सचिन पायलट ( फाइल फोटो )
जयपुर:
राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस राज्य में गुटबाजी की आशंका को खत्म करने की पूरी कोशिश कर रही है. शनिवार को पार्टी संगठन में हुए फेरबदल का फैसला राजस्थान कांग्रेस के लिए बहुत अहम है. पार्टी आलाकमान ने एक तरह से सचिन पायलट का रास्ता साफ कर दिया है. पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अखिल भारतीय कांग्रेस समिति में जगह दी है मतलब उनको केंद्रीय संगठन में बुलाकर राजस्थान से दूर कर दिया गया है.
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कांग्रेस संगठन में हुए बड़े फेरबदल के तहत जनार्दन द्विवेदी की जगह राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पार्टी में संगठन महासचिव की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गयी. साथ ही पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह को ओड़िशा एवं सांसद राजीव सातव को गुजरात का एआईसीसी प्रभारी बनाया गया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी में पिछले कई वर्षों से संगठन महासचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे द्विवेदी को इस पद एवं महासचिव की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया.
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बात करें अशोक गहलोत की तो अब इस नई जिम्मेदारी के साथ उनका राजस्थान की राजनीति से वास्ता नहीं रह जाएगा. गौरतलब है कि राजस्थान कांग्रेस की कमान सचिन पायलट ने उस समय संभाली थी जब 2013 के चुनाव में पार्टी का पूरी तरह से सफाया हो गया था. उस समय राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत थे. इस चुनाव के बाद ही वसुंधरा राजे ने राज्य की कमान संभाली थी.
अशोक गहलोत राजस्थान में लोकप्रिय नेता के तौर पर जाने जाते हैं और उनका राज्य की राजनीति में अच्छा-खासा प्रभाव है. लेकिन कांग्रेस को इसका नुकसान भी पड़ रहा था. पार्टी के अंदर ही सचिन और अशोक गहलोत खेमा बनता जा रहा था. लेकिन अब सचिन पायलेट को 'फ्री हैंड' दे दिया गया है. इसके साथ ही एक तरह से ये भी संदेश देने की कोशिश की गई है कि पार्टी अब युवाओं को तरजीह दे रही है.
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