकर उनकी खास रुचि रही. मध्य प्रदेश के जबलपुर इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वाले शरद यादव ने डॉ. राममनोहर लोहिया के विचारों से प्रभावित होकर कई आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी की. जेपी आंदोलन से भी उनका जुड़ाव रहा.
वर्ष 1974 में वे लोकसभा के लिए चुने गए. मध्य प्रदेश के जबलपुर से दो बार सांसद चुने गए शरद ने संसद में चार बार बिहार की मधेपुरा सीट का भी प्रतिनिधित्व किया. यूपी के बदायूं से भी वे एक बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं. उच्च सदन यानी राज्यसभा के भी वे तीन बार सदस्य रहे.
केंद्रीय मंत्रिमंडल में 'शरद बाबू' श्रम, नागरिक उड्डयन, कपड़ा, खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
लोकदल, जनता दल, जनता दल यूनाइटेड जैसी पार्टियों से वे संबंद्ध रहे. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के संयोजक की जिम्मेदारी भी वे संभाल चुके हैं. शरद यादव को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राजनीतिक गुरु माना जाता है, हालांकि आखिर के दौर में इन दोनों नेताओं के रिश्तों में कुछ तल्खी आ गई थी. वर्ष 2018 में अपनी पार्टी लोकतांत्रित जनता दल बनाई लेकिन दो साल बाद इसका लालू यादव के राष्ट्रीय जनता दल में विलय कर लिया.