राजस्थान के अलवर में भगवान जगन्नाथ और माता जानकी का विवाह वरमाला महोत्सव का आयोजन किया गया. रूपबास स्थित रूप हरी मंदिर में बड़े धूमधाम से हुए इस आयोजन के हजारों श्रद्धालु साक्षी बने. मेला स्थल पर तीसरे दिन भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा महोत्सव के तहत माता जानकी और जगन्नाथ का पाणिग्रहण संस्कार वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न हुआ. साथ ही विधि-विधान के साथ उनको फेरों पर ले जाया गया. इस मौके पर पौराणिक विधि-विधान के साथ वरमाला कार्यक्रम सम्पन्न हुआ.
भगवान की अद्भुत झांकी की एक झलक पाने के लिए श्रदालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा. जानकी मैया और जय जगदीश के जयकारे मंदिर परिसर में गूंज उठे. गाजे बाजे के साथ जानकी माता की सवारी पहुंची. इस मौके पर भक्तों ने पुष्प वर्षा की.
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मंदिर महंत राजेंद्र शर्मा ने बताया कि आज भगवान जगन्नाथ जी महाराज का विवाह संपन्न हुआ है. भगवान जगन्नाथ जी महाराज और माता जानकी के विवाह समारोह में जयपुर, झारखंड और वृंदावन से फूलों की वरमाला मंगाई गई थी. जानकी जी को जनवासे से गाजे बाजे के साथ लाया गया और विवाह संपन्न कराया गया.
उन्होंने बताया कि अबकी बार जिला प्रशासन की ओर से मेले का काफी अच्छा इंतजाम किया गया था. श्रद्धालुओं को मेले में आने के लिए किसी भी तरह की कोई परेशानी का सामना करना नहीं पड़ा. इस मौके पर जिला प्रशासन की ओर से जिला स्तरीय राजकीय अवकाश भी शुक्रवार को घोषित किया हुआ है और शनिवार को भगवान जगन्नाथ जानकी जी को लेकर रूप हरि मंदिर से वापस जगन्नाथ मंदिर पहुंचेंगे.
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