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6 years ago
नई दिल्ली:

राजस्थान में गुर्जर समुदाय (Gujjar agitation) के लोग आरक्षण (Gujjar reservation) की मांग को लेकर एक बार फिर आंदोलन पर हैं. गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला की अगुवाई में गुर्जरों की महापंचायत हुई और आंदोलन का फ़ैसला लिया गया. इसके बाद बड़ी संख्या में गुर्जर सवाई माधोपुर में रेलवे ट्रैक पर धरना देने बैठ गए. इससे दिल्ली मुंबई रूट पर ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा है. दरअसल, गुर्जर समुदाय प्रदेश में नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में पांच फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं. गुर्जरों के इस आंदोलन का असर अब ट्रेनों पर काफी दिखने लगा है. गुर्जर आंदोलन की वजह से राजस्थान में 7 ट्रेनों का रूट बदला गया है, वहीं 1 को रद्द किया गया है और कई और ट्रेनें भी प्रभावित हैं. आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर तंबू गाड़कर और अलाव जलाकर बैठे हैं. वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आंदलोनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है. 

 

Gujjar Agitation in Rajasthan live Updates: 

पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर आंदोलनकारियों और सरकारी प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत के बाद भी शनिवार को गतिरोध जारी रहा.
गुर्जर आंदोलन करने वाले एक सदस्य ने कहा कि सरकार के लिए यह बड़ा काम नहीं:
गुर्जर आंदोलन: सवाई माधोपुर के मकसुदनपुरा में रेलवे ट्रैक पर बैठे गुर्जर समुदाय के सदस्य ने कहा कि हमारे पास अच्छे सीएम और पीएम हैं. हम चाहते हैं कि गुर्जर समुदाय की मांग को सुनें. उनके लिए आरक्षण प्रदान करना कोई कठिन काम नहीं है.
गुर्जर आंदोलन: राजस्थान के सवाई माधोपुर में गुर्जर समुदाय के लोग मकसूदनपुरा गांव के पास ट्रेन की पटरियों में बैठे हैं. इसकी वजह से दर्जनों ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है.
गुर्जर आंदोलन : राजस्थान में 7 ट्रेनों का रूट बदला गया, 1 को किया गया रद्द, कई और ट्रेनें भी प्रभावित

मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारियों से की शांति की अपील
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुर्जर आरक्षण आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेगी. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा आरक्षण को लेकर आंदोलन शुरू किए जाने के बीच गहलोत ने कहा, 'सरकार समाधान के लिए बेहद गंभीर है और राज्य सरकार के स्तर पर गंभीर प्रयास किया गया है. राज्य सरकार गुर्जर नेताओं से बातचीत करने को तैयार है. कांग्रेस सरकार ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेगी. मेरी उनसे शांति बनाए रखने की अपील है.' 
क्या है गुर्जरों की मांग
दरअसल, गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका-रेबारी, गडिया लुहार, बंजारा और गडरिया समाज के लोगों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है. वर्तमान में अन्य पिछडा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जर को अति पिछडा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है. 

पहले भी हुए हैं आंदोलन
आपको बता दें कि साल 2008 में राजस्थान में हुए गुर्जर आंदोलन में हुई पुलिस फायरिंग के दौरान करीब 20 लोगों की मौत हुई थी इस घटना को उस समय वसुंधरा सरकार की हार की बड़ी वजह माना गया था. 10 साल पहले हुए इस आंदोलन में राज्य में ट्रेनें और बसों का चक्का जाम कर दिया था और ट्रेन की पटरियों में गुर्जर समाज को लोग दिन रात बैठे रहते थे. हालांकि बाद में राज्य सरकार ने 5 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान कर दिया था लेकिन हाइकोर्ट में इसे खारिज कर दिया गया. इसके बाद साल 2011 में गहलोत सरकार ने एक फीसदी और वसुंधरा सरकार ने 2015 में फिर 5 फीसदी आरक्षण दिया लेकिन दोनों ही कोर्ट में खारिज कर दिए गए. 

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