उदयपुर के जगदीश मंदिर में लागू किया जाएगा ड्रेस कोड, शालीन कपड़े पहनकर आने की अपील

राजस्थान के उदयपुर में स्थित जगदीश मंदिर में भगवान के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं पर ड्रेस कोड लगाया जाएगा. साथ ही उन लोगों को मंदिर परिसर में आने से रोका जाएगा जिनके कपड़े शालीन नहीं होंगे.

उदयपुर के जगदीश मंदिर में लागू किया जाएगा ड्रेस कोड, शालीन कपड़े पहनकर आने की अपील

उदयपुर के जगदीश मंदिर में लगेगा ड्रेस कोड

उदयपुर:

राजस्थान के उदयपुर में स्थित जगदीश मंदिर में दर्शनार्थियों पर ड्रेस कोड लगाए जाने का एक मामला सामने आया है. मंदिर के पुजारी ने मंदिर में दर्शन करने आ रहे श्रद्धालुओं से मर्यादा पूर्ण कपड़े पहनकर आने की अपील की है. साथ ही मंदिर में आने वाले उन लोगों को दर्शन करने से रोका जाएगा जिनके कपड़े शालीन नहीं होंगे. 

mc0h8qao

मध्य प्रदेश के सबसे बड़े किराना बाजार में लगी आग, लाखों का सामान जलकर खाक

दरअसल, उदयपुर के प्रसिद्ध ऐतिहासिक जगदीश मंदिर के बाहर एक बोर्ड लगाया गया है, जिस पर ये साफ लिखा गया है कि मंदिर परिसर में मर्यादित और शालीन कपड़े पहनकर आना अनिवार्य है. ऐसे में मंदिर में दर्शन करने आ रहे उन श्रद्धालुओं को रोका जाएगा जिनके कपड़े शालीन नहीं होंगे. वहीं, इससे पहले उदयपुर के बोहरा गणेश जी मंदिर में भी ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है, जहां बरमूडा, शार्ट जींस, मिनी स्कर्ट नाइट सूट जैसे कपड़े पहनने पर मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा. 

छत्तीसगढ़ : पहली बार कैदखाने को बनाया जाएगा परीक्षा केंद्र, इस जेल के विचाराधीन कैदी देंगे बोर्ड एग्जाम

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

जगदीश मंदिर के पुजारी ने बताया कि दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को मर्यादा पूर्ण कपड़े पहनकर आने की अपील की गई है. उनका कहना है कि मन्दिर की मान-मर्यादा का ध्यान रखें. वहीं लोगों के मंदिर परिसर में शॉर्ट, नाईट सूट, बरमूडा ड्रेस पहनकर आने पर रोक लगाई गई है. साथ ही पर्यटन नगरी होने के नाते यहां विदेशी पर्यटकों का आना-जाना भी लगा रहता है ऐसे में उनके साथ आने वाले टूरिस्ट गाइड से अपील की गई है कि वह विदेशी पर्यटकों को मंदिर में सभ्य कपड़े पहनकर आने वाली अपील के बारे में जानकारी देकर उन्हें समझा दें. वहीं पुजारी का कहना है कि यह 400 साल पुराना मन्दिर है साउथ के मंदिरों में भी इस तरह के शालीन पहनावे की व्यवस्था है. सनातन संस्कृति को बचाए रखने के लिए इस तरह की व्यवस्था की गई है.