"भारत का इतिहास 'तोड़ा-मरोड़ा गया', इसे दोबारा लिखें...", इतिहासकारों को अमित शाह के आश्वासन की 5 खास बातें

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारतीय इतिहास को भारतीय संदर्भ में लिख डालने का आग्रह किया और इतिहास के सभी विद्यार्थियों और प्रोफेसरों को आश्वासन दिया कि सरकार उनके प्रयासों को पूरा समर्थन देगी.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इतिहास को भारतीय संदर्भ में फिर लिखने की कोशिशों को केंद्र पूरा समर्थन देगा...

नई दिल्ली: 17वीं शताब्दी के अहोम जनरल लचित बारफुकन की 400वीं जयंती पर असम सरकार द्वारा दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित तीन-दिवसीय समारोह के दूसरे दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे, और भारतीय इतिहास को भारतीय संदर्भ में लिख डालने का आग्रह कर डाला. यही नहीं, उन्होंने सभी विद्यार्थियों और यूनिवर्सिटी प्रोफेसरों को आश्वासन भी दे दिया कि सरकार उनके प्रयासों को पूरा समर्थन देगी.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. अमित शाह ने कहा, "मैं इतिहास का विद्यार्थी रहा हूं, और कई बार सुना है कि हमारा इतिहास सही ढंग से पेश नहीं किया गया, उसे तोड़ा-मरोड़ा गया है... शायद यह सच है, लेकिन अब इसे ठीक करना होगा..."

  2. उन्होंने कहा, "मैं आपसे पूछता हूं - हमारे इतिहास को सही ढंग से, गौरवशाली ढंग से पेश करने से हमें कौन रोक रहा है..."

  3. अमित शाह ने कहा, "इतिहास के विद्यार्थियों और प्रोफेसरों को भारत के किसी भी हिस्से में 150 साल या उससे ज़्यादा वक्त तक राज करने वाले कम से कम 30 साम्राज्यों या वंशों और देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाली 300 विभूतियों पर शोध करना चाहिए..."

  4. केंद्रीय गृहमंत्री ने साफ कहा, "जब हम इतिहास को सही परिप्रेक्ष्य में लिख देंगे, तो यह सोच खत्म हो जाएगी कि अब तक इतिहास गलत पढ़ाया जाता रहा है..."

  5. इतिहासकारों और विद्यार्थियों को नए सिरे से शोध के लिए आश्वस्त करते हुए अमित शाह बोले, "केंद्र आपकी शोध को पूरा समर्थन देगा... आप आगे आइए, शोध कीजिए और इतिहास को दोबारा लिखिए..."