किरोड़ी लाल मीणा (फाइल फोटो)
जयपुर:
राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों से पूर्व प्रदेश के आदिवासी नेता और राष्ट्रीय पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष डॉ. किरोडी लाल मीणा ने आज फिर से भाजपा का दामन थाम लिया और अपनी पार्टी :एनपीपी: का भाजपा में विलय करने की घोषणा की. डॉ. मीणा ने वर्ष 2008 में भाजपा से छोड़ दी थी और 2013 में नेशनल पीपुल्स पार्टी में शामिल हो गये थे. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और अन्य नेताओं की उपस्थिति में भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में पांच बार विधायक रहे डॉ. मीणा और एनपीपी के दो अन्य विधायकों गोलमा देवी और गीता वर्मा भी भाजपा में शामिल हो गये. राजस्थान विधानसभा में नेशनल पीपुल्स पार्टी के चार विधायक है लेकिन चौथे विधायक नवीन पिलानिया भाजपा में शामिल नहीं हुए.
इस अवसर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा कि मीणा ने उनकी पार्टी एनपीपी के विधायकों के दो तिहाई बहुमत के साथ भाजपा में विलय के लिये एक पत्र दिया है. मीणा ने कहा, 'आज बिना शर्त अपने पुराने घर वापस लौटने पर मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही है. यह वैसे ही है, जैसे मेरा वनवास खत्म हो गया हो. मेरी पृष्ठभूमि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की है. इसके बाद मैं भाजपा में शामिल हो गया था और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. आज मैं फिर से बिना किसी शर्त के भाजपा में शामिल हो गया हूं.’’
कांग्रेस पर प्रहार करते हुए आदिवासी नेता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर में 33 लोगों के भुखमरी से मारे गये लोगों के बाद उनके द्वारा किये गये आंदोलन के लिये उनको निशाना बनाया था, लेकिन मुख्यमंत्री राजे ने उनके किसी आंदोलन से नाराज नहीं हुई. उन्होंने कहा कि प्रदेश में उन्होंने 380 आंदोलन किये और उनके खिलाफ राजनीति से प्रेरित 103 मामले दर्ज हैं. 66 वर्षीय नेता ने कहा कि उन्होंने गलतियां की और वे दस वर्ष पूर्व भाजपा अलग हो गये, लेकिन उन्होंने पार्टी की विचारधारा को कभी नहीं छोड़ा और फिर से भाजपा में शामिल हो गये.
भाजपा में वापसी पर मुख्यमंत्री राजे ने मीणा का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी भावनात्मक बातों को इस प्रकार प्यार से प्रकट की है कि उनकी आंखों में आंसू आ गये. राजे ने कहा कि उनका मजबूत भाई वापस घर लौट आया है. भाजपा में शामिल हुये तीनों विधायकों ने पार्टी की सदस्य बनने के लिये पार्टी के नम्बर पर मिस कॉल किया. विधायक नवीन पिलानिया द्वारा खुद को इस राजनीतिक घटनाक्रम से दूर रखने के बारे में मीणा ने संवाददाताओं को बताया कि यह पिलानिया की निजी इच्छा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इस अवसर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा कि मीणा ने उनकी पार्टी एनपीपी के विधायकों के दो तिहाई बहुमत के साथ भाजपा में विलय के लिये एक पत्र दिया है. मीणा ने कहा, 'आज बिना शर्त अपने पुराने घर वापस लौटने पर मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही है. यह वैसे ही है, जैसे मेरा वनवास खत्म हो गया हो. मेरी पृष्ठभूमि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की है. इसके बाद मैं भाजपा में शामिल हो गया था और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. आज मैं फिर से बिना किसी शर्त के भाजपा में शामिल हो गया हूं.’’
कांग्रेस पर प्रहार करते हुए आदिवासी नेता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर में 33 लोगों के भुखमरी से मारे गये लोगों के बाद उनके द्वारा किये गये आंदोलन के लिये उनको निशाना बनाया था, लेकिन मुख्यमंत्री राजे ने उनके किसी आंदोलन से नाराज नहीं हुई. उन्होंने कहा कि प्रदेश में उन्होंने 380 आंदोलन किये और उनके खिलाफ राजनीति से प्रेरित 103 मामले दर्ज हैं. 66 वर्षीय नेता ने कहा कि उन्होंने गलतियां की और वे दस वर्ष पूर्व भाजपा अलग हो गये, लेकिन उन्होंने पार्टी की विचारधारा को कभी नहीं छोड़ा और फिर से भाजपा में शामिल हो गये.
भाजपा में वापसी पर मुख्यमंत्री राजे ने मीणा का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी भावनात्मक बातों को इस प्रकार प्यार से प्रकट की है कि उनकी आंखों में आंसू आ गये. राजे ने कहा कि उनका मजबूत भाई वापस घर लौट आया है. भाजपा में शामिल हुये तीनों विधायकों ने पार्टी की सदस्य बनने के लिये पार्टी के नम्बर पर मिस कॉल किया. विधायक नवीन पिलानिया द्वारा खुद को इस राजनीतिक घटनाक्रम से दूर रखने के बारे में मीणा ने संवाददाताओं को बताया कि यह पिलानिया की निजी इच्छा है.
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